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भंजाड़ली
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( २६१ )
का बिखरना । ७ बड़ी मुद्रा का फुटकर सिक्कों में होना । देखो 'भांजली' (बो) ।
जौ (बी), पंजानी (बी) पंजाबी(ब)-कि० १ मिट वाना, नाश करवाना । २ पराजित कराना। ३ संहार करवाना । ४ तुड़वाना, टुकड़े करवाना। ५ भगवाना । ६ बड़ी मुद्रा को छोटी मुद्रा में बदलवाना । ७ मुड़वाना । ८ तह करवाना। ६ खर्च करवाना। १० नियम से विचलित करवाना, प्ररण तुड़वाना ।
भंड- पु० [सं० भण्ड] १ एक देश का नाम । २ देखो 'भांडो' । ३ देखो 'भांड' |
भंडवाड़ी - पु० भांडने की क्रिया, निंदा, अपकीर्ति ।
भंडाइ, भंडाई- देखो 'भांडाई' ।
भंडाफोड़ - पु० [सं० भाण्ड-स्फोट] १ रहस्योद्घाटन, गुप्त बात प्रकट होने की अवस्था । २ गुप्त योजना की जानकारी । भंडार, भंडार, भाउ १० [सं० भाण्डागारम्] १ बजाना कोष, धनागार । २ भोजन, रसोई । ३ किसी वस्तु का बड़ा संग्रहालय, कोठार । ४ भोजन सामग्री का कोठार । ५ माल गोदाम । ६ देखो 'भंडारी' । भंडारण (बी० [सं० भाण्डारणम् ] १ संग्रह करना, - संगृहीत कर रखना । २ गर्भ की जरा को भूमिगत करना । भंडारियो पु० [सं० भण्डार ] १ छोटा भंडार या कोठार | २ दीवार या किसी उपकरण में भण्डार की तरह बना खाना । ३ श्रीजार रखने की पेटी, सदूक । ४ एक प्रकार का सर्प विशेष । ५ देखो 'भंडार' । ६ देखो 'भंडारी' । भंडारी - पुं० [सं० भाण्डागारिक] १ भण्डार का प्रभारी या अध्यक्ष २ रसोईया । ३ छोटी कोठरी, खजाना । ४ पृथ्वी, मुरखी।
भंडारी पु० [सं०] भण्डार ] १ साधु सन्यासियों के लिये किया जाने वाला बड़ा भोज २ किसी बड़े दशनामी साधु की मृत्यु के पीछे किया जाने वाला भोज । ३ देखो 'भंडार' | (ब) देवी 'मंडी' (बी)। भंडार देखो 'भंडार
भंडीस - वि० विध्वंस या नाश करने वाला । पु० दक्ष प्रजापति । मंडेल - स्त्री० एक पर एक रखे बर्तनों का ढेर । भडेली - पु० मुसलमान जाति का भांड ।
फोड़ - देखो 'भूः फोड़' ।
भंड- पु० [सं० भाण्डक] १ क्षति, हानि । २ कवच । ३ निन्दा भंभरभूळो, भंभरभोळ, मंगळपोळी- वि० [सं० विह्वल + मुल्लक ] मंडी (बी) देखो 'डी' (बी) (स्त्री० मंगरभोळी, मंभळभळी) बहुत भोला-भाला, सीधा,
मंडफोड- देखो 'भंडाफोड' ।
भंडोपकरण- पु० [सं० भण्डा- उपकरण] गृहस्थ संबंधी सामान । भंडो-देखो 'भांडो' ।
itment (at), मंकणी (बी) देखो 'भरणकणी' (बौ भंगी (बौ) - देखो 'भरणी' (बी) । पंत मंतिमंती-१ देखो 'भांत' २ देखी 'शांति' । । भंदोळी-देखो 'बंदोळी' । दोळी-देखो 'बंदोळी । दो-देखो 'बोध' ।
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भंकर
०१२ अधिक बालों का समूह।
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शंभर वि० [सं० विद्वल] १ घबराया हुमा व्याकुल २ भीत भयातुर इवित
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सरल । मुग्ध ।
भंगा-स्त्री० एक वाद्य विशेष ।
भार- वि० १ बहुत बड़ा २ देखो 'बंबार
भंडारण (बौ) - क्रि० १ निंदा कराना, अपकीर्ति कराना । भंभारी- पु० १ जैसलमेर का एक क्षेत्र । २ देखो 'बंबार' । २ बिगाड़ना, खराब करना ।
३. देखो 'बंबारी' ।
भंभीर - वि० भयानक, भयाबह । मंळियो देखो 'बळी' । मंळी-देखो 'बळी' भंभेड़ी-स्त्री० एक वृक्ष विशेष |
मेंरी (बौ) - क्रि० क्रुद्ध करना, कुपित करना । भंभेरी - स्त्री० १ एक देश का नाम । २ देखो 'विभी' । मौ- पु० एक वाद्य विशेष ।
भंगर-१ देखो 'भंवर' । २ देखो 'भ्रमर' | भमरकड़ी-देखो 'भंवरकड़ी' ।
भंमरो-१ देखो 'भ्रमर' । २ देखो 'भंवर' । मंगळ-देखो 'भंबळ' |
संयोग देखो 'भयानक' ।
वण १ देखो 'मंगळ' २ देखो ''ण' मंदणी (बौ)- कि० [सं० भ्रमणम् ] १ घूमना फिरना ।
२ चक्कर खाना, भटकना । ३ उड़ना । ४ मुड़ना, वक्राकार होना । ५ भ्रम में पड़ना, भ्रमित होना ।
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मंवर पु० [सं०] भ्रमरं ] (स्त्री० भंवरी) १ नाक का प्राभूषण विशेष । २ गहरे पानी में पड़ने वाला भावर्त, चक्कर । ३ श्याम रंग । ४ मकान का गंदा पानी जाने के लिये बना गड्ढा । ५ गेहूं की फसल का एक रोग ६ चक्राकार बने हुए बाल । ७ घास का गोल ढेर। [सं० भ्रमरः ] ( स्त्री० भंवरी) वह लड़का जिसका दादा जिन्दा हो । ९ पति खाविंद । १० श्याम रंग का घोड़ा । वि० १ काले रंग का, श्याम ।
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