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निरंकार
निर छेह
निरंकार-देखो 'निराकार'।
निरखरणौ (बी)-क्रि० [सं० निर-ईक्षरणम्] १ देखना, अवलोकन निरंकारी-पु. नानक (सिख) सम्प्रदाय की एक शाखा ।
करना। २ ताकना-झांकना । ३ ध्यान पूर्वक देखना। निरंकुस-वि० [सं० निरंकुश] १ परम स्वतन्त्र, मुक्त, आजाद । ४ परीक्षा करना, जांच करना । ५ देखभाल करना ।
२ जिस पर कोई रोक, दबाव या बन्धन न हो। ३ निर्भय | निरखदरोगो-पु. बाजार के भावों की निगरानी करने वाला मिडर । ४ जो किसी नियम को न माने । ५ उद्दण्ड, दारोगा। आततायी।
निरखनामो-पु० बाजार भावों को सूची । निरंग-वि० सं०] १ बिना रंग का, जिसका कोई रंग न हो । निरखबंद (बंदी)-स्त्री० बाजार भाव निर्धारण की क्रिया।
२ बदरंग । ३ बेरौनक, फीका । ४ उदासीन, विरक्त। निरखर-वि० [सं० निरक्षर अनपढ़, निरक्षर। -पु. ब्रह्मा। ५ जिसमें कुछ न हो, खाली। ६ अंग रहित। -पु० रूपक | निरगंध-वि० [सं० निर्गध] जिसमें कोई गंध न हो, गंधहीन । अलंकार का एक भेद ।
-ता-स्त्री० गंधहीन होने की दशा। निरंजरण-देखो 'निरंजन'।
निरगम-पु० [सं० निर्गम] निकास, रवानगी। निरंजरणा-स्त्री० [सं०निरंजरणा] १ दुर्गा एक नाम । २ पूर्णिमा । निरगमण (न)-पु० [सं० निर्गमन्] १ निकलना क्रिया। निरंजरणी-देखो 'निरंजनी' ।
२ निकास द्वार, रास्ता। ३ प्रस्थान । निरंजन-वि०सं०] १ दुनिया से विरक्त । २ माया से निलिप्त। निरगात-वि० [सं० निर्गात | देह रहित, प्राकार रहित ।
३ दोष रहित, निष्कलक । पवित्र, शुद्ध । ४ मिथ्या से -पु० श्रीविष्णु।। रहित । ५ सीधा-साधा। -पु० १ ईश्वर, परमात्मा। निरगुडी-स्त्री० [सं० निगुडी] १ एक औषधि विशेष । २ शिव, महादेव, शंकर । ३ विष्णु । -राय-पु० परब्रह्म, २ इस औषधि का क्षुप। -कल्प-पु० मिगुंडी के योग से ईश्वर ।
बनी प्रौषधि । -तेल, तैल-पु. वैद्यक में एक तेल । निरंजनी-पु० १ साधुनों का एक सम्प्रदाय । २ वैष्णव सम्प्रदाय निरगुण-वि० [सं० निगुण] १ जो सत्त्व, रज और तम तीन का एक भेद ।
गुणों से परे हो। २ रूप, गुण व प्राकार से रहित । निरंत, निरंतर, निरंतरि, निरंत्र-क्रि० वि० [सं० निरंतर] ३ जिसमें अच्छा गुण न हो। ४ बुरा, खराब । ५ मुर्ख,
लगातार, हमेशा, सदा। -वि०१ लगातार बना रहने वाला, नासमझ । ६ निकम्मा। ७ जिसमें डोरी न हो। ८ बिना सदा रहने वाला। २ स्थाई, अचल । ३ प्रखण्ड, अविचल नाम का। -पु० १ ईश्वर, परमात्मा । २ श्रीविष्णु । ४ अन्तर रहित । ५ जिसमें भेद न हो। ६ निविड़, घना, --गारु, गारौ-पु० गुण न मानने वाला, गुणचोर । गहा।
कृतघ्न । गुगा रहित, मूर्ख। -ता-स्त्री० गुया रहित होने निरंद-देखो 'नरेंद्र'।
की अवस्था या दशा। आकारहीनता। निर-अव्य० [सं० निर] बाहर, दूर, बिना, रहित । निरगुरिणयो, निरगुणी-वि० १ निराकार ब्रह्म का उपासक । निरकांम-देखो 'निकांम' ।
२ गुण रहित । ३ अवगुणी । ४ मूर्ख । निरकांमी-देखो निकामी'।
निरगुरणो-देखो 'निरगुण' । निरकार, निरकारि-देखो 'निराकार' ।
निरगेह-वि० [सं० निगहिन् । १ सर्वत्र निवास करने वाला,
सर्वव्यापी । २ गृहहीन, बिना घर का । निरकार-रूपी-वि० लगातार अच्छा काम करने वाला । -पु० अर्जुन ।
निरग्गुख-देखो 'निरगुण' ।
निरग्रंथ-वि० [स० निग्रंथ] १ जिसका कोई मददगार न हो। निरकुरणी (बो)-क्रि० [देश॰] खिन्न होना, उदास होना।।
निःसहाय । असहाय । अकेला । २ गरीब, निर्धन । निरकुरी-वि० [देश॰] (स्त्री० निरकुरी) उदास, खिन्न ।
३ नासमझ, बेवकूफ, मूर्ख । ४ बंधन रहित । -पु० १ एक निरक्करणो (बी)-क्रि० [सं० निराकृत] १ पराजित करना, प्राचीन मुनि का नाम । २ बौद्ध क्षपणक । ३ दिगंबर । हराना । २ देखो 'निरखणौ' (बौ)।
४ राग, द्वष से रहित साधु। (जैन) निरक्खरणी (बी), निरक्षणौ (बी)-१ देखो 'निरखणी' (बी)। निरघात-पु० [सं० निर्धात] १ तेज वायु से उत्पन्न शब्द, २ देखो 'निरक्कणी' (बौ)।
आवाज । २ प्राचीनकालिक एक अस्त्र । निरख-स्त्री० १ देखने की क्रिया या भाव । २ नेत्र, नयन ।। निरघोख, निरघोस--पु० [सं० निर्घोष] ध्वनि, शब्द, पावाज । ३ राज्य द्वारा निर्धारित भाव । ४ देखभाल । ५ जांच ।
__ -वि० ध्वनि रहित । ६ ताक-झांक ।
| निरछेह-वि० जिसका अन्त हो, अनन्त । –पु० ईश्वर ।
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