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प्रेमदा
( १२९ )
प्रोढ़ा
प्रेमाश्रु। -पात्र-वि० जिससे प्रेम किया जाय । प्रेम करने | प्रेसित-वि० [सं० प्रेषित १ भेजा हुआ। २ प्रस्तुत किया हुभा । योग्य। -पास-स्त्री. प्रेम का बंधन। -भक्ति-स्त्री० | प्रेहसी-देखो 'प्रेयसी'। प्रेम व्यापार में की जाने वाली भक्ति। ईश्वर को प्रेमी के प्रेहा-स्त्री० [सं० प्र + इहा] इच्छा, आकांक्षा । रूप में देखना। -रस-पु. प्रेम का प्रानन्द । -वारि, प्रैतीस-देखो तीस'। वारी='प्रेमजळ' ।
प्रेत-देखो 'प्रेत' । -करम-'प्रेतकरम' । प्रेमदा-देखो 'प्रमदा'।
प्रेळाद-देखो 'प्रहळाद'। प्रेमनांनाणी-पु० माता का ननिहाल ।
प्रोंच-देखो 'पुणचौ'। प्रेमनांनो-पु० माता का नाना।
प्रोची-देखो 'पुणची'। प्रेमलेसा, प्रेमलेस्या-स्त्री० [सं० प्रेमलेश्या] मनुष्य की दया, | प्रोढ़-देखो 'प्रौढ़। निस्वार्थ एवं विवेकमय वृत्ति ।
प्रोढ़ा-देखो 'प्रौढ़ा। प्रेमातुर-वि० [सं०] प्रेम में विह्वल, आतुर, प्रेमी से मिलने को | प्रोढ़ो-देखो 'प्रौढ़'। - व्याकुल ।
प्रो'णी (बो)-देखो 'पोणी' (बी)। प्रेमालाप-पु० १ प्रेम की बातें। २ प्यार की बातें।
प्रोत-देखो 'पोत'। प्रेमास्र -पु० [सं० प्रेमाश्रु] अधिक प्रेम या प्रिय के मिलने पर प्रोत्साहन-पु० [सं०] १ जोश बंधाने व उत्साहित करने की पाने वाले हर्ष के प्रांसू ।।
क्रिया । २ हिम्मत, साहस । प्रेमास्वारथ-स्त्री० [सं० स्वार्थ-प्रेमा] वेश्या, गणिका । प्रोष-पु० [सं० प्रोथम्] १ घोड़े या सूअर का नथूना । २ नितंब, प्रेमी-वि० [सं० प्रेमिन्] १ प्रेम करने वाला, अनुरागी। चूतड़। ३ कटि प्रदेश । पाशिक । -पु० दोस्त, मित्र ।
प्रोथी-पु० [सं० प्रोथिन् घोड़ा, प्रश्व । प्रेमौ-देखो 'प्रेम' ।
प्रोयणी (बौ)-देखो 'पोपो' (बी)। प्रेयसी-स्त्री० [सं०] १ प्रिय. स्त्री, प्रेमिका, प्रिया। २ स्त्री, प्रोयत-देखो 'पुरोहित'। भार्या । ३ हरीतकी, हरे।
प्रोळ, प्रोळि-देखो 'पोळ' । -पात, पात्र='पौळपात'। बारट, प्रेरक, प्रेरक्क-वि० [सं० प्रेरक] १ प्रेरणा देने वाला, संस्कार | बारहठ = 'पोळबारहठ' । - जगाने वाला । २ प्रेरणा का प्राधार। ३ मार्ग दर्शन या प्रोळियो-देखो 'पौळियौ' । उपदेश करने वाला । ४ उत्साहित करने वाला।
प्रोळी-देखो 'पौळ'। प्रेरणा-स्त्री० [सं०] १ किसी कार्य में लगाने या प्रवत्त करने | प्रोवरणी' (बौ)-देखो 'पोपो' (बी)।
की क्रिया। २ अच्छे कार्य के प्रति जागत की जाने वाली प्रोसितपतिका-स्त्री० [सं० प्रोषित पतिका] पति की वियोगिनी भावना। ३ किसी कार्य के लिये मन में सहसा होने वाला
नायिका । विचार । ४ दबाव । ५ उत्साह, उत्तेजना। ६ भावना, प्रोह-पु० [सं०] १ हाथी का पर। २ देखो 'पौ'। 'प्रवृत्ति ।
प्रोहत, प्रोहित, प्रोहित-देखो 'पुरोहित' । प्रेरणारथकक्रिया-स्त्री० [सं० प्रेरणार्थक क्रिया] व्याकरण में
प्रौंचाळ-देखो 'पौंचाळी'। क्रिया का एक रूप।
प्रौचाळो-देखो 'पौंचाळो।
प्रौ-देखों 'परी'। प्रेरणिका-स्त्री० १ बैलों को हांकने की लकड़ी। २ प्रेरित करने
प्रौचाळो-देखो 'पौंचाळो' । वाली।
प्रौढ़-वि० [स०] (स्त्री० प्रौढ़ा) १ जो वृद्धावस्था के पूर्व की प्रेरणौ (बी)-क्रि० [सं० प्रेरणम्] १ प्रेरित करना । २ भेजना ।
प्रवस्था में हो। परिपक्वावस्था वाला । २ परिपक्व व ३ चलाना । ४ फेंकना । ५ ढकेलना, गति देना ।
विकसित । पूर्ण बढ़ा हुआ। ३ बलवान, शक्तिशाली। ६ उत्साहित करना।
४ दृढ़, पक्का, मजबूत । ५ चतुर, चालाक । प्रेरित, प्रेरियोड़ो-वि० [सं० प्रेरित] १ प्रेरित किया हुअा। प्रौढ़ता-स्त्री० [सं०] प्रौढ़ होने की अवस्था या भाव । प्रौढत्व।
२ भेजा हुआ । ३ चलाया हुआ। ४ फेंका हमा । ५ ढकेला | परिपक्वावस्था ।
हुमा, गतिमान किया हुआ । ६ उत्साहित किया हुआ। प्रौदा-स्त्री. १ 'प्रौढ़' स्त्री, परिपक्वावस्था वाली स्त्री । प्रेसक-वि० [सं० प्रेषक] १ भेजने वाला। २ प्रस्तुत करने २ काम कला में दक्ष स्त्री, नायिका (साहित्य) । वाला।
। ३ भगण के अधिक प्रयोग वाली गाथा (छन्द) ।
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