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बज्ज
( १६८ )
बटी
बज्ज-देखो 'वज्र'।
बटन-देखो 'बटण'। बज्जणी (बी)-१ देखो 'बजणी' (बी)। २ देखो 'बाजणी'(बो)। बटपड़ो, बटपाड़ो, बटपाडो, बटपारौ-पु० [सं० वाट-पाटकम्] बज्जर-देखो 'वज्र'।
राहगीरों को लूटने वाला, लुटेरा । बज्जरणौ (बी)-देखो 'वज्जरणो' (बी)।
बटबड़-देखो 'बाटबड़'। बज्झ-वि० बाहय, बाहरी ।
बटभरणी-देखो 'बटभरणो' । बज्र गो-देखो 'वजरंगी'।
बटमार-देखो ‘बटपाड़ो'। बज्र-देखो 'वज्र'। -तुंड= वज्रतुड' । -धर='वज्रधर'। बटळणौ (बी)-देखो 'विटळणो' (बी)।
-नाम 'वज्रनाभ' । -पात-'वज्रपात'। -भास- | बटलाळीयो-पु० लकड़ी में खुदाई करने का उपकरण। 'वज्रभास'।
बटली, बटलोई-स्त्री० [सं० वट-लोटिका] दाल, चावल मादि • बज्राग-देखो 'बजराक' ।
पकाने का पात्र, पतोली। बज्रागमुख-पु० [सं० वज्र-मन-मुखवज्र का अगला भाग, बटवी-पु० १ एक लोक गीत । २ देखो 'बटुवो' । नोक, मुख ।
बढाइ, बटाई-स्त्री० [सं० वट-वेष्टनम्] १ बटने या ऐंठन देने बजी-देखो 'वज्री'।
की क्रिया या भाव । २ रोटी, पापड़ प्रादि की बेलाई । बमरणो (बौ)-१ देखो 'बंधणी' (बौं)। २ देखो 'बजरणो' (बी)। ३ उक्त कार्य का पारिश्रमिक । ४ इस प्रकार का व्यवसाय । ३ देखो 'बाजरणो' (बो) । ४ देखो ‘बझणौ' (बो)।
५ देखो 'बंटाई। बझौ-देखो 'बजो'।
बाउ, बटाउड़ो-देखो 'बटाऊ'। बट-१ देखो 'वट' । २ देखो 'वाट' ।
बटाऊ-पु० पथिक, राहगीर, यात्री। बटकड़ो-पु० [देश॰] १ आंगन में चूना या सीमेंट जमाने का | बटारो (बी)-क्रि० १ रस्सी, डोरा आदि बनवाना, ऐंठन .
- काष्ठ का उपकरण । २ देखो 'बटको'। ३ देखो 'वाटको'।। दिरवाना । २ रोटी, पापड़ प्रादि बेलाना। ३ बिक्री कर बटकरणौ (बो)-क्रि० [सं० वदम्] १ चिल्लाना, चीत्कार करना। वाना । प्राय कराना । ४ उपाय कराना, वश चलवाना ।
२ कड़कना, गरजना । ३ टूटना । ४ दांतों से काटना ।। ५ देखो 'बंटारगो' (बी)। ५ गिरता, पड़ना । ६ क्रोधित होना । ७ देखो बंटापट, बटाबट-पु०१ शीघ्रता से तोड़ने, मारने या काटने की 'भटकणो' (बी)।
क्रिया या भाव । २ उक्त क्रिया से उत्पन्न ध्वनि । ३ देखो बटकी-देखो बाटकी'।
'फटाफट'। बटको-पु० [सं० वट] १ वस्त्र-खण्ड, कपड़े का टुकड़ा । बटारक-देखो 'बटारक' ।
२ टुकड़ा, टूक । ३ विभाग, खण्ड । ४ दांतों से काटने की | बटारौ-पु. (स्त्री० बटारी) १ बटाई का कार्य करने वाला
क्रिया या भाव । ५ दांतों से काटने का घाव । चिह्न । व्यक्ति, श्रमिक । २ बेलने का कार्य करने वाला श्रमिक । बटक्कणी (बो)-देखो 'बटकरणो' (बो)।
३ देखो 'बंटारो'। बटक्को-देखो 'बटको' ।
बटाळ-देनो 'बटालो'। बटरा-पु० अ. बटन] १ पहनने के वस्त्रों में लगने वाली बटाळणौ (बो)-देखो 'विटाळ गो' (बो)।
घुडी । २ किसी यंत्र को चलाने या रोकने का उपकरण । | बटाव-पु० प्रजा से लिया जाने वाला एक कर विशेष । ३ बिजली जलाने-बुझाने का खटका । [सं० वेष्ट] ४ रस्सी बटावरणौ (बौ)-१ देखो 'बटाणो' (बी)। २ देखो 'बंटाणो'(बी)। आदि में ऐठन दो की क्रिया। ५ठन, उमेठन । ६ गले
बार-देखो बटाऊ' । . का एक आभूषण विशेष ।
बटियो-१ देखो 'बाटियो' । २ देखो 'बाटो'। बटरिणयो, बटणी-पु० रस्सी ऐंठने का उपकरण । -वि० बटने
बटींग-वि० [सं० वटुकः] १ मूर्ख, मूढ़ । २ देखो 'बटीड़ो'। वाला, ऐंठने वाला।
बटी-स्त्री० [सं० वटी] १ अफीम की टिकिया । २ साबुन की बटणौ (बी)-क्रि० [सं० वेष्टनम्] १ तंतु या रेशों में ऐठन
__ टिकिया। ३ इसी तरह की किसी पदार्थ की चौकोर देकर डोरा या रस्सी बनाना। २ रोटी पापड़ आदि
टिकिया। ४ राहगीर, पथिक । ५ देखो 'वटी'। बेलना । ३ सौदा बिकना, सौदा बिकने से पैसा पाना । बटीड़, बटीडो-पु० [सं० वात+पाहत] १ मस्तिष्क या शरीर ४ देखो 'बंटणी' (बो)।
के किसी अंग में वात विकार से अचानक उठने वाला दर्द । बटत--स्त्री० [सं० वाणिज्यम्] १ विक्रय, बिक्री । २ बिक्री का . २ रह-रह कर होने वाला तीव्र दर्द । ३ बिच्छू के काटने रुपया या धन । प्राय ।
का दर्द । ४ प्रहार, चोट । ५ प्रहार की ध्वनि।
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