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( ८८८ )
हरवकत
हरवकत (बक्त, वखत)-क्रि० वि० [अ० हरवक्त] हर क्षण, हर | हरांन-देखो 'हैरान' । समय, हरदम।
हरांम-वि० [अ० हराम) १ इस्लाम धर्म के अनुसार हलाल हरवळ (ल्ल)-देखो 'हरावळ'।
का विपर्याय । पाप युक्त । २ धर्म विरुद्ध, वजित, हरवांम (वांमा)-स्त्री० [सं० हर-वामा] १ उमा, पार्वती। निषिद्ध । ३ प्रभक्ष्य । ४ अनुचित, नाजायज । ५ दोषयुक्त, २ गंगा । ३ देखो 'हरिवामा' ।
बुरा । ६ अप्रिय, कटु । ७ कठिन, दूभर । ८ बेकार; हरवाइ, हरवाई-स्त्री० नोचता, कुकर्म, दुष्टता ।
व्यर्थ । -पु. १ अर्घ, पाप । २ बुराई। ३ स्त्री-पुरुष का हरवाहण (न)-पु० [सं० हर-वाहन] १ शिव की सवारी, | नाजायज संबंध, व्यभिचार । ४ निषिद्ध की हुई वस्तु । नन्दी । २ बैल । ३ देखो 'हरिवाहण'।
-कारी-स्त्री० परस्त्री गमन, व्यभिचार । -खोर-वि० हर-संकरी-पु० एक प्रकार का मादक पदार्थ, विशेष । .
कृतघ्न, नमक हराम । अनुचित कमाई करने वाला । हरस-पु० [सं० ] १ प्रानन्द, खुशी, प्रसन्नता । २ उत्फु- कामचोर, निकम्मा। दंगाबाज धोखेबाज ।-खोरी-स्त्री.
ल्लता, प्रफुल्लता, रोमांच । ३ संयोग शृंगार के अन्तर्गत हरामखोर का कार्य । कृतघ्नता, नमक हरामी । कामचोरी, एक संचारी भाव (साहित्य)। ४ धर्म के तीन पुत्रों में से निकम्मापन । पाप की कमाई, चोरी । धृष्टता, बदमाशी । एक । ५ देखो 'हरसवरदन'।
-खोरी='हरामखोर'।-जावगी-हरामखोरी'।-जावी हरसक, हरसकर-वि० [सं० हर्षक, हर्ष-कर] मानन्ददायक, -वि० हराम की प्रौलाद, दोगला, जारज । धूर्त, दुष्ट, “प्रसन्न करने वाला।
पाजी । निकम्मा, हरामखोर ।। इरसकोलक-पु० [सं० हर्ष-कीलक] कामशास्त्र के अनुसार एक | हरामी-वि० [अ० हरामी] १ हराम की पैदाइस, व्यभिचार प्रासन।
से उत्पन्न, दोगला । २ दुष्ट, धूर्त, पाजी । ३ कृतघ्न, नमक हरसखा-पु० [सं०] धनपति, कुबेर ।
हराम । ४ मुफ्तखोर। -खोर'हरामखोर'।. रसण-पू० [सं० हरण] १ कामदेव के पांच बाणों में से एक। हरा-स्त्री० १ उमा, पार्वती, गिरिजा। २ हरीतकी, हरें,
२ काम वासना की तीव्रता से पुरुष को इन्द्रिय का हरड़। तनाव । ३ एक नेत्र रोग विशेष । ४ श्राद्ध कर्म का | हराउळ-देखो 'हरावळ' । अधिष्ठाता एक देव । ५ फलित ज्योतिष के २७ योगों में
हराड-स्त्री० हार, पराजय । से एक । ६ प्रसन्न या खुश होने की अवस्था या भाव ।
हराणी (बी)-कि० [सं० ह] १ युद्ध, द्वन्द्व या प्रतियोगिता में
परास्त करना, पछाड़ना। २ शिथिल करना, थकाना; ७ प्रसन्नता, खुशी । एक प्रकार का श्राद्ध ।-वि०१
नाकामयाब करना। ३ तर्क या युक्ति द्वारा निरुत्तर कर मानन्ददायक, प्रसन्नताकारक । २ हर्ष-उत्पादक। ,
देना। ४ अपहरण कराना। हरसणाकल-स्त्रो०६षं ध्वनि ।
हराद-पु० [सं० ह्रादः] ध्वनि, प्रावाज । हरसरणी (बी)-क्रि०० [सं० हर्षणं] १ खुश होना, प्रसन्न
हरायण (पी)-पु. १ हरे होने की अवस्था या भाव हरितता। होना । २ हंसना, खिलखिलाना ।
२ हरे रंग या वर्ण की झलक । हरसत-देखो 'हरसित'।
हरायत-पु० १ संदेशवाहक, खबरनवीश । २ देखो 'हेरायत'। हरसवरद्धन, हरसवरधन-पु० [सं० हर्षवर्धनः] भारत का एक
हरारत-स्त्री० [अ०] १ मंद उधर, हल्का ज्वर । २ गर्मी, प्रसिद्ध सम्राट जो विक्रम की सातवीं शताब्दी में हुआ था।
उष्णता। हरसाणो (बी)-क्रि० [सं० हर्षणं] १ खुश होना, प्रसन्न होना
हरालउ-वि० हर्षित। ___या करना । २ हंसना, हंसाना। हरसित-वि० [सं० हर्षित] प्रसन्न, खुश, मानन्दित ।
हरावणी-वि० (स्त्री० हरावणी, हरावनी) १ हार या पराजय
दिलाने वाला । २ हराने वाला, पराजय करने वाला हरसिरा-स्त्री० [सं०] गंगा नदी। हरसुत-पु. [सं०] १ शिव के पुत्र स्वामिकात्तिकय । २ गणेश,
३ हरण कराने वाला । गजानन ।
हरावणो (बौ)-देखो 'हराणो' (बी)। हरसेखरा-स्त्री० [सं० हरशेखरा] गंगानदी।
हरावळ (ल)-पु० [फा०] १ सेना का अग्रभाग । २ मागे का हरसेन-पु० [सं० हरिसेना] श्रीराम की वानर सेना।
हिस्सा या भाग। हरस्वांत-पु. पपीहा।
हरास-१ देखो 'ह्रास' । २ देखो 'हरारत' । हरहंस-पु० सूर्य ।
हरि-पु० [सं०] १ ईश्वर, परमेश्वर, परमात्मा । २ विष्णु । हरहार-पु. शिव के गले का हार, सपं ।
३ श्रीकृष्ण । ४ श्रीराम, श्रीरामचन्द्र । ५ ब्रह्मा ।
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