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पालतू
पाचपोस
२ रोकना, मना करना। ३ मिटाना, नष्ट करना। मैदान में प्रत्येक पक्ष की सीमा। ४ खेल की पारी (गेम)। ४ भगाना।
५ निर्जन स्थान, शून्य स्थल । ६ रेगिस्तान । ७ देखो पालतू-वि० [सं० पालनम्] १ पाला हुप्रा, पोसा हमा।।
'पारौ'। २ पालन-पोषण के लिए रखा हुमा।
पाली-पु. [सं० पल्लवम्] झडबेरी के सूखे पत्तों का ढेर । पालथी-स्त्री० [सं० पर्य्यस्त] पद्मासन, कमलासन, बैठक। पाल्डो-पु. बैलगाड़ी के पहिये का एक भाग । पाळम-स्त्री० शकुन चिड़ी।
पाल्हवरणो (बो)-देखो 'पल्लवणी' (बी)। पाळमहि-पु० [सं० महिपाल] १ बादल, घन । २ राजा, नप । पावंडो-देखो 'पावडो। पालर, पालरियो-पु. वर्षा का पानी, नदी, नहर या सरोवर पाव-पु० [सं० पाद] १. चौथा भाग, चतुर्था । २ सेर का का पानी।
चौथाई भाग, एक तौल। ३ नाथ सम्प्रदाय के सिद्धों की पालमणी-स्त्री. एक गीत या छद विशेष ।
एक उपाधि विशेष । ४ पैर, चरण। ५ देखो 'पाप'। पालबरणी (बी)-देखो 'पल्लवणी' (बी)।
पावक, पावको, पावरक(ग)-पु० [सं० पायक पग्नि, माग । पालवी-पु. [सं० पल्लिः ] १ भीलों का मुखिया । २ भील । ..-.-२ एक प्रकार का बाण, तीर।।.सूर्य। ४ अग्नि का पाळसेट-देखो 'पलसेटी'।
अधिष्ठाता देव । ५ तेज, ताप । ६ मावा तीन की पालसो-देखो 'फालसौ' ।
संख्या --पु. अग्नि जलाने का कुणा त्रिकोण । पाळागर -पु० [सं०'प्रालेय-गिरि] हिमगिरि, हिमालय ।
--मरिण-स्त्री० सूर्यकान्त मरिण। पालापाली, पालापूली-स्त्री० वर्जन क्रिया, मनाही, रोकथाम। | पावड़ियो-पु. १ सीढ़ी। २ देखो फावड़ो। पालिगी-देखो 'पलंग'।
पाबड़ी-स्त्री० [सं० पादुका] १ खड़ाऊ, पादुका । २ जुलाहे का पाळि-स्त्री० [सं० पालि] १ पंक्ति, कतार। २ पवि-पैदल, | __ एक उपकरण । ३ फासला, दूरी। ४ देखो 'पावलियों। प्यादी।। देखो 'पाळी'। ४ देखो 'पाळ'।.. .
५ देखो 'फावड़ों'।
पाबड़ौ-१ देखो 'पहाड़ो' । २ देलो 'फावड़ों। पाक्षिका, पालिका-वि० [सं० पालिका] १ पालन करने वाली।। २ रक्षा करने वाली। -स्त्री. किसी कार्य या व्यवस्था
| पावजळी-पु० [सं० जालंद्रपाद] जलंधर नाय ।
" | पाचटो-पु. १ पावों से चलाने का छोटा रहट । २ जलाशय का . विशेष के लिये गठित समिति, परिषद् ।
घाटे । ३ देखो 'पावड़ो'। पालिस-स्त्री. [4. पोलिस] १ 'किसी पात्र या वस्तु
पावठी-खो 'पावड़ी'। विशेष की सुन्दरता के लिए लगाया जाने वाला रोगन, मशाला। २ चमक, मामा। ३ निकल ।
पावरण-वि• पिलाने वाला । -स्त्री०१ पिलाने की क्रिया या पालिसरंदी-पु० बढ़ई का एक प्रौजार विशेष ।
___ ढग । २ देखो 'पावन'।
पावणी-स्त्री. १ पिलाने की क्रिया। २ पिलाने वाली। पालती-स्त्री० [मं०] १ कार्य प्रणाली । २ व्यवहार ।
३ मेहमान स्त्री, ३ नीति।
पाचरणो-वि० पिलाने वाला। -पु. १ मेहमान । २ जंवाई। पाळी-स्त्री० [सं० पालि] १ कान का अग्र भाग । २ रेत की
पावणो (बी)-देखो 'पाणी' (ग)। . छोटी कतार । ३ पांव पंदल, प्यादी। ४.देखो 'पाळ'।
पावन-वि० [सं०] (स्त्री० पावनी) १ पवित्र, शुद्ध । २ पाप ५ देखो 'पारी'।
मिटाने वाला, पवित्र करने वाला। २.अवगुणा बदोष रहित । पाली-स्त्री० १ एक प्राचीन भारतीय भाषा । २ कोना।
-पु० १ एक छग्द विशेष । २ परमेश्वर, ईश्वर । ३ गोबर। पालीयात-वि० [सं० पदाति] पैदल, प्यादा।
४ रुद्राक्ष । ५ चंदन । ६ सिद्ध पुरुष । ७ विष्णु। अपने पाळू-वि० [सं० पालक] १ पालने वाला, पालक । २ पालतू,
पति के बजाय अपने राजा के लिये सुहागिन बनी रहने पाला हुमा । ३ देखो 'पाळो'।
बाली दासियां। -पुरख, पुरखि-पु. श्रीविष्णु । श्रीकृष्ण। पाळे, पाळे-पु० भैस मादि मादा पशु का ऋतुमति होना ।
पावनता-स्त्री० [सं०] पावन होने की अवस्था या भाव, पाकोका, पाळोकड़ी-खो 'पालतू' ।
पवित्रता, शुद्धता। पालोठी-देखो पालथी'।
पावन-देखो 'पावन'। पाळी-वि० [सं० पाल-मालुच (स्त्री० पाळी) पैदल, प्यादा। पावपंच-पु० [सं० पाद+पंथ नाथ पंथ, नाथ सम्प्रदाय ।
-पु० [सं० प्रालय] १ बर्फ, हिम। २ वृद्ध या रोगी को | पावपंथी-वि० उक्त सम्प्रदाय का अनुपायी। मल-मूत्र कराने का थालीनुमा पात्र विशेष । ३ खेल के पाबपोस-देखो पादपोस'।
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