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बस्तु
। १८८ )
बहरावरको
६ माबाद होने की अवस्था । ७ समाज, प्राबादी, जन | बहत-१ देखो 'बहुत' । २ देखो 'वहत' । संख्या, जनपद । ८ रात, रात्रि । ९ ठहराव । १० प्राधार।। बहतर, बहतरि, बहतरी-देखो 'बोतर'। ११ परिवार । १२ चहल-पहल । १३ देखो 'वस्ति' ।। बहतरौ-देखो 'बमोतरी। -मल-पु० नगर का योद्धा, पहलवान ।
बहत्त-१ देखो 'बहुत' । २ देखो 'वहत' । बस्तु-देखो 'वस्तु'।
बहत्तर, बहत्तरि, बहत्तरी-देखो 'बोत्तर' । बस्ती-पु० [फा० बस्तः] १ पुस्तके कागज प्रादि बांधने का | बहत्तरो-देखो 'बमोती।
वस्त्र । २ इस प्रकार बंधी पुस्तकें या कागजों का बंडल । | बहदा, बहदी-पु० बढ़-बढ़ कर बातें करने की क्रिया । ३ विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों का थैला । ४ दुकानदारों | बहदो-पु० [सं० विघातः] १ युद्ध, लड़ाई । २ उपद्रव टंटा, के 'बटखरे' रखने की थैली ।
फिसाद । ३ विवाद । ४ विघ्न, बाधा, अड़चन । ५ अन्तर, बस्त्र-देखो 'वस्त्र'।
फर्क । ६ सन्देह । ७ हल्ला-गुल्ला, हुल्लड़। बस्सी-देखो 'वसी'।
बहधा-देखो 'बहुधा' । बहंग-देखो 'विहंग'।
बहन, बहनड़, बहनड़ली, बहनड़ी-स्त्री० [सं भगिनी] १ खुद के बहचरणो (बो)-देखो 'बैचरणो' (बौ)।
माता-पिता की लड़की, कन्या/भगिनी, बहन । २ चाचा, बहतर-देखो 'बमोतर'।
ताऊ, मामा, बूमादि की पुत्री । ३ बहन के रूप में स्वीकृत बह-१ देखो 'वह' । २ देखो 'बहुत' ।
स्त्री, धर्म बहन । बहक-स्त्री० १ बहकने की क्रिया या भाव । २ पथ भ्रष्ट या | बहनामि, बहनामी-देखो 'बहुनामी'।
मति भ्रष्ट होने की दशा। ३ पागलपन । ४ प्रलाप, | बहनि (नी)-१ देखो 'बहन'। २ देखो 'वनि'। बकवास । -क्रि०वि० किसी के हक में, लिये, वास्ते, | बहनेवी बहनोई, बहनोबी, बहनोई-पु० [सं० भगिनी पतिः] प्रति ।
- बहन का पति। बहकरणौ (बी)-क्रि० १ सही रास्ता छोड़कर गलत रास्ते जाना, | बहन्न-देखो 'बहन' ।
भटकना, पथ भ्रष्ट होना । २ गुमराह होना, भ्रमित होना । | बहबहणी (बी)-क्रि० १ प्रसन्न होना, खुश होना । २ खिलभुलावे में पाना । ३ लक्ष्य चूकना, भूलना । ४ विचार | खिलाना। ३ उमंगित होना । ४ उत्कंठित होना । धारा में परिवर्तन होना, विषयान्तर होना। ५ भावेश | बहबिद्ध-देखो 'बहुविधि' । मद या क्रोध में पागल हो जाना, पापे में न रहना । ६ इस | बहबुवरणी-वि० [देश॰] (स्त्री० बहबुबणी) १ प्रसन्न, खुश । दशा में बड़बड़ाना । ७ मातंकित होना । डरना ।
२ अधीर, उतावला । ३ अातुर । बहकांमी-देखो बहुकांमी'।
| बहमंड-देखो 'ब्रह्मांड'। बहकाणी(बी), बहकावणी (बो)-क्रि० १ पथ भ्रष्ट करना, सही | बहम-देखो 'वहम' ।
रास्ता छुड़ाना । २ गुमराह करना, भ्रमित करना । ३ | बहमारणी-१ देखो 'बहुमांनी' । २ देखो 'ब्रह्मांणी' । लक्ष्य चुकाना, मुलाना । ४ विचारधारा में परिवर्तन | बहमी-देखो वहमी'। कराना, विषयान्तर कराना । ५ प्रापे में न रहने देना । बहमोलो-देखो 'बहुमोलो'।
६ शान्त करना, बहलाना । ७ आतंकित करना । डराना । बहरंग, बहरंगी (गो)-देखो 'बहुरंगी'। बहाणी (बो)-क्रि० १ कटना, कटजाना । २ देखो | बहरक, बहरख-स्त्री० भाले की नोक में बंधी रहने वाली झंडी। __ 'बावड़णों' (बौ)।
बहरखणी (बो)-क्रि० १ फहरना । २ चमकना । बहडारणौ (बो), बहडावरणो (बौ)-क्रि० १ कटवाना, कटवाया बहरखौ-पु. १ बाहू का एक गहना विशेष । भुजबन्ध । २ कुहनी जाना। २ देखो 'बावड़ाणो' (बी) ।
पर पहनने का वस्त्र विशेष । बहवराय-स्त्री० [देश॰] चारण कुलोत्पन्न एक देवी विशेष ।
बहरणो-देखो ‘बारणो'। बहठणी (बी)-देखो 'बैठणी' (बौं)।
बहरणौ (बो)-देखो 'बैरणो' (बी)। बहठाणौ (बो)-देखो 'बैठाणी' (बी)।
बहराणी (बौ)-देखो 'बैराणो' (बौ)। बहरण, बहरणी-१. देखो 'बहन' । २ देखो 'वहरण' । ३ देखो 'बहणी'।
बहरापरणो-पु० बहरापन । बहरणोई-देखो 'बहनोई'।
बहरार-वि० [सं० वर्द्धन] चीरने वाला । बहरणौ (बो)-देखो 'वहणो' (बो)।
| बहरावणौ (बौ)-देखो 'बैराणौ' (बौ)।
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