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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कळळ कळजुग पोहरो ( २१०) कळजुग पोहरो-दे० कळजुगवारो। कळपावणो-(क्रि०)१. दुख देना । सताना। कळजुग वारो-(न०)१. कलियुग का समय। २. रुलाना । ३. विलाप करना। ४. दुखी २. अधर्म का समय । होना। कळझळ-(ना०) कलह । कळपीजणो-(क्रि०) १. दुखी होना । २. कळण-(ना०) १. भिगोकर छिलके उतारने विलाप करना । के बाद पिसी हुई दाल । २. दलदल। कळबी-(न0) एक कृषक जाति । करणबी। कीचड़ । ३. वह गीली जमीन जिस पर चलने से पैर अन्दर घुस जायें । ४. नाश । कलम-(ना०) १. बही में लिखी जाने वाली रुपयों की संख्या और उसके विवरण ५. मवाद नहीं निकलने के पहले फोड़े में । होने वाला दर्द । व्रण की पीड़ा । पीड़। सहित किसी व्यक्ति के नाम की लिखावट कळणो-(क्रि०) १. कीचड़ में फंसना । २. दाखिला। रकम । एन्ट्री। २. दफा । हैरान होना। परेशान होना। ३. दुख धारा । सेक्शन । ३. बही-खाते में लिखा जाने वाला विषय या व्यक्तिपरक एक देखना। ४. नाश करना। ५. युद्ध करना । बार का ब्योरा । अाइटम । ५. लेखनी। ६. अनुमान करना । ७. दाल को भिगोकर छिलके दूर करने के बाद चक्की में कलम । ६. चित्रशैली । ७. पेड़ की वह टहनी जो दूसरी जगह लगाने के लिये पीसना। रोपी जाती है। ८. सिर के बालों का कळत-(ना०) १. कीचड़ । २. कमर । ३. वह पतला भाग जो कान के प्रागे दाढ़ी स्त्री । कलत्र। की अोर रखा जाता है । हजामत में कळत्त-दे० कलत्र। कनपटियों के बालों की काट । ६. मुसकळतर-(ना०) १. व्रण की वेदना । २. लमान । शरीर में होने वाली वेदना । पीड़ा। कळमत-(न०) युद्ध । कलत्र-(न०) १. पत्नी । स्त्री । लुगाई।। कळमस-(न०)१. पाप । कल्मष । २. मैल। कळदार-(न०) १. मशीन द्वारा निर्मित (वि०) १. काला । श्याम । २. मैला । चाँदी का रुपया। २. ताला। (वि०) कलमदान-(न०) एक लंबी छोटी संदूकची कलवाला । यंत्रवाला। जिसमें दवात और कलमें रखी रहती हैं। कलप-(न०) १. ब्रह्मा का एक दिन । कलम-हथो-(वि०) १. लेखक । २. कवि । कल्प। २. वेद के छः अंगों में से एक । कलमारण-(न०) मुसलमान अर्थ सूचक ३. शरीर को निरोग और पुनः युवा 'कलम' शब्द का बहुवचन रूप । मुसलबनाने की एक वैद्यक युक्ति । कल्प । ४. मान वर्ग। खिजाब । ५. समय । काल । __ कलमी-(वि०) कलम लगाने से उत्पन्न । कळप-(न०)१. दुख । संताप । २. बेचैनी। जैसे कलमी ग्राम । २. रवे वा सींक के ३. उत्कट इच्छा । ४. लाग । लगन । जैसा । जैसे--कलमीशोरा। । कळपरणो-(क्रि०) १. दुख भुगतना। २. कलमीसोरो-(न०) शोरा । कलमीशोरा । बिलखना। विलाप करना। ३. कल्पना कळमळ-(न०) १. सेना। २. सेनापति । . करना। ४. किसी वस्तु को किसी के ३. युद्ध । निमित्त करना। कळळ-(न०) १. पाप । २. अपराध । कळपतर-दे० कल्पतरु । दोष । ३. गर्भ का प्रारंभिक रूप । ४. For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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