________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
ব'ड़া
www. kobatirth.org
( २४० )
बेड़ो-देखो 'वे'डी' ।
( क्रि० [सं० विकपणम्] १ मूल्य लेकर कोई वस्तु देना | बेचना । २ बिक्री करना । ३ समर्पित करना । ४ द्रव्य आदि के लोभ में धर्म-ईमान खोना ।
११ बहेड़े का वृक्ष । १२ इस वृक्ष का फल । १३ देखो | बेजां वि० [फा०] १ जो उचित स्थान पर न हो । २ अनुचित, 'ई'हो'।
अनुपयुक्त, बुरा ३ तुच्छ, घटिया, हेप खराब । ४ प्रसंगत, बेतुका । ५ बेकाबू |
बेजापता बेजान्ता वि० [फा०] १ जिसका कोई जातान किया गया हो, प्रसुरक्षित । २ जो कानून या नियम के विरुद्ध हो। ३ अव्यवस्थित प्रस्त-व्यस्त
चरण (म) पु० [सं० विक्रप] १ येवने की क्रिया या भाव। २ बेनी जाने वाली वस्तु
।
1
चाक - वि० [देश०] १ पूर्णतया अस्वस्थ रुग्ण बीमार २ क्षीण, दुर्बल। ३ सावधान, गाफिल । ४ सुस्त, उदास । ५ बेचने का कार्य करने वाला, व्यवसायी ।
चालो (बी) क्रि० [सं० विक्रयणम् ] १ मूल्य के बदले कोई वस्तु दिराना, बिकवाना । २ बिक्री कराना । ३ समर्पित कराना । ४ धन आदि का लोभ देकर धर्म-ईमान गमवाना । बेबारी दि० [फा०] बेचारा] [स्त्री० [बेपारी) १ जिसके पास कोई साधन या कोई उपाय न हो । २ निस्सहाय, बेसहारा ३ दुःखी, परेशान ४ दरिद्र, कंगाल, दीन बेचावणी (ब) - देखो 'बेचाणी' (बी) ।
1
बेचिराग - वि० [फा०] १ जहां चिराग न जले । २ जहां चिराग का अभाव हो । ३ निस्संतान ।
,
बेचेत चेतं वेते वि० १ जिसमें चेतना न हो, प्रचेत बेहोश । २ होश - हवास से रहित मतिभ्रम । ३ श्रसावधान । बेचैन वि० [फा०] १ जिसे पैन न हो, शान्त
२ व्याकुल विकल । ३ दुःखी, संतप्त । ४ उदास, चिन्तित । ५ भयातुर उद्विग्न ६ स्थिरचित्त
।
देबेनी-स्त्री० [फा०] १ चेन रहित होने की दशा, प्रशान्ति । २ व्याकुलता विकलता ३ शोक, दुःख, उदासी । ४ उद्विग्नता भय ५ चित्त की स्थिरता, घबराहट छाड़ देखो छाड़' ।
बेज, वे' को बु० [सं० वेध ] छिद्र, सूराख, विवर, छेद । बेजड़ - वि० १ जिसकी कोई जड़ या मूल न हो, निर्मूल । २ बेबुनियाद, निराधार ३ सारहीन व्यर्थ पु० [स० दिन] १चने का मिश्रण २ कई अनाजों का मिश्रण । ३ देखो 'बीजला' ।
।
।
बेज हथ - देखो 'बीजळाहथ' ।
बेजबान - वि० [फा०] १ जिसके जबान या वारणी न हो, मूक । २ जो बोलना न जानता हो । ३ चुप, शांत, गभीर । ४ दीन, गरीब, विवश । पु० अपशब्द, गाली । बेजान - वि० [फा०] १ जिसमें जान न हो, निर्जीव । २ प्रत्यन्त कमजोर, क्षीण
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बेजारा - स्त्री० [देश०] वस्त्र बुनने का व्यवसाय करने वाली जाति ।
बेजारी पु० [देश०] उक्त जाति का व्यक्ति ।
-
बेजु बेजू - देखो 'बिज्जु' ।
बेजोड़ - वि० [फा०] १ जिसकी कोई जोड़ न हो, श्रद्वितीय, अनुपम, अनोखा | २ जिसमें कोई जोड़ न हो, प्रखण्ड ।
डोळ
३ जिसका कोई साम्य न हो, बेतुका
बेजt - पु० १ कपड़ा बुनने का एक यन्त्र । २ कपड़ा बुनने की क्रिया ।
बेस, येस बेसको देखो 'वे'ज'
.
बेड़ देखो 'बेजड़' ।
बेझौ -
सौ पु० [सं० वेध] निशाना, लक्ष्य ।
बेज्यास पु० [फा०] १ विश्वास या तसल्ली का प्रभाव । २ धैर्य की कमी, अधीरता । ३ निराशा । ४ श्रविश्राम, अशांति ।
बेट - पु० समुद्र के बीच का टापू, द्वीप ।
बेट बैटकियों, बड़ी-देखो 'बेटी' ।
बेटड़ी बेटी स्त्री० [सं० परेसा] १ पुत्री, बया चात्मजः २ कन्या, लड़की । ३ किसी के प्रति स्नेहयुक्त संबोधन । बेटी - पु० [सं० वत्स, बटु] ( स्त्री० बेटी) १ पुत्र, सुत, वत्स । २ लड़का, बच्चा 1 ३ छोटे बच्चों का युक्त सम्बोधन ।
1
बेठ-पु० [देश०] मुफ्त काम कराने की क्रिया, बेगार बैठक - देखो बैठक' ।
बेटियो- पु० बेगारी 1
बेली देवी 'बेडी' ।
ठणी (बौ) - देखो 'बैठणी' (बो) । बेठाणी (बी) देखो 'बंडाणी' (बौ
बैठकले ( ० वि० [फा०] १ निर्धारित स्थान से अलग । २ अन्यत्र । ३ अनुपयुक्त स्थान पर ४ गलत पते पर । ५ बेमेल ।
For Private And Personal Use Only
बेडाळ - वि० [फा०] १ जिसकी कोई डाल या शाखा न हो । २ अव्यवस्थित ३ देखी 'बेड़ो' |
बेडीवाही देखो 'बेड़ीवाही' ।
बेडोल - वि० १ भद्दा, बेढंगा । २ कुरूप । ३ अस्त-व्यस्त ।