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सारदूळललित
( ७७० )
सारित
... एक भेद । -वि० श्रेष्ठ, उत्तम ।
सारस, सारसड़ौ-पु. (स्त्री० सारसणी, सारसी) १ क्रौंच से सारदूळललित-पु० [सं० शार्दूलललित] एक प्रकार का | कुछ बड़ा एक सुन्दर पकी जो सदा जोड़े से रहता है। ___णवत्त।
२ चन्द्रमा, चांद । ३ छप्पय छन्द का एक भेद । ४ एक सारदूळवाहण (न)-पु० [स० शार्दूलवाहन] १ जनमतानुसार __ मात्रिक छन्द विशेष ।
पच्चीस पूर्व के जिनों में से एक । २ देवी, दुर्गा । सारसत (त्त)-१ देखो 'सरस्वती' । २ देखो 'सारस्वत'। सारदूळसटा-पु० एक वणिक वृत्त ।
सारसप्रिय-पु. कर्नाटकी पद्धति को एक राग। सारदूळो-देखो 'सारदूळ' ।
सारससीस-वि० रक्तवर्ण, लालक। सारधार-पु० १ खड्गधारी, व्यक्ति । २ तलवार ।
सारसियाळ-पु० सिंह, शेर । सारधू-स्त्री० लड़की पुत्री।
सारसी-स्त्री. १ शेर, हाथी, ऊंट प्रादि की मस्ती। २ हाथी सारनाल (लो)-पु० बिना सिला वस्त्र ।
की, मस्ती में होने की अवस्था। ३ एक मात्रिक छन्द सारनी-स्त्री० गायिका।
विशेष । ४ ग्रार्या या गाहा छन्द का एक भेद । सारबाड-स्त्री० १ तलवार । २ देखो 'सारभांड' ।
सारसौ-देखो 'सारीखो। सारबारण (न)-देखो 'सारवान'।
सारस्टि-स्त्री० [सं० साष्टि] एक प्रकार की मुक्ति जिसमें सारबायरी-वि० तत्त्व रहित, निरर्थक ।
भगवान के समान ऐश्वयं भोग मिलता है। सारमांड-पु.१ व्यापारिक दृष्टि से कीमती वस्तु । २ तलवार। सारस्वत-वि० [सं०] १ सरस्वती का, सरस्वती संबंधी। सारभाटी-पु. ज्वार भाटा के बाद की स्थिति ।
२ सरस्वती नदी सबंधी। ३ सास्वत देश सबंधी।-पु. सारमरणी-स्त्री० बुहारी।
१ सरस्वती नदी के तट पर बसा देश, प्रदेश । २ दधिचि सारमणो-पु. झाड़।
ऋषि के पुत्र एक ऋषि । ३ पंचविध गौड़ ब्राह्मण । सारमरण-पु० तलवार के पाघात से होने वाली वीरगति । ४ एक व्याकरण । ५ रविवार या प्रत्येक पंचमी को किया सारमेय-पु० [सं० सारमेय] श्वान, कुत्ता।
जाने वाला एक प्रत । सारमेयावन-पु० [सं०] एक प्रकार का नरक ।
सारस्वती-स्त्री० [सं०] वीर विनोद के अनुसार लूनी नदी का सारमोजा-पु० लोहे के दास्ताने ।
एक नाम । सारवंग-पु० घोड़ा, अश्व ।
सारहटा-पु० शस्त्र प्रहार । सारवट-पु. १ लोह की जाली का बना दास्ताना। २ लोह की सारहलो-स्त्री. १ बढ़ई का एक प्रौजार विशेष । २ मादा ऊंट । जाली का पजामा।
। ३ देखो 'सार'। सारवणी (बो)-देखो 'सारणो' (बी)।
| सारही-देखो 'सारथो'। सारवभू. सारवभूम-वि० समस्त भूमि सम्बन्धी।
सारहीयदोख (बोस)-पु. जैन मतानुसार सचित वस्तुओं के सारवभोम, मारवमोम-पु० [सं० सावभीम] १ चक्रवर्ती गजा, बीच रखी प्रचित वस्तु को लेने से होने वाला दोष ।
सम्राट । २ राजा, नप। -वि० समस्त भूमि संबंधी, | सारांस-पु० [स० सारांश] १ सार, निचोड़। २ संक्षेप । सम्पूर्ण भूमि को।
३ अभिप्राय, तात्पर्य । ४ परिणाम, नतीजा। ५ उपसंहार। सारवभौतिक-वि० [सं० सार्वभौतिक] जो सब भूतों से सारावती-स्त्री० एक प्रकार का छन्द विशेष । संबंधित हो ।
| सारासार-पु० १ सत्यासत्य का विवेचन । २ सार-पसार की सारवभौमवत-पु० [सं० सार्वभौमदत] कात्तिक शुक्ला दशमी व्याख्या । को किया जाने वाला एक व्रत। .
साराह-देवो 'सरह। सारवरी-स्त्री० [सं० शारी] १ रात, रात्रि । २ विष्णु वीसी साराहणी (बी) -देखो 'सराणो' (बा)। का चौदहवां वर्ष ।
| सारि-१ देखो 'सारी' । २ देखो 'सार'। सारवाण, सारवांन-पु. ऊंट सवार, सुतर सवार। -वि० सारिका-स्त्री० [सं० शारिका] १ मैना पक्षी। २ अप्सरा. रंभा।
१ जिसमें कुछ सार या तत्त्व हो। २ ऊंट रखने वाला। ३ शतरंज की गोटो। ३ ऊंटों को चराने या सवारी कराने वाला।
सारिकाकवच-पु० [सं० शारिका कवच] दुर्गा का एक कवच । सारविद-पु० [सं०] शिव महादेव ।
(स्तोत्र) सारविद्या-स्त्री० [सं०] अस्त्र-शस्त्र चलाने की विद्या। | सारिख, सारिखउ, सारिखो-देखो 'सारीखो' । 'सारसंगीत-देखो 'वडोसांणोर'।
सारित-पु. शगार में एक प्रकार का प्रासन विशेष ।
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