________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
frut
www.kobatirth.org
( ६०१ )
दिवा-देखो 'बीच' । विचार पु० [सं० [विचार] १ किसी बात या विषय पर किया जाने वाला विचार-विमर्श । २ मनोभाव, खयाल, इरादा । ३ किसी मुकदमें का फैसला, निर्णय । ४ विश्वरने, घूमने-फिरने की क्रिया या भाव। ५ ज्ञान । ६ ध्यान, गौर । ७ निर्माण, बनावट, रचना । निर्णय फैसला । फैसला । ९ निश्चय १० संदेह, मंडा, भ्रम धामका विचारक (करता) - वि० [सं० [विचारकः] १ विचार करने वाला। २ तत्वचितक मीमांसक ३ न्यायकर्त्ता, न्यायाधीश । ४] निर्माण कर्ता रचयिता ५ विद्वान, बुद्धिमान ध्यान करने, गौर करने वाला। ७ संकल्प कर्त्ता । ८ सन्देह कर्ता । विचारग्य वि० [सं० विचारज्ञ] १ विचारक, मीमांसक । २ न्यायकर्ता
4
विचारचतुर - वि० बुद्धिमान, विद्वान, समझदार | विचारलीय वि० १ विचार करने योग्य २ जिस पर विचार किया जाना है ।
विचारणी (बी) कि० १ किसी बात या विषय पर विचार करना, सोचना विचार-विमर्श करना। २ मुकदमे की सुनवाई करना। ३ सोचना-समझना। ४ ध्यान देना । ५ निर्माण करना, रचना करना। ६ निश्चय या संकल्प करना । ७ संदेह, शंका करना । ८ चिन्तन-मनन करना । ९ धनुसंधान या शोध करना । १० सोचना । ११ योजना
बनाना ।
विचारमांन (दोन) वि० [सं० विचारवान् ] विचार करने वाला, मीमांसक, समझदार
विचारसकति (सकती, सक्ति, संगति, समती) स्त्री० विचारशकि] सोचने-विचारने की शक्ति, बुद्धि । विचारसीस वि० [सं० विचारशील विचारवान, समझदार सोचविचार कर काम करने वाला ।
विचार सीलता - स्त्री० सोचने-विचारने की भावना, बुद्धिमत्ता । विचारस्थल, विचारालय पु० १ विचार-विमर्श करने का स्थान । २ न्यायालय । विचार-देखो 'विचार' ।
विचार- देखो 'विचार' ।
विचारों-देखो 'बेचारों' ।
far, few (at, fi, a, a, à, )-''
[सं० विवे
विचाळी- वि० बीच का, मध्यस्थ । विधि-स्त्री० [सं०] १ लहर, तरंग २ कटि कमर ३ देखो 'बीच' ।
विखित ( स ) - वि० [सं०] १ प्रचेत, बेहोश । २ प्रानन्द, मग्न । ३ देखो 'विचित्र' ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विचित्र - वि० [सं०] १ अद्भुत, अनोखा, विलक्षण, विस्मयकारी २ सुन्दर, मनोहर ३ कई प्रकार के रंग एवं वर्णों वाला । ४ चतुर, होशियार, बुद्धिमान ५ चित्रित ६ मनोरंजक | पु० १ रौच्य मुनि का एक पुत्र । २ प्रशोक वृक्ष । ३ तिलक वृक्ष । ४ भोज पत्र वृक्ष । ५ धर्मराज का एक लेखक । ६ मुसलमान, यवन ।
विचित्रता स्त्री० १ विचित्र होने की अवस्था या भाव। २ अनोखापन, मनोहरता, सुन्दरता
विचित्रविरज (प. पू. पू.) विचित्रवीर (पू. पू. प्य) १०
[सं०] विचित्रवीर्य ] १ कुरुवंशीय राजा शान्तनु व सत्यवती के द्वितीय पुत्र का नाम । २ एक शिव भक्त विशेष । ३ वीरभद्र नामक शिव का गए। विचित्राला स्वी० [सं० विचित्रशाला] विचित्र वस्तुओं का संग्रहालय |
विचित्रांग - देखो 'विचित्र' | विधिशास्त्री० एक रागिनी ।
विचित्रित - वि० [सं०] १ अनेक रगों से चित्रित, रंग-विरंगा । २ नादमुत
विचो - १ देखो 'विचि' । २ देखो 'बीच' ।
विचेटियो, विचेटियो - पु० (स्त्री० विचेटकी) मंझला पुत्र या भाई - वि० मध्य का, बीच का, मझोला।
विचारिका - स्त्री० दासी, नौकरानी ।
विचक्षण- देखो 'विचक्षण' ।
विचारित - वि० १ जिस पर विचार हो चुका हो। २ सोचा विचार - देखो 'विचार' ।
विवि
विचेतन - वि० [सं०] १ प्रचेत, संज्ञाहीन । बेहोश । २ जीव रहित, मृत। ३ जड़ ।
विचेतस पु० [सं०] भव्य देवों में से एक । वि० १ विवेकहीन । २ दुष्ट । ३ विकल, परेशान ।
विवेरण - क्रि० वि० मध्य में, बीच में ।
-
विवेस्ट वि० [सं० विचेष्ट] चेष्टाद्दीन, विश्वेष्ट । विर्च देखो 'वि'।
हुआ ३ पूर्व निश्चित
विच्छांन देखो 'बिछियों
विचारी - स्त्री० [सं०] विचारिन्] १ पृथ्वी, धरती । २ बेचारी विच्छाय, विच्छाया पु० [सं० वि + छाया] १ पक्षियों की - पु० कबंध नामक राक्षस का एक पुत्र ।
छाया । २ भूत, प्रेतादि, जिनकी छाया नहीं पड़ती। विच्मि पु० [सं० वृश्चिक ] बिच्छू ।
विच्छिरण (ण) - वि० [सं० विस्तीर्णं ] १ फैला हुआ, विस्तीर्ण । २ देखो ! विच्छिन्न' |
For Private And Personal Use Only