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पूरवदिगवदन
पंजार
पुरवदिगवदन-पु. [सं. पूर्व दिग्वदनम्] मेष, सिंह, और धनु | पूराणौ (बौ)-क्रि० १ कमी पूर्ति कराना, पूरा-बराबर कराना । राशियां।
२ खाली स्थान को भराना। ३ तृप्त या संतुष्ट कराना । पूरबविगीस-पु० [सं० पूर्वदिगीश] १ इन्द्र । २ मेष, सिंह और ४ पूर्ण कराना। ५ मनोरथ सफल कराना, इच्छा पूर्ति धनु ये तीन राशियां।
कराना। ६ मांगलिक अवसरों पर प्रांगन में चित्रकारी पूरवविस्ट-पु० [सं० पूर्वदिष्ट ] पूर्व कर्मों से भोगे-जाने वाले सुख- | कराना। ७ बजवाना। ८ व्यतीत या समाप्त कराना । दुःख।
९ भरवाना, पूर्ति करवाना। पूरवफाल्गुनी-देखो 'पूरवाफालगुनी' ।
पूरातन-देखो 'पुरातन'। पूरवभाद्रपद-देखो 'पूरवा भाद्रपद' ।
पूरामास-पु० स्त्री के गर्भ की पूर्णावधि । पूरवमीमांसा-पु० [सं० पूर्वमीमांसा जैमिनी ऋषि द्वारा रचित । पूरावणी (बो)-देखो 'पूराणी' (बी)। कर्मकाण्ड संबंधी शास्त्र ।
पूरित-वि० [सं०] १ परिपूर्ण, पूर्ण भरा हुमा। २ तृप्त, पूरवराग-पु० [सं० पुर्व राग] संयोग से पूर्व नायक-नायिका का
नायिका का संतुष्ट । प्रेम संबन्ध ।
पूरिय--पु० [सं० पुरिका] १ नगर, करबा । २ देखो 'पुरी' । पूरवलो-वि० (स्त्री० पूरवली) १ पहले का पूर्व का। २ पूर्व पूरी-देखो 'पूरौ' । (स्त्री०) जन्म का।
पूरु-पु० [सं०] १ वैराज मनु के एक पुत्र । २ मनुष्य । पूरवांग-पु० [सं० पूर्वाङ्ग] १ पूर्व भाय । २ अगला भाग ।
पूरुख-देखो 'पुरुस'। ३ चौरासी लाख वर्ष का समय (जैन)।
पूरपाठ-क्रि०वि० परिपक्वावस्था में।
पूरौ-वि० [सं० पूर्ण] (स्त्री० पूरी) १ जिसमें रिक्तता या पूरवाखाडा-देखो 'पूरवासाढ़ा' ।
अवकाश न हो । २ जिसमें कमी या कोई कसर न हो। पूरवाचळ-पु० [सं० पूर्वाचल] उदयगिरि पर्वत ।
३ यथेष्ट, पर्याप्त । ४ समग्र, समूचा, कुल । ५ जो अपूर्ण पूरवाचारिज-पु० [सं० पूर्वाचार्य] पूर्व पीढ़ी के प्राचार्य ।
या अधूरा न हो। ६ निश्चित या निर्धारित अवधि पर्यन्त पूरवानुराग-देखो 'पूरवराग' ।
रहने वाला । ७ आद्योपान्त, सर्वांगीण । ८ पूर्णता को पूरवापर-प्रव्य० [सं० पूर्वापर] मागे-पीछे ।
प्राप्त किया हुमा । ९ दृढ़, पक्का, अटल । १० संतोषजनक, पूरवाफालगुणी-स्त्री० [सं० पूर्वाफाल्गुनी] सत्ताईस नक्षत्रों से
तुष्टिप्रद । ११ संतुष्ट, तृप्त । १२ बलिष्ठ, समर्थ । ग्यारहवां, दो तारों वाला नक्षत्र ।
पळी, पूळो-पु० [सं० पूलक] घास के तृण या पौधों का छोटा पूरवाभाद्र, पूरवामानपद, पूरवाभाद्रपदा-पु० [सं० पूर्वाभाद्रपदा] |
गट्ठर, पूवाल । २७ नक्षत्रों में २५ वां नक्षत्र ।
| पूर्वा-देखो 'पुनो। पूरवारद्ध (ध)-पु० [सं० पूर्वाद्ध] १ किसी कार्य, विषय या
पूस-पु० [सं० पौष] विक्रमी संवत का दशवां मास । ग्रंथ का पूर्व या प्रारंभ का आधा भाग । २ शरीर का पहला
पूसरण-पु० [सं० पूषण] १ सूर्य । २ बारह प्रादित्यों में से अर्ध भाग।
एक । ३ पालन-पोषण करने वाला। पुरवासादा-स्त्री० [सं० पूर्वाषाढ़ा]२७ नक्षत्रों में २० वां नक्षत्र । पूसणा-स्त्री० [सं० पूषणा] स्कन्द की अनुचरी एक मातृका । पूरविलइ-वि० [सं० पूर्विल] पूर्व का, पिछला ।
पूसवंतहर-पु० [सं० पूसदतहर] शिव का अनुचर, वीरभद्र ।
पूसली-देखो 'पुसी'। पूरवी-वि० [सं० पूर्वीय] १ पूर्व का, पहले का । २ पूर्व दिशा
पूसा-स्त्री० [सं० पूषा १ दाहिने कान की एक नाड़ी का का, पूर्व दिशा संबंधी। -स्त्री० १ एक बोली। २ एक
नाम । २ देखो 'पूसण' । रागिनी। ३ बिहार प्रान्त में गाया जाने वाला एक
पूहड़णो (बो)-देखो 'पहड़णौ' (बो)। दादरा।
पहरण-देखो 'पूरण'। पूरवीघाट-पु० [सं० पूर्वी-घट्ट] दक्षिण-भारत में पूर्वी समुद्र के
पूहतरणो (बौ)-देखो 'पहुंचणी' (बौ)। साथ-साथ बालासोर से कन्याकुमारी तक की पर्वत
पूहप-देखो 'पुस्प' । शुखला।
पूहमीपोख-देखो 'प्रथवीपोख'। पूरसल-वि० पूर्ण।
पूहर-देखो 'प्रहर'। पूरहूत-देखो 'पुरुहूत'।
जार-देखो 'जार'।
पघला
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