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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुवेध ( ८२६ सुसीर स वेध-वि० १ पंडित, विदग्ध । २ सिक । [सं० शान्त] | सुसब-स्त्री० [सं० सु-छवि] सन्दरता, छबि । विनीत। सुसबद, सुसबद्द-पु० [सं० सु+शब्द] १ कीति, यश, बड़ाई, सवेल-पु० [सं० सुवेलः] १ लंका के पास का एक पर्वत जिस २ पच्छा व शुभ शब्द । ३ मधुर वचन । पर श्रीराम ने सैन्य शिविर लगाया था। -स्त्री० २ सुन्दर ससमय-पु. अच्छा समय या अवसर । लता। सुसमा-स्त्री० [सं० सुषमा] १ सुन्दरता, शोभा, छवि । २ सुवेलड़ी-स्त्री० सुन्दर लता, वल्लरी। ___मंद मुस्कराहट, मृदु हास्य । [सं० सुष्म] ३ पग्नि । सुवेळा-स्त्रो० शुभ वेला, अच्छा समय । | सुसमाथ-वि० सामर्थ्यवान, समर्थ । सवेस-पु० [सं० सुवेश] सुन्दर वेश। -वि० स्वरूपवान, सन्दर । | सुसमित-वि० [सं० सुस्मित] १ मुदित, मुस्कराता हुमा सुवै-क्रि०वि० तक, पर्यन्त । २ प्रफुल्लित। सुवरण-स्त्री० [सं० सुवेणि] १ किसी स्त्री को सुन्दर चोटी, | ससमो-देखो 'ससमो'। सुन्दर वेणी । २ मित्रता, दोस्ती। ३ देखो 'सुवेण' । सुसर-पु० [सं० सु-स्वर] १ मधुर स्वर । २ छप्पय छन्द का सुवैन -पु० सूरज । ___३६वां भेद। ३ देखो 'ससुर'। ४ देखो 'सुसरि' ५ देखो सुवोरोग-पु० सूतिका रोग। | 'सुसिर'। सुवो-पु० [सं० शुक] १ तोता, कीर, सुग्गा, शुक । २ प्रसव | सुसरनंद-पु० हनुमान । ___कालीन समय, सूतक । ३ देखो 'म्र वो' । ४ देखो 'सूवौं'। | सुसरम, सुसरमा-पु० [सं० सुशर्मा] महाभारत युद्ध में कौरव सुव्रख-पु० [सं० सु-वृक्ष] पीपल का वृक्ष । पक्षीय एक राजा। सुव्रत-पु० [सं०] १ उत्तम व श्रेष्ठ व्रत । २ जैनियों के ८८ सुसराळ-पु० [सं० श्वशुर-पालय] श्वशुर का घर, ससुराल । ग्रहों में से ७८ वां ग्रह। ३ जैनियों के भविष्यत् काल के सुसरि-स्त्री० [सं० सु+ सरित्] १ सुन्दर हार, सुन्दर लडी ग्यारहवें तीर्थ कर का नाम । या माला। [सं० सुरसरो] २ गंगा नदी। ३ तालाब, सुखन-देखो 'सुवरण'। सर । -क्रि०वि०१ मधुर व मीठे स्वर में। २ देखो सुविव-पु० [सं० सुर-वन्द] १ इन्द्र । २ देवगण। । 'सुमिर'। सुबीड़णी (बी)-क्रि० लज्जित होना, संकुचित होना । सुसरौ-देखो 'ससुर'। सुटिवसाल-देखो 'सुविसाल'। सुसलो, सुसल्यो-देखो 'सस'। सुसंग-पु. १ अच्छा संग, उत्तम संगति । २ सत्संग । ससवट-पु. कीति, यश। .. सुसगत-वि० [सं०] युक्तियुक्त, उचित; ठीक । -स्त्री० प्रच्छी | सुसवद, सुसवाद-वि० [सं० स-स्वाद] स्वादिष्ट, जायकेदार । ___सोहबत या संगति । सुसात-वि० [सं० सु-शांत प्रत्यन्त शान्त, स्थिर, गंभीर । सुसंगति-स्त्री. अच्छी संगत, सत्संग । सुसा-देखो 'ससा'। सुसंधि-पु० [सं०] एक सूर्यवंशी राजा । सुसाध्य-वि० [सं०] जिसे सरलता से पूर्ण किया जा सके। सुस-१ देखो 'ससा'। २ देखो 'सूस'। सुखसाध्य । सुसकणी (बो)-देखो 'ससकणों' (बी)। ससार-पु० कमल। ससकार (रो)-स्त्री० । मुंह से निकलने वाली सी-सी ध्वनि । सुसागो (बी), सुसावणी (बो)-क्रि० संकुचित करना, सिको२ ध्वनि, पावाज । ३ देखो "सिसकारी'। - इना, सिकुडाना। सुसणी (बो)-क्रि० १ सिकुड़ना, संकुचित होना। २ सूखकर ' सुसिख-स्त्री० [सं० सुशिख] १ अग्नि का एक नाम । [सं० कम होना, सोखा बाना। सुशिखा] २ सुन्दर वेणी, चोटी। [सं० सुशिष्य] ३ प्रच्छा सुसत-पु. १ सुख, शांति, कुशल-मंगल । २ सत्य, सच्च । व गुणी शिष्य । ३ देखो 'सुस्त'। सुसियो-देखो 'सस'। ससता, ससताई, ससती-स्त्री० [फा० सुस्ती] शांति, तसल्ली। समिर-वि० [मं. मशिर जिE for: २ उदासी, खिन्नता । ३ प्रालस्य, प्रमाद । सुषिर] १ बेंत। २ बांस । ३ मग्नि । ४ एक प्रकार का सुसते. सुसत-क्रि० वि० धीरे, शनः। वाद्य । सुसतो-देखो 'सुस्त'। सुसीतळ-वि० [सं० सु-शीतल] प्रत्यन्त ठंडा, शीतल । सुसद्द-देखो 'सुसबद'। सुसीम-स्त्री० सरदी, शीत । सुसनंव-पु० [सं० श्वसन्-नंदन] हनुमान । | सुसीर-पु. चन्द्रमा, चांद । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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