________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धुसरी
( ७१० )
धू सणौ
धुसरी, धुसली-स्त्री० [देश] रज, धुलि, रेणु ।
माफ दिखाई न दे । ४ मटमैले या भूरे रंग का । धुस्सौ-देखो मौ'।
५ बहुत कम प्रकाश वाला। धू-१ देखी '' । २ देखो 'धृवौं'।
| धूधाड़ी-पु० धूए या मदं का समूह । धू प्राधार (धोर)-देखो 'आधार' ।
धू धाणौ (बौ)-क्रि० [देश॰] १ तेज चलाना । २ तेजी से श्वास धू मारव-पु० [सं० धूमः रव] धुम धूया।
लेना। ३ जल्दी मचाना। धई--१ देखो 'धुई' । २ देखो धूणी' ।
धूधाळ (ळी)-वि० [सं०तुद-यालुच्] (स्त्री० धू धाळी) १ तोंद धूमो-देखो 'ध्रुवो।
वाला । २ मोटा-ताजा । ३ धूम या धूलि युक्त। धू करणी-देखो 'धाकरणी'।
धूधावरणौ (बी)-दखी 'धू धाणो' (बी)। धकणौ (बी)-क्रि० १ गर्जना दहाडना । २ जोर से बोलना। धूधि-स्त्री० [देश॰] १ अांख का एक रोग । २ धुधलापन, ३ जोश में बोलना।
अस्पष्टता । ३ देखो धी'। ध कर-स्त्री० [देश॰] १ जोश पूर्ण आवाज । २ फटकार, डांट। धधियो-वि०१ मंद दृष्टि वाला। २ जिसे कम दिखता हो। धू कळ--पु० [देश] १ युद्ध, लड़ाई । २ उपद्रव, उत्पात । धंधी-स्त्री० १ उमंग, जोश । २ कंपन, झंझनाहट । ३ टंटा, फिसाद, बखेड़ा ।
३ धडधड़ी। धूकळरणौ (बौ)-देखो 'धौळणी' (बी)।
धधकार-१ देखो 'धुधकार' । २ देखो 'धुधकार' । धू कळसी. धूकळी-वि० साहसी, वीर ।
धूधणी (नी)-देखो 'धधणी'। धकार, धुकारव-१ देखो 'धौंकार' । २ देषो 'धुकार'। धू धेड़, धू धौ-पु० चौहान वंश की एक शाखा व इमका व्यक्ति । धूखळ-देखो 'धूकळ'।
धून-वि० [देश॰] १ बढ़िया श्रेष्ठ, उत्तम । २ देखो 'धूण' । धूखळणी (बौ)-देखो 'धौंकलणी (बी)।
| धूनि-पु० १ एक वृक्ष विशेष । २ देखो 'धुरिण' । धू गरि-पु० १ वृक्ष विशेष। २ शाक विशेष ।
धूप-देखो 'धूप'। धुगार-देखो 'धुगार'।
धूपियो-देखो 'धूपियो'। धंगारणौ (बो)-देखो 'धुगारणौ' (वी)।
धूपेड़ो-देखो 'धूपियौ'। धरण-स्त्रो० सं० अर्द्ध] १ आधा मन का एक तौल विशेष । धूब-पु० [फा० दुम] १ बैल के पिछले पांवों का ऊपरी भाग।
२ अाधा मन की मात्रा। गं० ध्या] ३ धौंकनी । २ नर भेड़ की पूछ पर एकत्रित मांस पिण्ड ।
४ प्रवृत्ति, ध्यान । -वि० १ प्राधा मन । २ देखो 'धून'। ३ देखो 'दूबौ'। धू गणो (बौ)-देखो 'धुणणी' (बी)।
धूबड़ी-१ 'धूमड़ो' । २ देखो दुगे । धव-स्त्री० शरीर को झकझोरने या झटका देने की क्रिया | धुबह-वि० [सं० धमट] १ तीव्र प्रचण्ड । २ देखो दूबौ' । या भाव।
धू बी-१ देखो 'ब' । २ देखो दूबौ' । धुणि, धूणी (णो)-स्त्री० [सं० धूमः] १ साधु-फकीरों के धू बौ-देखो 'वो' ।
पाश्रम में बना छोटा अग्नि कुण्ड । २ उक्त अग्नि कुण्ड धूमर-पु० [ग धुर] शिर, मस्तक । में जलाई जाने वाली अग्नि । ३ उक्त अग्नि कुण्ड की राख ! धू'र-स्त्री० [सं० धूयरी] १ कोहरा । २ गर्द । ४ नाथ सम्प्रदाय के फकीरों का निवास स्थान । ५ एक धुबाडो-देखो 'धुवौ' । शाक विशेष । ६ देखो 'धुई। ७ देखो 'धनु' ।
धु वारवरण-पु० धू ग्रा, धू" का वातावरण । धूद, धूध-१ देखो 'धु'ध' । २ देखो 'तुद' ।
धूवावाछ, धूवावास-पु० [देश॰] एक प्रकार का कर । धूधळ-१ देखी 'धू धलौ' । २ देखो 'धु'धळ' ।
धूवी-देखो 'धू यौ'।
धुस-स्त्री० [सं० ध्वंम १ वाद्यों की ध्वनि, घोष। २ राजा धूधळणौ (बौ)-क्रि० [सं० धूमः-पालच १ धूया, गर्द, कुहरा
की सेवा में जागीरदारों द्वारा भेजे जाने वाले कर्मचारी। आदि छाने में कुछ अंधेरा होना। २ अस्पष्ट होना,
३ प्रभाव, रौब । ४ अातंक, भय, डर, धाक । ५ धमकी, धुंधला होना।
घुड़की। [सं० ध्वंसिनी] ६ फौज, मेना । ७ समूह, झुंड । ध धळि-देखो 'धुधळी'।
८ नगाडे पर डंके की चोट । ६ देखो धू'सौ'। धू धळीमल्ल, (माल)-पु. क सिद्ध विशेष ।
धूसरणौ (बो)-कि० [सं० ध्वंसनम् १ ध्वम करना, नाश ध धळी-वि० [सं० धूम-पालुच] (स्त्री० धळी) १ धूया, करना । २ गर्जना, गुर्राना। ३ गिर कर चूर होना।
गर्द या कुहरे से आच्छादित । २ अस्पष्ट, धुंधला । ३ जो ४ गिर पड़ना। ५ डूबना ।
For Private And Personal Use Only