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सुमंगल
(८१८ )
समित
समगळ-पृ० [सं० समगल] कुशल क्षेम, खुशहाली, खुशी ।-वि० ३ सुन्दर, खूब सूरत। ४ देखो 'समन'। १ अत्यन्त शुभ । २ कल्याणकारी।
सुमनचाप-पु० [सं०] १ फूलों का धनुष । २ उक्त धनुष को समगळा-स्त्री० [सं० सुमंगला] १ स्कन्द की एक मातृका । धारण करने वाला, कामदेव । २ एक अप्सरा का नाम ।
सुमनस-पु० [स० सुमनस्] १ गेहूँ। २ नीम का पेड़ । सुमंगळी-स्त्री० [सं० सुमंगल] विवाह में सप्तपदी पूजा के बाद ३ देवता । ४ पण्डितजन । ५ कवि । ६ वेदपाठी ब्रह्मचारी। पुरोहित को दी जाने वाली दक्षिणा ।
| ७ फूल पुष्प । ८ प्रच्छा या शुद्ध मन । समंत-पु० [सं० सुमित्र] १ मूर्य, भानु, रवि । २ देखो 'समंत्र' । सुमनसधुज-पु० [सं० सुमनस्-ध्वज] कामदेव । -वि० प्रत्यन्त बुद्धिमान ।
सुमना-स्त्री० [सं०] १ चमेली, जाती पुष्प । २ सेवती, शत. समंत्र-पु० [सं०] १ गजा दशरथ का मंत्री, सुमंत । २ देखो पत्रो। ३ कैकयी का एक नाम। ४ पुष्प, फूल । ___ 'सुमित्रा'।
५ मालतो, मधुमयो। -वि० प्रसन्न, खुश । सुमंत्रक-पु० [सं०] कल्कि का बड़ा भाई।
सुमनौकस-पु० [सं०] स्वर्ग, वैकुण्ठ । समत्रसुत-पु० [सं० सुमित्रासुत] सुमित्रा के पुत्र लक्ष्मण व सुमन्न-देखो 'मुमन'। ___शत्रुध्न ।
सुमफटौ-पु० घोड़े के क्षुर में होने वाला एक रोग सुम-पु. [फा०] १ घोड़े, गधे प्रादि पशुनों के पैरों के बिना | सुमरण-देखो 'स्मरण' ।
फटे क्षुर, टाप । [सं० सुम, सुमः] २ सुमन, पुष्ष, फूल । सुमरणी-स्त्री० १ नाम जपने की माला जिसमें १०८ मणिये ३ चन्द्रमा । ४ कपूर । ५ प्राकाश । ६ देवता । ७ पण्डित । होते हैं । २ सत्ताईस वानों की एक अन्य माला ८ देखो 'सूम' । ६ देखो 'सून्य' ।
सुमरणो (गे)-क्रि० [सं० म्मरणम् | १ ईश्वर या अपने इष्ट सुमखारी-पु. वह घोड़ा जिसकी एक मांख की पुतली बेकार हो का नाम जप करना, माला जपना, भजन करना । २ प्रस्थान गई हो।
के समय या कार्यारभ में ईश्वर का स्मरण करना। ३ रटना । सुमजा (सुमध्य)-क्रि० वि० मध्य में, मध्य ।
४ याद करना स्मरण करना। ५ सोचना, विचारना । समण-पु. १ कौस्तुभमणि । २ छप्पय छन्द का एक भेद । | सुमरन-देखो 'स्मरण' । ३ देखो 'सुमन'।
समरिणी (नी)-देखो 'सुमरणो' । सुमत-स्त्री० १ इन्द्र को सभा । २ देखो 'समति' ।
समसायक-पु० [सं० सुमन-सायक] रति-पति कामदेव । सुमतरास-पु० घोड़े के क्षुर या सुम काटने का प्रौजार । सुमसखड़ी-पु० घोड़ों का एक रोग जिसमें उनके सुम सूखकर समतिजय-पु० [सं०] विष्णु ।
सिकुड़ जाते हैं। सुमति-वि० [सं०] १ श्रेष्ठ बुद्धिवाला, बुद्धिमान । २ अच्छी सुमारण, सुमारणस-पु० [सं० सु-मानम] भला एवं सज्जन पुरुष ।
भावना, सद्भावना। ३ कृपा, करुणा, दयालुता। सुमांनी-वि० [सं० सुमानिन] स्वाभिमानी। ४ पाणीर्वाद, वरदहस्त । ५ देवता का अनुग्रह । ६ प्रार्थना । | सुमाग-देखो 'सुमारग'। ७ अभिलाषा, इच्छा । ८ मंत्री, दोस्ती। ९ सगर राजा सुमात-स्त्री० श्रेष्ठ माता, पार्वती। की पत्नी जो ६० हजार पुत्रों की माता थी। (सुमति सुमार-पु. [फा० शुमार] १ गणना, गिनती, संख्या। २ शैव्या) १० विष्णुपश को पली जो कल्कि की माता लेखा-जोखा, हिसाब-किताब, नाप तौल । ३ सीमा, हद, थो। ११ देखो 'सुमतिजिन'।
पार, पारावार । ४ प्रदद, नग। ५ चोट, प्रहार । ६ नाश, सुमतिजिन, सुमतिनाथ-पु. १ जैनियों के वर्तमान काल के | संहार।
पांचवें तीर्थंकर का नाम । २ जैनियों के भूतकाल के तेरहवें | सुमारग-पु० [सं० सुमार्ग] श्रेष्ठ व उत्तम मार्ग. सन्मार्ग । तीर्थकर का नाम ।
सुमारणो (नौ)-क्रि० १ गणना या गिनती करना, गिनना । सुमती, सुमत्ति सुमत्ती-१ देखो 'सुमति'। २ देखो 'सुमतिजिन'। २ लेखा-जोखा करना, हिसाब करना। ३ वर्गीकरण सुमती, सुपत्ती-पु० नेक इरादा, इच्छा, इरादा।
करना, श्रेणी बनाना । ४ सीमा या हद निर्धारित करना। सुमन-पु० [स० सुमन:] १ पुष्प, फूल । २ गेहूँ। ३ धतुरा ।
५ चोट या प्रहार करना । [सं० सुमनस] ४ देवता। ५ पण्डित, विद्वान् व्यक्ति। सुमाळी सुमाली-पु. [सं० अंशुमाली] १ सूर्य, रवि । [सं० ६ मित्र, दोस्त । [सं० शमनः] ७ यमराज। ८ एक सुमाली] २ एक गक्षस जो सुकेश सक्षस का पुत्र तथा दानव । -वि० [सं० सुमनस्] १ दयालु, कृपालु । रावस्त्र का नाना था। ३ एक वानर का नाम । २ मच्छे मन वाला, सहृदय, भावुक । [सं० समन] | सुमित, सुमित्र-देखो 'सुमित्र ।
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