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सूरवो
। ८३९ )
सूळधारणी
सूरवी-देखो 'सूरमा'।
सूरीस, सूरीसर, सूरीसरु (रू) सूरीसरी, सूरीस्वर-पु. सूरसज्जा-स्त्री० [सं० शूर-शय्या] वीरों की शय्या, रणक्षेत्र।। [सं० सूरि-ईश, ईश्वर] १ पाच यं (जैन) । २ महासूरसरौ-पु० बहादुरों, वीरों की परिपाटी।
पंडित । सूरसांमत-पु०१ युद्ध मंत्री। २ सेनानायक, सरदार । सूरू-१ देखो 'सूर' । २ देखो 'सरु' । सूरसाही-पु. शेरशाह सूरी द्वारा चलाया गया सिक्का। | सूरेह-देखो 'सुरभि'। सूरसुत-पु० [स० सूर्य-सुत] १ शनि ।. २ यम । ३ कर्ण। सूरी-पु० १ छन्द शास्त्र में ठगण का दूसरा भेद 5 । २ देखो ४ सुग्रीव ।
'सूर' । ३ देखो 'सूबर'। सूरसुता-स्त्री० [सं० सूर्य-सुता] १ यमुना । २२ बिजली, विद्युत । | सूरयधज-पु० [सं०सूर्यवध्ज] कायस्थ जाति का एक भेद विशेष । सूरसेत-पु० सिंह, शेर।
___-वि० जिसके रथ की ध्वजा में सूर्य का चित्र हो। सूरसेनप-पु० [सं० शूरसेनप] १ शूरवीरों की सेना का पालन | सूरघाम-वि० [सं० सूर्याभ] जिसकी भाभा सूर्य के समान हो। करने वाला । २ स्वामिकात्तिकेय ।
सूरचावरतपु० [सं० सूर्यावर्त] सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहने सूरसेनी-पु. शौरसेनी भाषा।
___वाला शिर-दर्द का रोग । सूरस्वारथी-पु० वह घोड़ा जिसके चारों पैरों के बाल पीले एवं | सूरथावली-पु. एक प्रकार का प्राभूषण । नेत्र काले होते हैं ।
सूलंधरा स्त्री० शूल नामक शस्त्र को धारण करने वाली देवी, सूरांगुर-पु. वीरों में श्रेष्ठ, वीर शिरोमणि ।
___दुर्गा। सूरांण-पु० (ब. व.) शूरवीर व बहादुर लोग ।
सूळ-पु० [सं० शूल] १ बरछे के पाकार का प्राचीन काल का सूरांगो-वि० शूरवीर, बहादुर ।
शस्त्र, बरछा, भाला। २ त्रिशूल। ३ प्राण-दण्ड देने की सूरांतण-देखो 'सूरातन'।
प्राचीन काल की सूली । ४ बबूल प्रादि वृक्षों का लम्बा सूरांयर-वि० वीर, बहादुर।
कांटा । ५ तीक्ष्ण या नुकीला कोई पदार्थ। ६ काटे प्रादि सूराई-स्त्री. १ वीरता, बहादुरी । -पु० [सं० सुरराज] | के चुभने का दर्द। ७ वात-विकार के कारण होने वाला २ इन्द्र।
तीव्र दर्द । ८ भय, हर। ६ टीस, कसक, दर्द । १० मृत्यु, सूराख-पु० [फा०] १ छिद्र, छेद । २ रास्ता, मार्ग।
मौत । ११ दुःख, पाप । -वि० नुकीला, तीक्ष्ण। सूराचंव-पु० मारवाड़ का एक प्रदेश ।
। सूल-पु० १ रक्षा, बचाव । २ हाल-चाल, रंग-ढंग। ३ दशा, सूरातन-पु०१ वीरता, शौर्य, पराक्रम । २ शौर्य, पराक्रम । हालत, अवस्था । ४ प्रबन्ध, व्यवस्था। ५ संस्कार, सुधार । सूरापरण (पो), सूरापौ-देखो 'सरपणो' ।
६ उपाय, युक्ति, तरकीब । ७ प्रयास, प्रयत्न । ८ उद्देश्य, सूराभिमुह-क्रि० वि० [सं० सूर्याभिमुख] सूर्य के सम्मुख, सूर्य के | इरादा। ९ कारण, वजह । १० तरह, मांति, प्रकार । सामने।
११ पाराम, चैन । १२ ज्योतिष का एक योग । सूरामंडळ-देखो 'सूरमंडळ' ।
१३ वस्तु, पदार्थ। -वि. १ कुशल, प्रवीण । २ ठीक, सूरावत-वि० वीर, बहादुर, पराक्रमी।
दुरुस्त । -क्रि०वि० ३ दशा, हालत या स्थिति में। सूरि-पु० [सं०] १ पंडित, विद्वान । २ सूर्य, रवि । ३ जैन | । ४ उपाय या तरकीब से, ढंग से। ५ देखो 'सूळ' । । .. प्राचार्यों के नाम के पीछे उपाधि स्वरूप प्रयुक्त होने
सूळक-पु० [सं० शूलक] १ दुष्ट और उद्दण्ड घोड़ा। २ बिदकने वाला शब्द।
वाला घोड़ा। सूरिज-देखो 'सूरज'।
सूळग्रह-वि० [सं० शूलग्रह] शूल या त्रिशूलधारी। -पु० शिव सूरिजन-पु० (ब. व.) विद्वान लोग, विद्वद्जन ।
___या महादेव का एक नामान्तर । सूरिजि-देखो 'सूरज'।
सूळझणौ (बो)-देखो ‘सुळझणौ' (बो)। सूरिजिजा-देखो 'सूरजा'।
सळटंकेस्वर-पु० [सं० शूलटंकेश्वर] प्रयाग वट के पास शिव की सूरमो-देखो 'सूरमो'। सूरियौवायरो-देखो 'सूरयौ' ।
एक मूर्ति। सूरिवौ-स्त्री० १ शूल । २ देखो 'सूरमो' ।
सूलधन्वो, सूलधर-पु. शिव, महादेव । सूरिस, सूरिसर, सूरिसरू (सरी, स्वर)-देखो 'सूरीसर'। | सूळधरा-स्त्री० [सं० शूलधरा] दुर्गा, पार्वती । सूरी-स्त्री०१ स्वर्णकारों का एक प्रौजार । २ एक प्रकार का सूळधारणी, सूळधारा, सूळधारिणी-स्त्री० [सं० शूलधारा] . शस्त्र विशेष । ३ वीर स्त्री, सती । ४ देखो 'सूरि'। . दुर्गा, पार्वती।
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