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पसस्त्री
पिन
यसस्वी-वि० [सं० यशस्वी] यश या ख्याति प्राप्त । याग्यिक-वि० यज्ञ करने या कराने वाला। यसारत-देखो 'इसारो'।
याचक-देखो जाचक'। यसु-पु० [सं० प्रयस्] लोहा ।
याचनी-वि० वस्तु विशेष की याचना करने वाला। यसुमति-देखो 'जसुमति'।
याजक-पु० [सं०] १ यज्ञ करने वाला । २ राजा का हाथी । यसू-वि० [सं० याहशकम्] जैसा ।
३ मस्त हाथी। पसोदा-देखो 'जसोदा'।-नंबन='जसोदानंदन'।
याजन-स्त्री० [सं०] यज्ञ की क्रिया । पसोदेवी-स्त्री० सम्राट बृहत्मनस की पत्नी।
याजि-वि० यज्ञ करने वाला। यसोधर-पु० [स. यशोधर] १ भूतकाल के १८ वें तथा भविष्य- यातना-स्त्री० [सं०] १ शारीरिक या मानसिक पीड़ा, कष्ट ।
तकाल के १९ वें तीर्थ कर का नाम । २ देखो 'जसोधरा २ असाध्य रोग। ३ यम द्वारा दी जाने वाली सजा । यसोधरा-देखो 'जसोधरा'।
यातायात-वि० [सं०] १ मावागमन का साधन, यात्रा की यस्टकुटी-स्त्री० पहाड़।
सवारी, वाहन मादि। २ यात्रा। पस्टि-स्त्री० लकड़ी का शस्त्र ।
यातुधान-देखो 'जातुधान'। पह-सर्व० [सं० इदं] निकट की वस्तु, व्यक्ति या संज्ञा के लिये
यात्र, यात्रा-देखो 'जातरा'। प्रयुक्त संबोधन । -वि० पास का, प्रत्यक्ष का।
यात्राळू-वि० यात्री। यहां-क्रि० वि० [स.ह] इस स्थान या क्षेत्र में।
यात्री-देखो जातरी'। यहि, यही-सर्व० 'यह' का निश्चयात्मक रूप।
याव-स्त्री० [फा०] १ स्मरण शक्ति, स्मृति । २ स्मरण किया। यहीं-क्रि० वि० इसी स्थान पर ।
यादगार यावगारी, यादगीर, यावगीरी-स्त्री० [फा. यादगार] पहु-देखो 'यही'।
१ स्मृति का चिह्न, स्मारक या वस्तु । २ स्मरण शक्ति । यहूद-पु० हजरत ईसा की जन्म भूमि का देश ।
याववास्त-स्त्री० [फा० याददाश्त] १ स्मरणशक्ति, स्मृति । यहूदी-पु० १ उक्त देश का निवासी। २ एक जाति विशेष ।
२ स्मरण के लिए लिखी हुई बात । -स्त्री० ३ उक्त देश की भाषा। -वि० यहूद देश का, यहूद
यादवगसी-पु० [फा०] राज्य का एक अधिकारी विशेष । देश संबंधो। यां-सर्व० १ इन। २ इन्होंने । ३ इस ।-क्रि० वि०-१ इस
यावम-पु० [अ० प्रादम] भादमी, पुरुष ।
यादव-देखो 'जादव' । -कुळ, कुळि 'बावनकुळ' ।-पति, प्रकार, इस तरह । २ इससे । ३ यहां।
पति = 'जादवपति' । -राई-पु. यादवों के राजा । यांन-पु. १ सवारी, वाहन । २ विमान । ३ गति, चाल ।
श्रीकृष्ण । -वंश = 'जादववंश' । -क्रि०वि० ऐमे, इस तरह। यांनी, यांने, यनि-प्रव्य. अर्थात्, मतलब कि ।
याबू-पु० [फा०] छोटा घोड़ा, टट्ट । योह-१ देखो यहां' । २ देखो 'यां'।
यायावर-पु० [सं०] १ इधर-उधर घूमने वाला प्राणी। २ एक या-सर्व० यह । -क्रि०वि० अथवा ।
ही स्थान पर न रहने वाला, जरत्कारु ऋषि । चारण। याक-पु० हिमालय क्षेत्र का एक पहाड़ी चौपाया जानवर । यार-पु० [फा०] १ मित्र, दोस्त । २ साथी, मददगार, सहायक । याकूत-पु. [१०] एक प्रकार का बहुमूल्य पत्थर ।
३ प्रेमो । ४ किसी स्त्री का उप पति । याग-देखो 'जाग'।
यारी-स्त्री० [फा०] १ मित्रता, दोस्ती। २ स्नेह संबंध । यागवलक-देखो जागलिक' ।
३ स्त्री-पुरुष का अनुचित संबंध । यागि-देखो 'जाग'।
याळ-स्त्री० [तु.] १ घोड़, सिंह प्रादि के गर्दन के बाल, याग्य-पु० भृगुकुलोत्पन्न एक गोत्रकार।
प्रयाल । २ गर्दन । याग्यतुर-पु. ऋषभ नामक प्रश्वमेध करने वाला राजा।
यालुक-वि० अनन्त, असीम । याग्यवत-पु. याज्ञवल्क्य नामक गोत्रकार का नामान्तर। यावनी-पु. करक शालिनामक ईख, रसाल । याग्यबल्क्य-पु०१ विश्वमित्र कुलोत्पन्न एक गोत्रकार। २ वशिष्ठ
| यास्क-पु० [सं०] निरुक्त नामक विख्यात प का कर्ता। कुलोत्पन्न एक गोत्रकार । ३ एक प्राचार्य । ४ विश्वामित्र | यि-सर्व० ये।-क्रि०वि० भी, अपि । का एक पुत्र । ५ एक ऋषि विशेष । ६ राजा जनक के | यिऊ-क्रि०वि० ऐसा, ऐसे, भी। दरबारी एक ऋषि । ७ एक स्मृतिकार ।
यित्र-देखो 'इत्र' । याग्यसेनी-पु. द्रौपदी का एक नामान्तर।
। यिम-देखो 'इम' :
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