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प्रवेसी
प्रबळ
४ स्थान, जगह। ५ सघीय राज्य की कोई इकाई। विस्तार। १५ बहुलता, अनेकत्व। १६ भ्रम, धोखा। ६ तर्जनी की नोक से अंगुठे की नोक तक की लंबाई । १७ दृश्य जगत। १८ उलझन । ७ अग, अवयव । -बंध-पु. जीव के साथ न्यूनाधिक प्रपंचक, प्रपची-वि० [सं०] १ प्रपंच करने वाला। २ छली, परमाणु व ले कर्म स्कन्धों का संबंध ।
कपटी। प्रदेसी-वि० [सं० प्रदेशी] प्रदेश का, प्रदेश संबंधी।
प्रपत-देखो 'प्राप्त। प्रदोख-देखो 'प्रदोस'।
प्रपथ, प्रपथ्या-स्त्री० [सं० प्रवथ्था] हरीतकी, हरें। प्रदोमन-पु० [सं० प्रद्युम्न] १ सूर्य , रवि । २ देखो 'प्रद्युम्न'।प्रपा-स्त्री० [सं०] १ पीने के पानी का स्थान, प्याऊ । २ कूप, प्रदोस-पु० [सं० प्रदोष १ सायंकाल, शाम । २ मास के प्रत्येक | कुण्ड । ३ जलकुण्ड । ४ जल पिलाने का कार्य ।
पक्ष की त्रयोदशी को किया जाने वाला व्रत। ३ सायकाल प्रपात-पु० [सं०] १ पतन, गिरावट । २ पहाड़ या ऊंचाई से का अंधेरा। ४ एक दोष विशेष ।
__ गिरने वाला झरना । ३ जल प्रताप । ४ झड़ना, गिरना। प्रद्य मन, प्रद्युम्न-पु० [सं० प्रद्य म्न] १ श्रीकृष्ण का एक पुत्र । प्रपितामह-पु० [सं०] (स्त्री० प्रपितामही) पिता का दादा ।
२ कामदेव, मदन । ३ मनु के पुत्र का एक नाम । प्रपोडण, प्रपीडन-पु० [सं० प्रपीडनम्] १ बहुत अधिक सताना, प्रद्योत-पु० [सं] १ किरण, रश्मि । २ दीप्ति, प्राभा, चमक । - कष्ट देना। २ बहुत दबाकर रस निकालना । ३ ज्योति ।
प्रपुन्नाट. प्रपुनाड-पु० [सं० प्रपुन्नाट] एक प्रकार का क्षुप, प्रद्योतन-पु० [सं०] १ सूर्य, भानु । २ चमक, प्रकाश । ३ दहकन । चक्रमर्द, चकवड। प्रद्रव, प्रद्राव-पु० [सं०] १ पलायन, प्रयाण। रवानगी । ५ गति, चाल ।
प्रपोतरी, प्रपोतो, प्रपौत्र, प्रपौत्री-पु० [सं० प्रपोत्र] (स्त्री० प्रधन-पु० [सं०] १ युद्ध । २ युद्ध में लूटा हुआ माल । ३ नाश, | प्रपोतरी, प्रपोती, प्रपौत्री) पुत्र का पौत्र, पौत्र का पुत्र । विनाश । ४ नमस्कार ।
प्रफुल-देखो 'प्रफुल्ल'। प्रधान-वि० [सं० प्रधान] १ मुख्य, खास । २ प्रसिद्ध, ख्याति
प्रफुलणी (बो)-देखो 'प्रफुल्लणी' (बौ)। प्राप्त । ३ उत्तम, श्रेष्ठ। ४ मुख्यतया प्रचलित । -पु० १ मुख्य व आवश्यक पदार्थ । २ संसार का उपदान कारण।
प्रफुलित-देखो 'प्रफुल्लित'। ३ परब्रह्म, ईश्वर । ४ शिव। ५ सरदार, दरबारी ।। प्रफुल्ल-वि० [सं०] १ पूर्ण खिला हुमा, फूला हुमा । २ मानन्दित । ६ सचिव, मंत्री, अमात्य । ७ सेनापति । ८ सामंत | ३ मुस्कराता हुआ।
कालीन एक पद। ९ सरपंच के ऊपर का एक पद। प्रफुल्लयो (बौ)-क्रि० १ फलना, फूलना। २ फूल प्रादि का प्रधानगी-स्त्री. १ प्रधान का पद व कार्य । २.ता।
खिलना। ३ प्रानन्दित होना । हषित होना। ४ मुस्कराना। प्रधानता-स्त्री. १ प्रधान होने की अवस्था या भाव ।
प्रफुल्लता-स्त्री०१ फूल आदि के खिलने की अवस्था। २ प्रानन्द, २ प्राथमिकता।
हर्ष । ३ स्वस्थता। प्रधारक-पु० [सं० पदाकु] १ बाण, तीर । २ सर्प, सांप ।
प्रफुल्लित, प्रकूलत-वि० [सं० प्रफुल्लित] १ पूर्ण खिला हुमा, प्रधाव-पु० अाक्रमण, हमला।
फूला हुअा। २ लहलहाता हुमा, हरा-भरा। ३ प्रानन्दित, प्रधुन-देखो 'प्रधन'।
हर्षित । ४ मुस्कराता हुआ। प्रध्वंस-पु० [सं०] १ पूर्ण विनाश । २ संहार । ३ नितान्त
प्रबंड, प्रबंध, प्रबंधौ-पु० [सं० प्रबंध] १ साहित्य में श्रव्य अभाव। प्रध्वंसक, प्रध्वसी-वि० [सं०] विनाश व ध्वंस करने वाला।
काव्य का एक भेद विशेष । २ पद्यबंध रचना, काध्य । प्रनाळ-देखो 'परनाळ'।
३ काव्य का एक भेद । ४ विभिन्न कथानकों का संकलित
ग्रंथ। ५ ऐसा निबंध या लेख जिसका सिलसिला या क्रम प्रनाळका-देखो 'प्रणाळका'।
जारी रहे । ६ अध्याय, सर्ग। ७ सजावट। प्रण, प्रतिज्ञा। प्रनाळी-देखो 'प्रणाली' ।
९ व्यवस्था, इंतजाम। १० योजना । प्रपच-पु० [सं०] १ संसार, दुनिया। २ उद्योग परिश्रम । ३ सांसारिक, झझट । ४ प्रपंच, बखेड़ा। ५ तजबीज
प्रब-देखो 'परव'। उपाय । ६ षड़यंत्र, जाल। ७ विस्तार, फैलाव । ८ कपट, | प्रबय-वि० [सं० प्र-वय] वृद्ध, वयोवृद्ध । बूढ़ा। छल । ९ वागविस्तार, वचनचातुर्य । १० रचना, लीला। प्रबळ-वि० [सं० प्रबल] १ ताकतवर, शक्तिशाली । २ खतरनाक, ११ ठगी। १२ लड़ाई, झगड़ा। १३ प्रदर्शन, विकास। १४ अति | विनाशकारी। ३ प्रचंड, भयंकर । ४ अद्भुत, विचित्र ।
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