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लड़ाक
( ५१५ )
लछमण
क्रिया । ९ नाराजगी। १० कार्य सिद्धि का प्रयत्न या | लचकावरणौ (बी)-देखो लचकाणी' (बी)। पारिश्रमिक । ११ शत्र ता, वैमनस्य । १२ प्रतिस्पर्धा । | लचकीलो-वि० (स्त्री० लचकीली) लोच, झटका या दाब सहने -खोर, खोरौ-वि० लडने वाला, कलहप्रिय ।
वाला, नम, कोमल । लड़ाक, लड़ाकी, लडाकू, लड़ाको-वि० १ प्रायः झगड़ते रहने | लचको-पु. १ लचकने की क्रिया या भाव, लोच । २ चोट, वाला । २ योद्धा, वीर । ३ कुश्ती लड़ने वाला।
झटका, दबाव । ३ लौंदा। लड़ामूब, लड़ामूम, लड़ाभूम-देखो 'लड़ालू ब' ।
लचक्क-देखो 'लचक'। लड़ाणौ (यो)-क्रि० १ शस्त्रास्त्रों से युद्ध कराना, झगड़ा कराना। लचक्करणो (बी)-देखो 'लचकणी' (बो)।,
लड़ाना। २ मल्ल युद्ध या वाक् युद्ध कराना। ३ परस्पर हाथा- | लचखारगो-देखो 'लचकाणों। पाई कराना। ४ कलह कराना,झगड़ा कराना। ५ बहस या लचरणो (बी)-देखो ‘लचकणी' (बी)। हज्जत कराना। ६ टकराने या भिड़ाने की प्रेरणा देना। लचपच, लचपचौ-वि० (स्त्री० लचपची) १ तर, तरीवाला, ७ नाराज कराना। ८ कार्य सिद्धि के लिये श्रम या प्रयत्न प्रार्द्रता वाला । २ पिलपिला ।
कराना । ९ मुकाबला कराना । १० इशारे करना। लचपच्च-क्रि० वि० १ लपकती हुई, लपलपाती हुई। २ देखो लड़ालब, लड़ालूब, लड़ालूम, लड़ालूव-वि० १ प्राभूषणों से _ 'लचपच'।
पूर्ण सुसज्जित । २ फल-फूलों से लदा हुघा, आच्छादित । लचरको-पु. १ हिलने डुलने या झुकने की क्रिया या भाव । ३ जिसके मालाऐं, लटिकाएं झूम रही हों।
२ फहराहट, लहराहट । लड़ावणी (बो)-देखो 'लड़ाणी' (बी)।
लचलचौ-वि० (स्त्री० लचलची) १ नर्म, कोमल । २ लोच लड़ियंग-स्त्री० पंक्ति, समूह ।
वाला । ३ लचपचा। लड़ियो-पु. १ 'खींप' नामक क्षुप के रेशों की रस्सी। २ भेड़ | लचाकेदार-वि० बढ़िया, उम्दा, श्रेष्ठ । ___ का बच्चा ।
लचाणो (बी), लचावरणी (बी)-देखो 'लचकाणी' (बी)। लड़ी-स्त्री. १ वेल, लता । २ लटिका, माला, लड़। ३ कड़ी, लचोळी-पु. लचकने की क्रिया या भाव । लचका । शुखला। ४ झड़ी, क्रम ।
लच्चर-क्रि० वि० झपक-झपक ।-वि० लचीला। ल'डी-स्त्री० भेड़, मादा मेष ।
लच्छ-देखो 'लक्षण'/'लक्ष लक्ष्मी/'लक्ष्मण'/'लक्ष्य' । लड़ीयाळ, लडेत, लड़ोकड़, लड़ोकड़ो-वि० (स्त्री० लड़ेतण, | लच्छण, लच्छन-देखो 'लक्षण' / 'लक्षणी' ।
लड़ोकड़ी) १ वीर, योद्धा, लड़ाकू । २ कलहप्रिय । ३ शीघ्र लच्छमरण-वि० १ धनवान, अमीर । २ देखो 'लक्ष्मण' । लड़ पड़ने वाला।
लच्छमी-देखो 'लक्ष्मी'। लच, लचक-स्त्री० १ लचकने की क्रिया या भाव, लोच ।। लच्छि-देखो 'लच्छी' । देखो 'लक्ष्मी' । २ दबने, झुकने, मुड-कर पुनः ठीक होने का गुण । ३
लच्छि भरतार (भ्रतार)-देखो 'लक्ष्मीभरतार' । शरीर के किसी भाग में झटके से होने वाला विकार, दर्द। लच्छिवर-देखो 'लक्ष्मीवर'। लचकरण-स्त्री० लचीलापन, नर्मी, कोमलता।
लच्छी-पु० १ सूत, रेशम, ऊन प्रादि के रेशों की लटिका, लचकरणो-वि० (स्त्री० लचकणी) लोच या लचकवाला, नर्म, गुच्छो । २ देखो 'लक्ष्मो' । कोमल ।
लच्छीवर-देखो 'लक्ष्मीवर'। लचकरणी (बो,-क्रि० १ झटके या दाब मे झुकना, झुक कर | लच्छीवालापूत-पु. घोड़ा, प्रश्व ।
पुनः सीधा हो जाना। २ दबना, झुकना। ३ मुडना। | लच्छेदार-वि० १ जिसमें लच्छे या गुच्छे बने हों। २ रुचिकर, ४ चाल के कारण अंग में लोच या थिरकन होना। स्वादिष्ट । ५ लहराना।
लच्छो-देखो 'लछौ' । लचकांणी-वि० (स्त्रो. लचकारणी) १ लज्जित, शमिन्दा। लछ-देखो 'लक्षण'/ लक्ष्मी'/'लक्ष्मण'/'लक्ष'/'लक्ष्य' । २ झेपा हुमा।
लछकारणो-देखो 'लचकांणो'। (स्त्री० लछकाणी) लचकारणी (बी)-क्रि० १ चलते समय अंगों को थिरकाना। लछण, लछन-१ देखो 'लक्षण' । २ देखो लक्ष्मण' ।
२ झुकाना, दबाना। ३ दाब या भार डालकर लोच लछणहीन-देखो 'लक्षणहीन'। पटकना।
लछबर-देखो 'लक्ष्मीवर'। लचकार-स्त्री. लचकने की क्रिया या भाव, झुकाव, लचक । | लछमरण (न)-देखो 'लक्ष्मण' ।
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