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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देवाभख ( ६७५ ) देसांतर देवाभख-पु० [सं० देवभक्ष्य] अमृत, सुधा । देवयो-वि० देने वाला। देवायु-स्त्री० [सं० देवायुस] देवताओं की आयु । देवौकस-पु० [सं० देवौकस] देवताओं का स्थान, सुमेरु पर्वत । देवारय्य-पु० [सं० देवार्य ] अहंत का एक गण (जैन)। देसंतर-देखो 'देसांतर'। देवारि-पु० [सं०] १ बावन वीरों में से एक। २ असुर, | देसंतरि (री)-१ देखो 'दिसांतरी' । २ देखो 'देसांतर'। राक्षस । देस, देसड़उ, देसडलो, देसड़ी, देसी-पु० [सं० देश] १ राष्ट्र, देवाळ-वि० [सं० दा] देने वाला, दाता । देश । २ एक ही शासन के अधीन माना जाने वाला देवाळय, देवालय-पु० [सं० देवालय] १ देवता का मन्दिर । भू-भाग। ३ स्थान, जगह । ४ प्रान्त । ५ राज्य । २ मन्दिर की तरह बना कक्ष । ३ स्वर्ग । ६ जन्म भूमि के पास-पास का क्षेत्र । ७ विभाग, हिस्सा । देवाळि-स्त्री० देनदारी ८ राग विशेष । –कंत-पु० राजा। -कळी-स्त्री० एक देवाळियौ-वि० [सं० दा] १ जिसकी पूजी समाप्त हो चुकी, हो रागिनी। -कार-स्त्री० एक राग विशेष । -कारी-स्त्री० अपना ऋण चुकाने में असमर्थ, कंगाल । २ जिसके व्यापार एक रागिनी विशेष । –गांधार-पु० एक राग विशेष । में बड़ा भारी घाटा लग गया हो। -धणी, पत, पति, पती, पत्त, पत्ति, पह-पु० राजा । देवा-लेई-स्त्री० लेने-देन की क्रिया। राष्ट्रपति । देवाळे-देखो 'देवालय'। देसचारित्र-पु० श्रावक द्वारा किया जाने वाला यांशिक त्याग । देवाळी-पु० [सं० दा] १ अत्यधिक ऋण । २ अधिक ऋण | देसज-पु० [सं० देशज] किसी भाषा का मूल शब्द । -वि० देश के कारण व्यापारी की साख उठ जाने की अवस्था में उत्पन्न । ३ घाटे के कारण पूजी समाप्त हो जाने की स्थिति। देसण, देसणा(ना)-स्त्री० [सं० देशना] १ उपदेश । २ व्याख्यान । ४ ऋण न चुकाने व आगे व्यापार न करने की घोषणा। देसणोक-पु० [सं० देश-नाक] राजस्थान में बीकानेर के पास ५ देखो 'देवालय'। का एक गांव या कस्बा, जहां करणी माता का मंदिर है। देवावास-वि० [सं०] १ मन्दिर । २ स्वर्ग । ३ पीपल वृक्ष। । देसथळी-वि० मरु प्रदेश, रेगिस्तानी भू भाग । देवासी-पु० १ गडरिया जाति का व्यक्ति । २ देव अंशी। देसनिकाळी-पु० [सं० देश निष्कासन्] देश में रहने न देने देवास्व-पु० [सं० देवाश्व] इन्द्र का घोड़ा, उच्चैश्रवा । का दण्ड। देवि-देखो 'देवी'। | देसभासा-स्त्री० [सं० देश-भाषा] १ किसी देश की भाषा, देविका-स्त्री० [सं०] १ एक पौराणिक नदी । २ घाघरा नदी। राष्ट्रभाषा । २ बहत्तर कलाओं में से एक । देवी-स्त्री० [सं०] १ देव पत्नी, देवता की स्त्री। २ पार्वती, देसभासाग्यांन-पु० [सं० देश-भाषाज्ञान] १ प्राकृतिक बोलियों उमा । ३ दुर्गा, शक्ति । ४ सरस्वती, शारदा। ५ ब्राह्मण का ज्ञान । २ चौसठ कलानों में से एक । स्त्री। ६ राजमहिषी। ७ नव प्रसूता गाय, भैस या | देसमंडप-पु० [सं० देशमण्डप] रास्ते में बने विश्राम स्थल । बकरी । ८ दिव्य गुणों वाली स्त्री । ९ मरोर फली, मूर्वा। देसमल्लार-पु० [सं०] सम्पूर्ण जाति की एक राग । १० हरं, हरीतकी। ११ श्यामा पक्षी । १२ कोचरी।। देसराज-पु० [सं० देशराज] १ राजा, नृप । २ पाल्हा व १३ प्रार्या छंद का एक भेद । ऊदल के पिता। देवीक-वि० दैवी चमत्कार वाला। देसडलो-देखो 'देस'। देवीकवच-पु० तलवार विशेष । देसवट (टो)-देखो 'देसूटो' । देवीपुरांग-पु० देवी के अवतारों के वर्णन वाला पुराण । देसवरति-स्त्री० [सं० देशविरति] हिंसा प्रादि का मांशिक देवीभागवत. (भागोत)-पु० एक उप पुराण विशेष । त्याग । (जैन) देवु-देखो 'देव'। देसावळ-पु० [सं० देश-पालुच] स्वदेश का । देवेद्र-पु० [सं०] देवताओं का राजा इन्द्र । देसवाळी, देसवाळीपठाण-स्त्री० राजपूतों से मुसलमान बनी देवेस-पु० [सं० देवेश] १ परमेश्वर, ईश्वर । २ शिव । एक जाति। ३ विष्णु । ४ देवराज इन्द्र । देसवासी-पु० [सं० देश-वासिन् ] देश का निवासी, स्वदेशी। देवेसप-पु० [सं० देवेशय] १ ईश्वर, परमेश्वर । २ विष्णु।। देसविरति-देखो 'देसवरति' । देवेसी-स्त्री० [सं० देवेशी] १ पार्वती, उमा । २ दुर्गा, देवी। देसाण (णो)-देखो 'देसरणोक' । देवेस्ट-पु० [सं० देवेष्ट] गुग्गल, महामेदा। -वि० देवतायों देसांतर-पु० [सं० देशांतर] १ अन्य देश, विदेश । २ दूर देश । का प्रिय। ३ स्वदेश से दूर । ४ पूर्व-पश्चिम की दूरी, लंबांश । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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