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( ३४३ )
मसबिरी
या बैल प्रादि का रोग विशेष । [सं० श्मश्रु] ७ मूछ के | मसतान-देखो 'मस्त' । बाल । ८ देखो 'मस्सों'।। देखो 'मिस'।
मसताक-देखो 'मुस्ताक'। मसउ, मसक-पु० [सं० मशक] १ मच्छर, डांस । २ भिश्तियों | मसती-देखो 'मस्ती'।
द्वारा पानी ढोने का, चमड़े का थैला । ३ कलाई । ४ दोनों | मसनद, मसनव-पु. [म०मस्नद] १ गद्दी, तकिया की बिछायत । हाथों को पीठ पीछे बांधने की क्रिया। ५ मजबूती से २ बड़ा तकिया ३ बड़ा तकिया लगाने का स्थान ।
बांधने की क्रिया या भाव । ६ मसकने की क्रिया या भाव । -नसीन-वि० गई तकियों पर बैठने वाला। अमीर । मसकणी (बी)-क्रि० सरकना, पसरना, फैलना।
मसनदी-वि० जहां मसनद लगे हों। मसकत-स्त्री० [भ० मशक्कत] १ मेहनत, मजदूर्ग, श्रम। मसपूरज-स्त्री० हेड्डी, प्रस्थि।
२ श्रमसाध्य कार्य, परिश्रम । ३ सेवा, चाकरी, नौकरी। मसर-मसर-क्रि० वि० धीमी गति से । धीरे-धीरे । ४ योग्यता।
मसरी-देखो 'मिसरी'। मसकर-पु० [सं० मस्कर] १ बांस । २ ज्ञान । ३ वंशी, बांसुरी। मसर, मसह-पु० [प्र. मशरूप] १ एक प्रकार का रेशमी
४ गति, चाल । ५ पोपली या थोथ वाली लकड़ी। ___ वस्त्र । २ रेशम व सूत का बना वस्त्र । मसकरि, मसकरी-देखो 'मसखरी'।
मसल-स्त्री० [अ०] १ कहावत, लोकोक्ति, मिसाल । २ समानता मसकरौ-देखो 'मसखरो'।
तुल्यता । ३ विषय, प्रसंग । ४ सलाह, परामर्श । ५ देखो मसकली-पु. छुरी, चाकू मादि पर धार देने का पत्थर ।
'मिसल' । ६ देखो 'मिसिल'। मसकित-देखो 'मसकत'।
मसळणी (बी)-क्रि० १ दोनों हाथों को परस्पर रगड़ना, मलना। मसकी-स्त्री० [सं०] गूलर । -वि. मशक से पानी भरने या | २ दबाकर रगड़ना, दबाकर हिलाना। ३ जोर से दबाना, ढोने वाला।
गूदना । ४ दबाव देकर पेस देना, मार देना, नष्ट कर मसकीन-वि० [म. मिस्की] १ प्रार्थी, विनीत, विनम्र । २ दीन, देना । ५ मर्दन करना।
असहाय, दरिद्र, गरीब । ३ सरल, सीधा-सादा । मसलत, मसलति (ती, त, ती) मसलहत-स्त्री० [म. मसलहत] ४ भिखारी । ५ त्यागी, विरक्त ।
१परामर्श, सलाह, मशविरा । २ गुप्त परामर्श, गोपनीय मसक्कत-देखो 'मसकत'।
वार्ता । ३ विचार-विमर्श, वार्तालाप । ४ ऐसी युक्ति जो मसक्की-पु. एक प्रकार का घोड़ा।
सहज में जानी जासके। ५ भेद, रहस्य । ६ उल्लेख, मसखरी-स्त्री० [म. मस्खरः१ हंसी-मजाक, दिल्लगी। वर्णन । ७ विचार, मंशा, माशय ।
२ किसी का उपहास । ३ अवहेलना, बेइज्जती। मसळारणी (बी)-क्रि० १ दोनों हाथों को परस्पर रगड़ाना, मसखरौ-वि० [म० मस्खरः] हंसी, दिल्लगी, उपहास करने मलाना। २ दबा कर रगड़ाना, दबाकर हिलवाना ।
वाला । -पु०१ मजाकी स्वभाव का व्यक्ति । २ हास्य | ३ जोर से दबवाना, हिलवाना। ४ मरवाना, पिसवाना, अभिनेता । ३ विदूषक ।
नष्ट कराना । ५ मर्दन कराना। मसग-पु. १ एक प्रकार का बहुमूल्य वस्त्र । २ देखो 'मसक'। मसलि-१ देखो 'मिसल' । २ देखो 'मिसिल'। ३ देखो 'मसल'। मसगूल-वि० [म. मश्गूल] १ व्यस्त, लीन । २ किसी कार्य में मसलो-पु० १ व्यंग, ताना । २ समस्या, उलझन । ३ लोकोक्ति, संलग्न, प्रयत्नशील ।
कहावत । ४ परामर्श । ५ विषय, प्रसंग । मसजिव-स्त्री० [अ० मस्जिद] मुसलमानों का नमाज पढ़ने का मसल्ल-देखो 'मसल', 'मिसल', 'मिसिल' । मन्दिर, भवन ।
मसवाड-पु. १ मासिक वृत्ति, वेतन । २ देखो 'मास'। मसम्जर-पु. एक प्रकार का वस्त्र ।
मसवारि-क्रि० वि० मास में । मसट (ई), मसठ-वि० [सं० मष्ठ] १ चुप, मौन । २ संस्कार
मसवाडौ-देखो 'मास'। शून्य । ३ भूला हुमा । ४ ध्वस्त, नष्ट । मसत-देखो 'मस्त'।
| मसवासि, मसवासी-पु० [सं० मासवासी] (स्त्री० मसवासिणी) मसतक (क्क, ग)-देखो 'मस्तक' ।
___एक ही स्थान पर एक मास तक रहने वाला वैरागी। मसतपी, मसतफा-पु. [म मुस्तफा १ मोहम्मद साहब की एक मसवासिणि, मसवासिणी-स्त्री. १ वेश्या, रण्डी। २ मासवासी।
उपाधि । २ पवित्र पात्मा, सत्पुरुष । -वि. १ शुद्ध, मसविबी-पु० [म०मसन्विदः] १ किसी पत्र या लेख का प्रारूप । पवित्र, निर्मल । २ प्रवगुण रहित ।
पांडुलिपि । २ किसी कार्य की भूमिका । मसतांक-वि० [म. मुश्ताक] उत्कंठित, उत्सुक ।
| मसबिरी-पु० [म. मशविरा] विचार-विमर्श, परामर्श, सलाह ।
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