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बरकला
( १७९ )
बरजरणी
बरकला-देखो 'बुरकला'।
बरघू-पु. तुरही से मिलता-जुलता एक वाद्य विशेष । -वि० बरकस-वि० [सं० वक्रिन्] उल्टा, विपरीत, विरुद्ध ।
१ मूर्ख, मूढ़, बेवकूफ । २ देखो 'बगनी'। बरकसी-स्त्री० शत्रुता, वैर ।
बरघोसा-स्त्री० [सं० वरघोषा] मंजू घोषा नामक अप्सरा बरकारणौ (बी), बरकावणी (बी)-क्रि० १ जोश पूर्ण प्रावाज बरड़-पु० १ पथरीली भूमि। २ बूदी क्षेत्र का दक्षिणी प्रदेश ।
कराना, गर्जाना । २ चीखाना । ३ करुण क्रन्दन कराना। ३ देखो 'बड़ड़। ४ देखो 'बड़काणी' (बी)।
बरड़क, बरड़को-पु. १ लकड़ी प्रादि के टूटने की ध्वनि । बरकियो-पु० बकरियों का एक चिल्लाने का रोग विशेष । २ देखो 'बड़को'। बरकी-स्त्री० १ रुई या ऊन का बोरा । २ गद्दी।
बरडण-स्त्री. दहलीज । बरको-पु० १ बलि पशु का एक ही बार में किया जाने वाला बरड़णौ (बी)-क्रि० १ प्रलाप करना, बक-बक करना ।
वध । २ दर्द भरी मावाज, चिल्लाहट । ३ देखो 'बड़को' । बकना । २ चिल्लाना, चीखना। ३ विलाप करना, रोना। बरख-१ देखो 'वरस' । २ देखो 'वरक'।
४ क्रोध या दर्द में अस्पष्ट ध्वनि करना। ५ क्रोध करना, बरखणो (बी)-देखो 'वरसणी' (बी)।
क्रुद्ध होना । ६ नींद में बड़बड़ाना। ७ गुर्राना । ८ कठोर बरखा-देखो 'वरसा'।
वस्तु चबाने से ध्वनि होना। ९ चिरना, फटना । १० माख बरखाणौ (बौ)-देखो 'वरसाणी' (बो)।
का दुखना। बरखास, बरखास्त-वि० [फा० बरखास्त] १ जिसका कार्य बरड़ाटो-पु० १ प्रलाप, कूक, चिल्लाहट । २ क्रोधपूर्ण प्रावाज ।
बंद हो गया हो । २ विजित । ३ स्थगित । ४ नौकरी ३ गुर्राहट । ४ चिरने-फटने से उत्पन्न ध्वनि । ५ जोश, या पद से हटाया हुअा, पदच्युत ।
साहस । ६ कठोर वस्तु को चबाने की ध्वनि । बरखास्तगी-स्त्री० [फा०] १ बरखास्त होने की अवस्था या | बरडाणी (बी)-क्रि० १ प्रलाप करना, कूकना, चिल्लाना।
भाव । २ बरखास्त करने की क्रिया । ३ विसर्जन ।। २ विलाप करना, रोना। ३ दर्द में कराहना, तड़फ़ना । ४ नौकरी या पद से निष्कासन ।
४ क्रोध में बड़बड़ाना । ५ नींद में बड़बड़ाना । ६ गुर्राना। बरखिलाफ-वि० [फा०] १ विरुद्ध, विपरीत । २ भयंकर, ७ कठोर वस्तु जोर-जोर से चबाना । ८ चीरना, फाड़ना, विरोधी । ३ प्रतिकूल ।
टुकड़े करना । ९ जोश या पावेश में माना। १० दबाव बरखिलाफत-स्त्री० [फा०] १ विरोध, भयंकर विरोध ।।
. २ प्रतिकूलता । ३ 'बरखिलाफ' होने की अवस्था या भाव। बरड़ियौ-पु. १ मेघवालों में, दूल्हे के प्रोढ़ने का एक वस्त्र । बरख्यात-देखो 'वरख्यात' ।
२ देखो 'बरड़ो'। बरग-१ देखो 'बरग' । २ देखो 'बरघू' । ३ देखो 'बरक' ।। | बरडी-स्त्री॰ [देश॰] १ पहाड़ी, भाखरी। २ काली व श्वेत बरगड़ो-पु. [देश॰] १ चीता, तेन्दुप्रा । २ भेड़िया । ३ घोड़े । चौकियों वाला एक ऊनी वस्त्र विशेष । -वि. कठोर, की एक तेज चाल ।
सख्त । बरगत-देखो 'बरकत'।
बरड़ करणौ (बो)-देखो 'बड़कणी' (बी)। बरगद-पु० वट वृक्ष।
बरड़ को-देखो 'बड़को'। बरगळ-पु. १ छिद्र, छेद । २ खण्ड, टुकड़ा । ३ अंश, भाग।
बरड़ो-देखो 'ब'डो'। बरगळणी (बौ)-देखो 'वरगळणो' (बो)।
बरचस-देखो 'वरचस'। बरगळारणौ (बो), बरगळावरणौ (बी)-देखो 'वरगळाणी' (बी)। बरचि, बरची, बरछी, बरछी-स्त्री० [सं० वश्च] १ छोटा बरगिरा-स्त्री० घोड़ों का एक रोग विशेष ।
बरछा या भाला। २ बत्ती। बरगी-पु० [फा०बरगीर] १ अश्वपाल, सईस । २ अश्वारोही, |
बरछेत, बरछत-वि० १ बरछा चलाने में दक्ष व निपुण । अश्व सैनिक । ३ एक जाति व इस जाति का ब्यक्ति ।
२ बरछा चलाने वाला। बर, बरगू-देखो 'बरघू' ।
बरछौ-पु० एक शस्त्र विशेष, भाला। बरध-देखो 'बरग' ।
बरजणी (बी)-क्रि० [सं० वर्जनम्] १ मना करना, निषेध
करना । २ रोकना। ३ बात-बात में रोकना, टोकना । बरघड़ो-देखो 'बरगड़ो'।
४ समझाना । ५ सामना करना, मुकाबला करना । बरघळ (ळ)-देखो 'बरगळ' ।
६ उपभोग न करना, प्रयोग में न लाना। '७ छोड़ना, बरघुदार-वि० 'बरधू' वाद्य बजाने वाला।
त्यागना।
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