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भुगतारण
( २९२ )
भुजसंमु
प्रादि का निपटना । ६ गुजरना, बीतना। ७ पूरा होना, की स्थिति । ८ दो की संख्या चार की संख्या ।
निपटना । ८ खबर होना, संदेश मिलना । ९ चुकता होना । १० देखो 'भुजा'। भुगतांण (न)-पु० १ ऋण आदि का चुकारा, निपटारा । भुज अंतर-पु० वक्षस्थल, छाती।
२ फैसला, निर्णय । ३ परिशोध । ४ भुगतान योग्य रकम । भुजप्राजांन-वि० प्राजानबाहु ।
५ प्रतिफल । ६ रसीद, पहुँच । ८ भोगना क्रिया। भुजकट (8)-पु० नाखून । भुगतारणी (बो), भुगतावणी (बो)-क्रि० १ उपभोग कराना, | भुजक--पु० [स० भुजिष्य] नौकर, अनुचर ।
भोगाना । २ वहन कराना, सहन कराना । ३ भार | भुजकांटो-देखो 'मुजकट' । उठवाना, जिम्मेदारी देना। ४ अनुभव कराना, दिखाना। भुजकोटर-स्त्री० [सं०] बाहुमूल के नीचे का खड्डा, कांख । ५ ऋण आदि पटवाना । ६ चुकता करना, देना । ७ पूरा | भुजग देखो 'भुजंग'। -पति='भजगपति' ।
करना, निपटाना। ८ खबर कराना । संदेश कराना। भुजगळ-देखो 'भुजळग'। भुगति -पु० [सं०] १ विषय-भोग, सांसारिक सुख । २ भोजन, | भुजगीस, भुजगेस, भुजगेस्वर-देखो 'भुजंगेस' । पाहार । ३ भोज ।
भुजा-पु. वीर, योद्धा। भुगोळ (ल)-देखो भूगोळ' ।
भुजठाळक-देखो 'भुजळक' । भुड़को-देखो बुगती'।
भुजडड-वि० [सं० भुजदण्ड] १ योद्धा, वीर। २ प्रचंड, भुड़की-पु० मिट्टी की सुराई, जलपात्र ।
जोरदार । ३ समर्थ, शक्तिशाली। ४ आभूषण विशेष । भुड़ा-देखो बुग्द'।
५ देखो 'भुजा'। भुचकरणो (बो)-क्रि० १ कम्पायमान होना, कांपना । | भुजडारण -पु० १ लम्बी भुजाओं वाला वक्षस्थल । २ योद्धा, २ डोलायमान होना, डोलना।
| वीर। भुचरको-पु०१ टक्कर, भिड़न्त । २ प्रहार, चोट । ३ चूर्ण, | भुजतळ-पु० भुजाओं का मध्य भाग।
भुजदंड-देखो 'भुजाडंड' । . भुजंग-पु० [सं०] १ सर्प, सांप । २ शेषनाग । ३ पति । भुजन -देखो 'भजन' ।
४ उप पति, यार, प्रेमी। ५ स्वामी, मालिक । ६ राजा | भुजपरिनाग-पु० [सं०] नवकुली नागों में से एक । नप। ७ कुंडलिनी नामक नागिन का पति । (हठयोग)। भुजपाळ-पु. योद्धा, वीर। ८ राजा का विशेष सेवक (प्राचीन) । ६ सीसा नामक | भुजपास-पु० [सं० भुजपाश] भुजामों का पाश, गलबांही। धातु । १० राजा, नृप । ११ पन्द्रहवें विहरमान। -चरपु. गरुड़ । मोर । -पत, पति-पु० शेषनाग । वासुकि । भुजबंद (बध), भुजबंधन-पु० [सं० भुजबंध] १ भुजा का -पास-स्त्री. नागपाश अस्त्र । -भुज, भोजिन-पु.
प्राभूषण विशेष । २ प्रालिंगन । गरुड़। मयूर।
भुजबळ-पु० [सं० भुजबल] १ शक्ति, बल सामर्थ्य, भुजामों का भुजंगप्रयात-पु० [सं०] एक वणिक छन्द विशेष ।'
बल। २ घोड़े के अगले पर पर होने वाली भौंरी। भुजंगम-पु० स०] सर्प, नाग, शेषनाग । -चर-
पु ड़ ।
___३ मुखिया, प्रधान । मोर।
भुजबळी (ळि)-वि० पराक्रमी, बली, वीर । भुजंगरसना-स्त्री० दो की संख्या ।
भुजबाथ-पु० मालिंगन, गलबांही। भुजंगासन-पु० चौरासी प्रासनों में से एक।
भुजभूसण-पु० [सं० भुज-प्राभूषण] भुजा का प्राभूषण विशेष । भुजगी-पु. १ एक वणिक छद विशेष । २ देखो मजंग'। भुजमूळ-पु० [सं०] कांख । भुजगेंद्र-पु० [सं०] शेषनाग ।
भुजमोचक-पु० [सं०] सर्प का विष उतारने वाला रत्न । भुजगेस, मजगेसर-पु० [सं०] १ शेषनाग । २ पातंजलि ऋषि | मुजयडड-दखा 'मुजडड ।। एक नाम । ३ वासुकि।
मुजळक भुजळग-स्त्री० तलवार । मुज-पु० [सं०] १ हाथ । २ मकान के एक मोर की दीवार। | मुजलका-० १
| मुजलठी-वि० १ हाथ में लाठी रखने वाला। २ उंडे के बल ३ हाथी की सूड । ४ वृक्ष की शाखा या डाली।५ रेखा काम कराने वाला। गणित की कोई रेखा। ६ रेखा गणित में समकोणों का | मुजबीसी-पु० बीस भुजा वाला, रावण । पूरक कोण । ७ ज्योतिष में तीन राशियों के अन्तर्गत ग्रहों | भुजसंभु पु० युद्ध का भार उठाने वाला योद्धा।
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