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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कंगवो ( २१८) कंठौरल कंगवो-(न0) फसल का एक रोग । भाग । घोंटा । गळो । ३. स्वर । अावाज । कंगस-(न०) कवच । ४. स्मरण करने की क्रिया । ५. याद कंगाल-(वि०) गरीब । निर्धन । (वि०) कंठस्थ । जवानी । कंघो-(न०) कंधा । कौकियो। कंठत्राण-(न०) गले की रक्षा के लिए युद्ध कंचरण-(न०) सोना । कंचन । सोनो। में पहिनी जाने वाली लोहे की एक जाली। कंचरणी-(ना०) १. हल्दी। २. वेश्या। कंठकवच । गलवारण । गले का कवच । पातर । ३. नर्तकी। नाचरण । (न०) कंठ बेठणो-(मुहा०) १. गला बैठना । १.नपुंसक । नामर्द । २.नाजिर । नाजर। २. स्वर साफ नहीं निकलना। कंचनी-दे० कंचरणी। कंठमाळ-(ना०)गले में माला की तरह कंचूनो-(न०) कंचुकी। अंगिया । चोली। अनेक गुमड़ियाँ निकलने का रोग । काँचळी। गंडमाला। कंचुवो-दे० कंचुनो। कंठमाळा-(ना०) १. गंडमाला का एक कंचू-दे० कंचुनो। रोग । २. गले का हार । कंचो-(न०) १. पतंग । गुड्डी । कनकौवा। कंठळ-दे० कांठळ । २. कंचुकी। कंठलो-(न०) गले का एक आभूषण । कंज-(न०) १.कमल । २.ब्रह्मा । ३. अमृत । कंठसरी-(ना०) कंठी । कंठसिरी । कंठश्री। ४. सिर के बाल । ५. दोष । ६. महादेव। गले की माला। कंजर-न०) एक अस्पृश्य जाति । (वि०) कंठ सूखरगो-(मुहा०) १. गला सूखना । झगड़ालू । २. मुसीबत में पड़ना। कंजरी-(ना०) १. कंजर जाति की स्त्री। कंठस्थ-(वि०) १. कंठस्थित । कंठगत । २. मुसलमान वेश्या । (वि०) झगड़ालू । २. जबानी याद । कंठाग्र । कंजार-(न०) सूर्य । सूरज । कंठाळ-(न0) ऊंट। कंजारी-(न०) चंद्रमा। कंठाळो-(वि०) १. गाने में सुमधुर आवाज कंजूस-(वि०) कृपण। वाला । २.बलवान । शक्तिमान । ३.सिंह । कंटक-(न०) १. कांटा। २. दुश्मन । शत्रु । (न0) ऊँट । ३. असुर । राक्षस । (वि०) १. बाधक । कंठी-(ना०) १. गले का एक आभूषण । विघ्नकर्ता । २ कष्टदायक । शल्यरूप । २. छोटे गुरियों की माला। ३. साधु३. हृदयहीन । ४. शठ। ५. मूर्ख। गुरु की ओर से शिष्य को दीक्षा के रूप ६. दुष्ट । दुरात्मा। में पहिनाई जाने वाली माला। ३. तुलसी कंटक असण-(न०) ऊँट । की माला। कंटग-दे० कंटक । कंठीबंध-(वि०) किसी सम्प्रदाय में दीक्षित कंटाळो-(न०) १. ऊँट कंटाला घास । होकर उसके चिह्न स्वरूप कंठी गले में २. ऊब । उद्वग। उकतान । व्याकुलता। धारण करने वाला । अनुयायी। (वि०) कांटेदार । काँटोवाला । कँटीला। कंठीर-(न०) सिंह । कंट्राट-दे० कांट्रेक्ट । कंठीरण-(ना०) सिंहनी। कंट्रोल-(न०) अंकुश । काबू । कंठीरणी-(ना०) सिंहनी। कंठ-(न०) १. गला। २. गले के अंदर का कंठीरल-(न०) सिंह। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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