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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इकतारो प्रांबो मोरियो ( १२२ ) अाँबो मोरियो -(न0) बधाई का एक प्रावळी इग्यारस-(ना०) १. फाल्गुन __ लोक गीत । प्रांबो। ___शुक्ल पक्ष की एकादशी । आमलक एकाअाँमें-(सन०) १. इनमें । इनमें से। दशी। २. झूला झूलने का एक वासंतिक प्रारै-(सन०) इनके । इणार। लोकगीत। आँरो-(सर्व०) इनका । इणारो। आँवळी ग्यारस-दे० प्रावळी इग्यारस । गाँव-(ना०) १. खाये हए अन्न का अपचा प्रॉवळो-(न०)१. एक वृक्ष और उसका हुप्रा लसदार सफेद चिकना मल । ग्राम। फल । आँवला । आमलक । २. स्त्रियों की २. प्रामरोग । कलाई में पहना जाने वाला एक प्राभूषण। ३. स्त्रियों के पाँवों में पहनने का एक प्रावळ-(ना.) १. वह झिल्ली जो गर्भ में जेवर । ४. बट । बल । बळ । (वि०) बच्चे के लिपटी रहती है । जेरी। जरायु । टेढ़ा। प्रांटो। २. एक पीले फूला वाला क्षुप जिसका प्रावो-(न०) कच्ची ईंटें, मिट्टी के बरतन छाल से चमड़ा रंगा जाता है। पकाने का कुम्हार का भट्टा। आँवाँ । आँवळणो-(क्रि०) १. मरोड़ना । २. कान पजावा । कजायो। ऐठना। आँसू-(न०) दुख या हर्ष से आँखों में से प्राँवळनाळ-(ना.) जेरी और उसकी निकलने वाला पानी । अश्रु । प्रांहूं । नली। जेरी । पाँवळ । आँसू-(बर्व०) इनसे । प्राँवळा--(न0ब०व०) १. स्त्रियों के पाँवों अाँहचै-(क्रि०वि०) १. शीघ्र । २. जोर से में पहनने का एक गहना। (चलना या बोलना)। प्रावळाडग्यारस-दे० प्रावळी ग्यारस । अाँहाँ-(अव्य०) नकारात्मक उद्गार । अाँवळासारगंधक-दे० प्रामळसार गंधक । ना। नहीं। अाँवळासार गंध्रप-दे० प्रामळसार गंधक। अहूिँ - दे० आंसू । इ-संस्कृत परिवार की राजस्थानी भाषा ढोल । ३. एक छत्रता का धौंसा। का तोसरा स्वर वर्ण । (सर्व०) १. इस। इकडंकी-(ना०)१. स्वच्छंदता। २. निमं२. इन । ३. यह । (अव्य०) १. पोर । यता। ३. एक छत्रता । २. पादपूर्णार्थ अव्यय । (क्रि०वि०) ही । इकढाळियो–दे० अगढाळियो । इअ-- (सर्व०) इस । इकतार-(न०) १. ध्यान । (वि०)१. एक इए-(सर्व०) इस। रस । एक समान । २. समान । बराबर । इक-(वि०) एक । (क्रि० वि०) लगातार । निरन्तर । इकखरो-(न0) डिंगल गीत-छंद का एक इकतारी-(ना०) १. उत्कट लगन । नहीं भेद । इकक्खरो। टूटने वाली आसक्ति । २. निनिमेष दृष्टि । इकट्ठो-(वि०) इकट्ठा । एकत्रित । टकटकी । स्थिर दृष्टि । ३. ध्यान । इकडंकियो-धूसो-(न०) १. नगाड़े को एक ४. समाधि । डंके से बजाने का एक प्रकार । २. एक इकतारो-(न०) एक तार वाला एक वाद्य डंके से बजाया जाने वाला नगाड़ा या यंत्र । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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