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प्राणमयकोस
प्रागना
प्राणमयकोस-पु० [सं० प्राणमयकोश] पांच कर्मेन्द्रिय और पांच प्रारणेसर (सुर, स्वर)-पु० [सं० प्राणेश्वर] १ प्राणों का स्वामी, प्राणों के समूह का नाम ।
मालिक । २ परमप्रिय व्यक्ति । ३ पति । प्राणयात्रा-स्त्री० [सं० प्रारणयात्रा] १ श्वास-प्रश्वास के आने- | प्रांत-पु० [सं० प्रांत] १ किसी देश या राष्ट्र का कोई भाग, ... जाने की क्रिया। २ प्राणी के जीवित रहने की चेष्टायें। क्षेत्र । २ संघीय शासन की कोई इकाई । ३ राज्य । ४ सीमा, ३ पाजीविका।
हद । ५ किनारा, छोर। ६ किसी के निवास स्थान के प्रासप्राणयोनि-पु० [सं० प्राणयोनि] १ परमेश्वर । २ वायु, हवा।। पास का क्षेत्र। प्रांरणसंतोख-पु० [सं० प्रारणसंतोष] हरें, हरीतकी।
प्रांन-देखो 'प्राण'। प्रांरणसंदेह-पु० प्राण रहने का सन्देह ।
प्रांनी-देखो 'प्राणी'। प्रारणसरीर-पु० [सं० प्राणशरीर] १ वह सूक्ष्म शरीर जो प्रांमणड़ो, प्रामणौ-देखो 'पांमणों'।
मनोमय, विज्ञान और क्रिया का कारण माना गया है। प्रामणो (बी)-देखो 'पाणी' (बो)। २ ईश्वर, परमेश्वर ।
प्रांमती-वि० प्राप्त करने वाला। प्रांगांत-पु० [सं० प्राणांत ] अवसान, मृत्यु ।
प्रांसु-वि० [सं० प्रांशु] ऊंचा, लंबा, बड़ा । -पु. लंबे डील-डौल प्राणांतक-वि० १ प्राणों का अन्त करने वाला । २ हत्यारा, | का आदमी। वधिक । ३ मौत के जैसा कष्ट देने वाला।
प्रांहणो, प्रांहुणौ-देखो ‘पांमणी'। प्रांगाघात-पु० [सं० प्राणाघात] वध, हत्या ।
प्राकम -देखो 'पराक्रम'। प्रांगातिपात-पु. जीव हिंसा, हत्या ।
प्राकमी-१ देखो 'पराक्रमी' । २ देखो 'पराक्रम' । प्रांणात्मा-स्त्री० [सं०] प्राणात्मा, जीवात्मा ।
प्राकाम, प्राकामिया-स्त्री० [सं० प्राकाम्यं] पाठ प्रकार की प्राणाधार-वि० [सं० प्राणाधार] जिस पर प्राण प्राधारित हों, सिद्धियों में से एक ।
जिसके बिना प्राण न रहे। -पु० १ प्रेम पात्र । २ स्त्री | प्राकार-पु० [सं०] १ चाहर दीवारी, पाहते की दीवार । २ गढ़, का पति ।
किला । ३ देखो 'प्रकार'। प्राणायाम-पु० [सं० प्राणायाम] श्वास को नियंत्रित करने की | प्राकिरत-देखो 'प्राक्रत'। यौगिक क्रिया विशेष ।
प्राक्कथन-पु० [सं०] १ पहले कही हुई बात, पूर्व कथन । प्राणायांमी-वि. १ प्राणायाम संबंधी। २ प्राणायाम करने २ प्रस्तावना, भूमिका। वाला।
प्राकृत-वि० [सं० प्राकृत] १ प्रकृति का, प्रकृति संबंधी। प्रांपासण (न)-पु० [सं० प्राणासन] १ योग के चौरासी प्रासनों २ असली, स्वाभाविक । ३ प्रकृतिजन्य । ४ स्वत:निर्मित ।
में से एक । २ तांत्रिक साधना में एक प्रकार का प्रासन ५ मामूली, साधारण । ६ प्रशिक्षित, अनपढ़ । ७ तुच्छ, विशेष ।
क्षुद्र, नीच । ८ प्रान्तीय । ९ पूर्वकालिक । १० प्रादि । प्रांणाहुति-स्त्री० [सं० प्राणाहुति] पांच ग्रासों के रूप में पांच -स्त्री० १ बोलचाल की भाषा जो स्वत: स्फुटित होती प्राणों को दी जाने वाली प्राहुति ।
है। २ एक प्राचीन भाषा । ३ किसी प्रांत या स्थान विशेष प्राणि-१ देखो 'प्राणी'। २ देखो 'प्राण'। -मंडळ='प्राणी- की बोली, लोकभाषा । अपभ्रंश रूपों से बनी भाषा । मंडळ'।
४ पुरुषों की बहत्तर कलाओं में से एक । -प्रळय-पु० प्रांरिणय, प्राणियउ-१ देखो 'प्राणी' । २ देखो 'प्राण'।
प्रकृति का ब्रह्म में लीन होने की अवस्था।-बंध-पु० जन प्राणियो, प्राणी, प्राणोड़ो-वि० [सं० प्राणिन्] पांचों प्राणों . साधारण की बोली में रचित काव्य ।
को धारण करने वाला, प्राणवान, जिसमें प्राण हों। प्राक्रतिक-वि० [सं० प्राकृतिक] १ प्रकृति संबंधी, प्रकृति का। जीव धारी । -पु. १ जल-थल व नभ में विचरण करने २ प्रकृति से उत्पन्न, प्रकृतिजन्य । ३ वास्तविक, वाले विभिन्न योनियों के जीव । २ मनुष्य, व्यक्ति ।
स्वाभाविक । ४ साधारण मामूली। ३ प्रत्येक परिवार के सदस्य। ४ पति-पत्नी। -मंडळ- प्राक्रम-देखो 'पराक्रम'। पु० जीव, जन्तु व वनस्पतियों वाला जल-थल व प्राकाश प्राक्रमी-देखो 'पराक्रमी'। का भाग।
प्राक्रमीस-वि० [सं० पराक्रमीश] महान् पराक्रमी, साहसी, वीर प्रांगेय-पु० [सं० प्रणयी] पति।
- श्रेष्ठ। प्रारणेस-पु० [सं० प्राणेश] १ प्राणों का स्वामी। २ पति, प्राग-१ देखो 'प्रयाग' । २ देखो 'पराग'। खाविद।
प्रागना-देखो 'प्रग्या' ।
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