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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीगासी ( ६२ ) प्राग्राज आगासी-(ना०) १. घर के ऊपर के कमरे प्रागै-लग-(क्रि० वि०) १. लगातार । के पागे का छपरा। २. चंदोवा। निरंतर । २. अंत तक । ३. आदि चाँदनी। से। शुरू से । (वि०) क्रमानुसार । आगाहट-(न०) १. राज्य की ओर से देव- सिलसिलेवार । (न०) सिलसिला । स्थान को अर्पण की हुई भूमि । अग्रहार। क्रम । २. चारण, भाट, ब्राह्मण, साधु आदि को प्रागै-लारै-(प्रव्य०) १. परिवार या दान में दी हुई भूमि या गाँव । ३. दान । रिश्ते में । २. पहले या बाद में । प्रागियो-(न०) १. जुगनू। खद्योत। ३. कभी आगे, कभी पीछे । दे० प्रागै २. चिनगारी। ३. पतंगा। फतिंगा। पाछै । ४. ज्वार की फसल का एक रोग । प्रागैवान-दे० आगीवाण । ५. पशुओं का एक रोग । आगोतर-(न०) अगला जन्म । मरने के प्रागी-(ना०) प्राग । अग्नि । (क्रि०वि०) बाद होने वाला जन्म । १. आगे । २. दूर। प्रागो-पाछो--(न०) इधर-उधर करने की प्रागीनै-(क्रि०वि०) १. प्रागे को। क्रिया या भाव । (क्रि० वि०) इधर२. सामने । आगे। उधर । आगी-पाछी--(ना०) १. इधर की उधर आगो-पीछो-दे० आगा-पीछो । और उधर की इधर । २. परस्पर भिड़त आगोर-(ना०) तालाब के पास की वह कराने की बातें । ३. पीठ पीछे की निंदा। जमीन जिसकी वर्षा का पानी उस जलाचुगली । ४. बुराई । निंदा। शय में आता है। प्रागीवारण --(वि०) अगुमा । मुखिया। आगोलग-दे० प्रागै लगे । पागू - (वि०) १. अगुआ। पथ प्रदर्शक । आग्ना-(नाo) आज्ञा । हुक्म । (वि0) अगला । (क्रि०वि०) १. पहले। अाग्नेय-(वि०) १. अग्नि सम्बन्धी । २. पहले से । ३. भविष्य में । २. अग्नि का। पागूकथ-(ना०) भविष्य वाणी। प्राग्नेय दिशा-(ना०) अग्निकोण । आगून-(क्रि०वि०) आगे। आग्नेयास्त्र-(न०) प्राग फेंकने या उगलने पागूलग-दे० प्रागै लगे । वाला अस्त्र । आगूच-(क्रि० वि०) पहले। पहले से। आग्या-(ना०) आज्ञा । हुक्म । पेशगी । अग्रिम। प्राग्याकारी-दे० प्राज्ञाकारी । आगेवाणी-दे० प्रागीवारण । प्राग्यापत्र–दे० प्राज्ञापत्र । प्रागै-(क्रि० वि०) १. सामने । सम्मुख । प्रारयापाळक-दे० आज्ञापालक । २. अगाड़ी। ३. इसके बाद । और । प्राग्यापाळण-दे० प्राज्ञापालन । ४. दूर । ५. पहले । बीते समय में। पाग्या भंग-दे० प्राज्ञा भंग । प्रागै-पाछ-(क्रि० वि०) १. आगे और आग्रह-(न०) १. अनुरोध । २. हठ । पीछे । २. इधर-उधर । ३. एक के बाद। जिद । ३. बल । जोर । ४. तत्परता । दूसरा । ४. एक-एक करके। मुस्तैदी। प्रागै-पीछे-दे० प्रागै-पाछै । आग्राज-(ना०) १. गर्जन । दहाड़ । प्रागै-लग-दे० मागे लगे। २. गंभीर ध्वनि । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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