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रील
( ४९० )
रुकवाणी
रील-स्त्री. १ एक प्रकार का प्लास्टिक का फीता, जिस पर | सभड़ौं, रुपडी (डो)-देखो 'रूड़ो' । (स्त्री० रुपड़ी)
किसी चित्र या दृश्य की प्रतिछाया ली जाती है। सिनेमा रुग्रामळ-पु० रूमाल। को रील । २ बारीक व पक डोरे का गट्टा।
रुइ (ई)-देखो 'रुचि'। रीव-स्त्री० [सं० रवः] १ हाहाकार, करुण क्रन्दन । २ पीड़ा | सहर-देखो 'रुधिर'। कष्ट । ३ चिल्लाहट ।
रुक, रुकड़-देखो 'रूक' । रोवो (बो)-क्रि० रोना, रुदन करना।
रुकरणी-स्त्री० रुकावट, रोक, बंधन । रोषो-देखो 'रीव'।
रकरणो (बी)-क्रि० १ ठहरना, ठहर जाना, रुकना । प्रागे कदम रीस-स्त्री० [सं० रिष्] १ क्रोध, गुस्सा, कोप । २ डाह, ईया।। न बढ़ाना । २ थमना, रुकना । ३ गतिमान न रहना। रीसड़ली-देखो 'रीस'।
४ क्रम बद हो जाना । ५ अवरुद्ध होना बाधा पड़ना । रीसट, रीसटाळ, रीसटाळू, रोसटियो, रीसटी, रीसद-वि० ६ विकास या प्रगति न होना । ७ कार्य मागे न बढ़ना, कोप या क्रोध करने वाला, क्रोधो, गुस्सल ।
कार्यवाही रुक जाना । स्तंभन होना । रीसगी (बो)-क्रि० [सं० रिष] क्रुद्ध होना, खफा होना। रुकनावाव-पु. [फा० रुक्नावाद] १ मुसलमानों का एक तीर्थ । रोसवतो (वतो)-वि० (स्त्री० रीसबंती) क्रोधी, क्रुद्ध स्वभाव २ ईरान की एक नदी। वाला।
रकम पु० [सं० रुक्म] १ स्वर्ण, सोना। २ रुक्मणी के बड़े रीसवारणी (बी)-देखो ‘रीसाणो' (बी)।
___ भाई का नाम । ३ एक मात्रिक छंद विशेष । रीसांणउ, रीसांगी-देखो 'रिसाणो' ।
रुकमइयो-पु० [सं० रुक्मी] रुकमणी के बड़े भाई का नाम । रीसाणी (बी)-क्रि० क्रोध करना, कोप करना, रूठना, नाराज रुकमकर-पु० [सं० रुक्मकर पारम । होना, अप्रसन्न होना।
रुकमकारक-पु० सं० रुक्मकारक] सोना, स्वर्ण । रीसाळ, रीसाळू-वि० क्रोध करने वाला, गुस्सा करने वाला।
हकमकेस-पु० [सं० रुक्मकेश] रुक्मणी का एक भाई। रोसावणो (बी)-देखो 'रीसारणो' (बी)।
रुकमण-स्त्री० रुक्मणी । रीसोच-वि० क्रोध या कोप करने वाला।
रुकमणकत (कथ)-पु० [सं० रुक्मिणीकांत] १ श्रीकृष्ण । रीसो-देखो 'रीस'
२ ईश्वर। 5-देखो 'रोम'।
रुकमणवर, रुकमणवरण-पु० [स० रुक्मिणी+वरण] श्रीकृष्ण । आळी-देखो 'रोमावळी'।
रुकमरिण-देखो 'रुकमणी'। प्री-देखो 'रोम'।
रुकमरिणयौ-देखो 'हकम'। इंज-पु. एक प्रकार का वाद्य विशेष ।
| रुकमरिणरमण (वीव, हार )-पू. [सं० रुक्मिणी-रमण ] रंड-पु० [सं० रुण्ड] १ मस्तक रहित शरीर । धड़, कबंध ।।
१ श्रीकृष्ण । २ विष्णु । २ हाथ-पांव कटा हुमा शरीर । ३ शिर, मस्तक । ४ एक | कमणी-स्त्री० [सं० रुक्मिणी] विदर्भ की राजकुमारी व प्रकार का रण वाद्य ।-माळ. माळका, माळा-स्त्री० वीर
श्रीकृष्ण की पटरानी। गति प्राप्त वीरों के शिरों की माला।
रुकमबाह-पु० [सं० रुक्मबाह] विदर्भ का एक राजकुमार । इंडमाळी-वि० १ वीरों के शिर की माला पहनने वाला, रुकमपुर-पु० [सं० रुक्मपुर] गरुड़ के निवास स्थान का एक (महादेव, दुर्गा)। २ देखो 'रुडमाला'।
प्राचीन नगर। इंडमुड-वि० मुडे हुए शिर का या मुडित शिर ।
हकममाळी-पु० [सं० रुक्ममालिन] विदर्भ का एक अन्य इंडळ, रंडळो-देखो 'ड' ।
राजकुमार। इंडहार, रडावळ, हंडावळी-देखो 'डमाळा' ।
रुकमरथ-पु० [सं० रुक्मरथ] विदर्भ का एक राजकुमार । संडिका-स्त्री० रण-भूमि, युद्धस्थल ।।
रुकमांगद-देखो 'रुक्मांगद' । इंदणी (बी)-क्रि० १ पैरों तले रोंदा जाना, कुचलना । रुकमिणी-देखो 'रुकमणी'। २ रोंदना । ३ रुधना, रुकना।
रुकमियो, रुकमैयौ, रुकमो-देखो 'रुकम' । मडी-स्त्री. १ एक प्रकार की वनस्पती । २ फोड़ा, फुन्सी। रुकम्मरिण-देखो 'रुकमणी'। हवाळी-देखो 'रोमावळी' ।
हारुदंती-स्त्री० एक वृक्ष विशेष । साहरणो (बो)-क्रि० क्रुद्ध करना।
रुकवाणो (बो)-देखो 'रुकाणो' (बो)।
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