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पोछोंडी
( १०२ )
पोषड़
पोछोंडो-पु० मकान का पृष्ठ भाग ।
मोटाई। १३ दश वर्ष का हाथी। १४ वृक्ष का अंखुमा । पोट-स्त्री० [सं०] १ ढेर, समूह। २ पकने की स्थिति । ३ पीठ १५ वह स्थल जहां घर हो। [सं० प्रोत] १६ स्त्री के
पर माल लदे गधे, बैल मादि का समूह । ४ गठरी, बुगचा। कंठाभरण में पिरोये जाने वाले छोटे मोती। १७ माला। ५ बिजली, बज्र । ६ सर्प के मुंह में होने वाली विष की १८ गले में पहनने का काला डोरा, पवित्रा। थैली।
पोतइ-देखो 'पोते'। पोटलियौ-पु०१ कंधे पर सामान लाद कर फेरी लगाने वाला। | पोतक-पु० [सं०] १ नाव, नौका। २ जानवर का बच्चा । व्यापारी। २ बकरी के बालों की बनी छोटी दरी। | ३ छोटा वृक्ष । ४ वह भूखण्ड, जिस पर मकान बना हो। ३ देखो 'पोट'।
पोतड़ियो-देखो 'पोतड़ो'। पोटली-स्त्री. १ छोटी गठरी । २ देखो 'पोट' ।
पोतड़ी-पु. १ बच्चों के अधो भाग में बांधने का वस्त्र खण्ड, पोटळी-पु. १ कोड़ा, चाबुक । २ देखो 'पोट'। ३ देखो | चिथड़ा । २ देखो 'पोतो'। 'पोटळियौ'।
पोतरणो-पु० वह कपड़ा जिसमें कोई चीज पोती जावे। पोटाणौ (बो), पोटावणी (बौ) -क्रि० बहकाना, फुसलाना। -वि० पुताई करने वाला। पोटि-देखो 'पोट'।
पोतरणौ (बो)-क्रि० [सं० प्लुत] १ पुताई करना । पोतना। पोटियो-पू० [सं० पृष्टिवाहिकः] १ घास का छोटा ढेर।। २ लेपन करता
२ पीठ पर बोझा लादने के काम वाला बैल । | पोतदार-पु० [फा०] १ कोषाध्यक्ष, खजांची । २ बड़ा अफीमची। पोटी-स्त्री० १ पक्षियों की पेट की थैली जिसमें चुगा-पानी पोतरउ-देखो 'पोतो'। रहता है । २ ऊंट के पैर में होने वाली ग्रंथि ।
पोतरौ-देखो 'पोतो'। पोटीजणी (बी)-क्रि० १ बहकाया जाना, फुसलाया जाना । | पोतवाळ, पोतवाल, पोतवाळियौ-पु० अण्डकोश । २ पटाया जाना।
पोता-देखो 'पोते'। पोटो-पू० १ गोबर, गोमय। २ अनाज के पौधों की बालें मास्वीरे निकलने से पूर्व की अवस्था । ३ देखो 'पोटी'।
पोताचेली-पु० चेले का चेला, प्रशिष्य । पोट्टलजिरण-पु. एक जैन तीर्थंकर ।
पोतादार-देखो 'पोतदार' । पोठ-देखो 'पोट'।
पोतार-देखो 'पुतार'।। पोठियो-देखो 'पोटियो' ।
पोतारणौ (बौ)-देखो 'पूतारणी' (बो)। पोठी-1 देखो 'पोटियो' । २ देखो 'पोट' । ३ देखो 'पोटियो' ।
पोतारो-पु० १ पुताई करने का ढंग, पुताई का कार्य । पोठीयो-देखो 'पोटियो ।
२ पुताई का उपकरण । पोठो-देखो 'पोटौ'।
पोताळ, पोताळियौ-देखो 'पोतवाळ' । पोडी-देखो 'पौड़ो'।
पोति-१ देखो 'पोत' । २ देखो 'पोती' । ३ देखो 'पोते'। पोढ़उ-देखो 'प्रौढ़'।
पोतियो-पु० साफा । पगड़ी। पोढ़णौ-वि० (स्त्री० पोढ़णी) शयन करने वाला। पोढरणो (बो)-देखो 'पौढ़णों (बौ)।
पोती-स्त्री० [सं० पौत्री] पुत्र की पुत्री, पौत्री। पोदारो (बी)-देखो 'पौढ़ाणी' (बी)।
पोते, पोत-सर्व० स्वयं, खुद । -क्रि०वि०.१ हिसाब में, खाते पोदिम, पोढिमपणउ-देखो 'पौढ़म' ।
में । २ पास में, कब्जे में । ३ जमा बंदी में । पोढ़ी-देखो 'पौढ़ी'।
पोतदार-देखो ‘पोतदार। पोढ़ीनाथ-पु० रामदेव तुवर नामक सिद्ध का एक नामान्तर । | पोती-पु० [सं० पौत्र] १ पुत्र का पुत्र, पौत्र । २ अफीम का पोढ़ीनेर-देखो 'पौढ़ी।
बटुमा। पोरगी (बी)-देखो 'पोवणो' (बी)।
पोत्यौ-देखो 'पोतियो'। पोत-पु० [सं०] १ जहाज, नाव । २ पशु, पक्षी प्रादि का
पोत्राण-देखो 'पौत्रांगण' । बच्चा । ३ अधोवस्त्र, धोती। ४ बालक । ५ भेद, रहस्य । ६ वह गर्भस्थ पिण्ड जिस पर झिल्ली न चढ़ी हो। ७ ढांचा,
पोत्रो-देखो 'पोतो'। बनावट, रचना । ८ प्राभा, कांति। ९ बरछी। १० वस्त्र,
| पोथकी-स्त्री० नेत्र की पलक का एक रोग । रेशमी वस्त्र । ११ वस्त्र की बुनावट । १२ वस्त्र की पोथड़, पोथड़की, पोथड़ी-देखो 'पोथी' ।
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