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मौसर
( ४२९ )
মাল
मौसर-पु. १ मृतक के पीछे किया जाने वाला भोज मृत्यु-भोज। कारण । ३ भेद, रहस्य । ४ खुमासा। ५ गूढार्य ।
२ धार्मिक या सामाजिक कार्य का विशेष अवसर । ३ देखो एक प्रकार की डोली, पालकी। 'मोसर'।
म्यांव-देखो 'म्यांऊ'। मौसाड़ी-पु० पशुपों का एक रोग।
म्याइ, म्याई-१ देखो 'माई' । २ देखो 'बाई'। मौसाळ, मौसाळी (लो)-देखो 'मोसाळ' ।
म्यावट-देखो 'मावट'। मौसी-देखो 'मासो'। -हाई 'मासीयाइ'।
म्याळ-पु०१ कच्चे मकान की छाजन के नीचे लगने का लकड़ी मौसी-१ देखो 'मोसो'। २ देखो 'मासो'।
का लट्ठा । २ टांड । ३ कूए से पानी निकालने के पक के मोह-देखो 'मोह'।
नीचे की पटरी । ४ कच्चे मकान की छाजन में लगने वाली मोहत-पु० [सं० महत्व महत्ता, बड़ाई।
धनुषाकार लकड़ी। मोहताव-देखो 'मोताद'।
म्यामिनी (मिन्नौ)-पु० जगलो बिलाव । मौहतो-देखो 'महता'।
म्याक्ट-स्त्री० [सं० मात्री-वृत्ति १ तुरत की ब्याई हुई गाय, भैस मोहबत, मोहबति-देखो 'मुहब्बत' ।
.. बकरी के दूध को प्रांच पर पकाने से बनने वाला गाढा मोहमंद-देखो 'मुहम्मद'।
पदार्थ । २ देखो 'मावठ'। मोहम-देखो 'मुहिम'।
म्यो-देखो 'म्यांउ'। मोहर-देखो 'मोहर'।
प्रकंतु-पु० [सं०] मार्कंडेय ऋषि के पिता का नाम । मोहरत-देखो 'महरत'।
नखा-देखो 'म्रसा'। मोहरलो-वि० (स्त्री० मोहरली) मागेवाला, अग्रणी, प्रथम ।
प्रखावाब-देखो 'निसावाद'। मोहरि-१ देखो 'मोहर' । २ देखो 'मोरी'।
गंगक-देखो 'मृगांक'। मोहरियाळ-देखो 'मोहरियाळ'।
म्रग-देखो 'म्रिग'। मोहरी-१ देखो 'मोरी' । २ देखो 'मोहर'।
ब्रगणक-देखो 'म्रगांक'। मोहक (0)-१ देखो 'मोहर' । २ देवो 'मोरी'।
अगमती-देखो ‘म्रपाक्षी'। मोहरे मोहरे-क्रि.वि. १ अग्रभाग में, आगे, मागाड़ी।
नगद (इंद्र)-देखो ‘म्रगेंद्र'। २ सम्मुख, सामने । ३ किनारे, तट पर।
नंगचरम (छाळ, छाळा)-पु० [सं० मग-धर्म] इरिम का बमड़ा, मोहरी-१ देखो 'मोरो'। २ देखो 'मोहरी'।
जो बिछाने के काम प्राता है। मोहल-१ देखो 'महल' । २ देखो 'महिला'।
नगछाव-देखो 'म्रगसावक'। मोहळियो-देखो 'मौळियो'।
ब्रगजळ-देखो म्रिगत्रसरणा'। मौहलो- देखो 'महोलो' । २ देखो 'महल'।
म्रगझप-पु. एक डिंगल गीत (छद) विशेष । मौहणी, मोहिणी, मोहीणी-देखो 'मोहनि'।
नगडवण-पु० सियार। मौहरत-देखो 'महुरत'।
ब्रगडाणी-वि० मृग के समान छलांग लगाने वाला। मोहरतिक-पु. एक देव, जो धर्म ऋषि एवं मूहुर्ता के पुत्रों में से
ब्रगणाळ-पु. [स० मार्गरण] तीर, बांग। एक था।
प्रगतरसरणा (तिसणा, तिस्रण, प्रसना, अस्णिका, पिसमा मोही-देखो 'मोसो'।
- त्रिसना)-देखो म्रिगत्रिसणा' । म्यत-देखो 'मित्र'।
म्रगस नगदंसक-पु० [सं० मृगदंशक] कुत्ता, श्वान । म्याउ (अ)-पु० बिल्ली की बोली।
मगधर-पु० [सं० मृगधर] चन्द्रमा, चांद। म्यान-स्त्री० [फा० मियान] १ तलवार या कटार का कोष ।
नगनयरणी (नी)-देखो 'प्रिगनमरणी। । खाना, कवर । २ शरीरस्थ पन्नमय कोश । ३ शरीर।।
ब्रगनाम (मि, मी)-देखो 'म्रिगनाभि'। म्यानमाई-पु.वे दो पुरुष जिनका एक ही स्त्री से मैथुन म्रनिताम्रगीर-स्त्री. नींद के समय बाद कुछ खुली रहने संबंध हो।
की अवस्था । म्यांनी-स्त्री० [फा०] पाजामा या कच्छ के दोनों भागों को पर गनेरणी-देखो 'निगनयणी'।
स्पर जोड़ते हुए बीच में लगने वाले कपड़े के टुकर। नगपत (पति, पती)-देखो म्रिगपति' । म्यांनी-पु. [फा०] १ अर्थ, मतलब, अभिप्राय, तात्पर्य । नगपाल-पु. तीर ।
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