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रिमीराह
( ४८७ )
रिसि
रिमीराह-देखो 'रिमराह'।
रिसवत-देखो 'रिस्वत' ।-बोर='रिस्वतखोर' ।-चोरीरिमांसाल-वि० शत्रमों के लिये शल्प रूप ।
'रिस्वतखोर'। रिमी-देखो "रिम'।
रिसम-पु० [सं० ऋषमः) १ एक प्राचीन राजा। २ विष्णु का रिमीभिमी-देखो 'रिमझिम'।
एक अवतार । ३ वाराह कल्प मे शिव का एक अवतार । रिमीराह-देखो "रिमराह'।
४ इन्द्र मादित्य का पुत्र । ५ सप्त ऋषियों में से एक। रिमुकत, रिमुक्त-पु० [सं० ऋमुक्त] ४९ क्षेत्रपालों में से पाठवा ६ इन्द्र का एक पुत्र । ७ एक चंद्रवंशी राजा। कुश क्षेत्रपाल ।
वंशीय एक राजा। ६ मेरु के पास का एक पर्वत । रिमेस-पु. शत्रुओं का प्रधिपति ।
[सं० ऋक्ष] १. तारा, नक्षत्र । ११ सप्तस्वरों में से रिम्म-देखो 'रिम'।
दूसरा स्वर । १२ पन्द्रहवां कल्प जहां से ऋषभ स्वर की रिम्मराह-देखो "रिमराह'।
उत्पत्ति हुई। १३ साड। १४ बैल । १५ राम की सेना रियाण-पु. १ सगाई (मगनी) की एक राम (बांभी) ।।
का एक वानर । १६ इन्न । १७ अग्नि ।-वि० १ उत्तम,
श्रेष्ठ । २ देखो 'रिसमदेव'। २ बैठक, चौपाल।
रिसमजिन, रिसभदेव, रिसभेसुर, रिसभेस्वर-पु. जैनियों के रिवावेल-स्त्री. एक लता विशेष ।
तीर्थ कर जो विष्णु के चौबीस अवतारों में से एक माने रियायत-देखो 'रिमायत'।
गये हैं। रियासत-स्त्री० [40] राज्य, जागीर । किसी राजा के अधीन
रिसम-धुज-पु० [सं० ऋषभ-ध्वज] शिव, महादेव । पाने वाला क्षेत्र।
रिसवत-देखो "रिस्वत' ।-खोर='रिस्वतखोर' ।-खोरीरिरावरणी (बो)-देखो 'रीराणों' (बी)।
'रिस्वतखोरी'। रिळ-पु० मिलने की या एक होने की अवस्था या भाव।
रिसह-१ देखो 'रिसभ' । २ देखो "रिसत्रदेव' । रिलकियो-पू० रूई बगह विथडे भरकर बनाई गई छोटी | रिसझेसर, रिसहेसह-१देखो 'रिसीस्वर'।२ देखो 'रिसभदेव' । गुदड़ी या गद्दी। .
रिसाण, रिसरणी-वि० [सं०रिष] (स्त्री.रिसारणी) १ नाराज, रिळणी (बो)-देखो 'रळणी' (बो)।
नाखुश, अप्रसन्न । २ क्रोधी स्वभाव का, रूठने वाला।-पु. रिळमिळ-क्रि०वि० हिल-मिल कर, साथ-साथ ।
१ गुस्सा करने, कठने या नाराज होने की क्रिया या भाव । रिमिळणी (बी)-देखो 'रळमिळणी' (बी)।
२ क्रोध, गुस्सा, नाराजगी। ३ मान, रूठन । रिळणी (बी)-देखो 'रळणी' (बी)।
रिसाघाती-पु० शत्रु, वैरी। रिव-१ देखो 'रवि' । २ देखो 'रब'।
रिसाणो (बो)-देखो 'रीसाणी' (बो)। रिवताळ, रिवताळो-देखो 'रावताळो' ।
रिसायल-वि० क्रोधी स्वभाव का, गुम्सैल । रिवमंडळ-देखो 'रविमंडळ'।
रिसालदार-पु० [अ० १ प्रश्वारोही सेना के एक दल का रिवदास-देखो 'रैदास'।
नायक । २ एक सैनिक पद। रिवबंसी-देखो 'रविवंसी'।
रिसालो-पु० [अ० रिसालः] १ अश्वारोही सेना । २ सैनिकों रिवाज-पु. [४०] प्रथा, रश्म ।
की टुकड़ी। ३ सेना, फौज । ४ रावणा राजपूतों के लिये रिवाड़ी-देखो रेवाड़ी'।
प्रयुक्त होने वाला एक सम्मान सूचक सन्द । -वि. रिस-स्त्री. १ क्रोध, गुस्सा । २ देखो 'रिसि' ।-गारी-वि०
गुस्सल, क्रोधी। क्रोधी, गुस्सैल ।
रिसि-पु० [सं० ऋषि] १ तपस्वी, मुनि, संन्यासी, ऋषि । रिसपो (बो -क्रि० [सं० रसनं] १ द्रव पदार्थ का धीरे-धीरे
२ श्रुति, सत्य घोर तप में पूर्ण निरत रहने वाला मंत्र बहना, रसना । २ टपकना, चूना, झरना। ३ समाना,
रष्टा, वेद मंत्रों का प्राचार्य । ३ अनुष्ठानादि कर्म बतलाने पास्मसात होना। ४ सोखा जाना।
वाले सूत्रों का रचयिता। ४ कोई सिद्ध पुरुष, महात्मा, रिसतेदार-देखो "रिस्तेदार'।
साधु । ५ नारद मुनि । ६ बृहस्पति । ७ एक देव जाति । रिसतो-देखो 'रिस्तो।
ऋषिकेश नामक तीर्थ । प्रकाश की किरण । १० मत्स्य रिसपत-देखो 'रिस्वत'।-बोर-'रिस्वतखोर'।
विशेष । ११ सात तारे, सप्तर्षि । १२ मात की संख्या । रिसपतियो, रिसपती-देखो 'रिस्वती' ।
-अस्त-पु. उत्तर व वायव्य के मध्य की दिशा।
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