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तिलक-पछेवड़ो
(
५८५ )
तिवाड़ी
तिलक-पछेवडो-पु० भेंट स्वरूप दिया जाने वाला वस्त्र विशेष । तिलार-पु० एक पक्षी विशेष । तिलकमग (मारग)-पु. नासिका, नाक ।
तिलिक-देखो तिलक। तिलकमणी-स्त्री० चूड़ामणि, शिरोभूषण ।
तिलिम, तिलिमा-पृ. एक प्रकार का वाद्य विशेष । तिलकमुद्रा-स्त्री० [सं०] चंदन आदि के, विष्णु प्रायुधों | तिलियक-वि० किंचित, जरा । के चिह्न।
तिलियो-वि० १ दुर्बल, क्षीण, कृश । २ तिल संबंधी। तिलका-पु० एक वणिक छन्द विशेष ।
तिली-१ देखो 'तिल' । २ देखो 'तिल्ली। ३ देखो 'तीली'। तिलकायत-पु० १ वल्लभसम्प्रदाय का पीठाधीश । २ देखो तिलुक्क-पु० [सं० त्रैलोक्य] स्वर्ग, पाताल व मृत्युलोक । 'टीकायत'।
तिलू-पु० १ तृण, तिनका । २ घास का तिनका। तिलकारक-पु०[सं० तिल-कालक] देह पर तिल का काला | तिलेक-वि० किंचित, थोड़ा।
तिलोन-देखो 'त्रिलोक'। तिलक्क-देखो 'तिलक'।
तिलोइ (ई)-देखो 'त्रिलोकी' । तिलगांरण-देखो ‘तिलंग'।
तिलोक-देखो 'त्रिलोक' । --पति='त्रिलोकपति' । तिलड़ी-१ देखो 'तील'। २ देखो 'तलड़ी।
तिलोकी-देखो 'त्रिलोको'। तिलड़ो-१ देखो 'तेलड़ी'। २ देखो 'तिल'।
तिलोड़ी-स्त्री० [सं० तैलकुटी] तेल रखने का पात्र । तिलचावळी-स्त्री० तिल व चावलों की खिचड़ी।
तिलोट-स्त्री० तिलकूटी। तिलट-पु. तिलहन, तिल ।
तिलोतमा, तिलोत्तमा-स्त्री० [सं०] अत्यन्त सुन्दरी एक तिलतांम-स्त्री० [सं० तिलोत्तमा] १ एक अप्सरा विशेष । ___अप्सरा । २ अप्सरा। २ कोई अप्सरा।
तिलोर-स्त्री० उत्तरी एशिया से शीतकाल में पाने वाला एक तिलपपड़ी(पापड़ी)-स्त्री० गुड़ या शक्कर की चासनी में तिल पक्षी। मिाल कर बनाई पपड़ी।
तिलौ-१ देखो 'तिल्लो' । २ देखो "तिलक'। तिलभंगक-पु. एक आभूषण विशेष ।
तिल्ला-पु. एक वणिक छन्द विशेष । तिलभ-वि० १ अमूल्य । २ अद्भुत, विचित्र ।
तिल्ली-स्त्री. १ पेट के अन्दर का एक अवयव, प्लीहा । २ देखो तिलमंडेस्वरी-स्त्री० १ प्रयाग वट के पास शिवजी का स्थान । तिल' । तिलमिला'ट-स्त्री. १ क्रोध पूर्ण अवस्था । २ सनकीपन । तिल्लोतमा-देखो 'तिलोत्तमा' । तिलमिलाणौ (बी)-कि० १ ऋद्ध होना । २ क्रोध में तमतमाना। तिल्लोर-देखो 'तिलोर'। तिलवट्ट वठ)-गु० १ नाण, संहार । २ तिलो के योग से बना | तिल्लौ-पु० १ कलाबतू या बादले का कार्य । २ लिगेंद्रिय पर __वाद्य विशेष ।
मलने का एक तेल । ३ एक जंगली वृक्ष । तिलवडी-स्त्री० एक वृक्ष विशेष ।
तिवग्ग-देखो 'त्रिवरग। तिलवा-स्त्री० १ तिलों की बोवाई। २ तिलों की बोवाई | तिवट (8)-देखो 'त्रिवट'। का खेत ।
तिवट्ठ-पु० १ भरत खण्ड के नौवें भावी वासुदेव । २ देखो 'त्रिवट । तिलवाड़ा-स्त्री० १६ मात्रा की एक धीमी ताल ।
तिवडो-पु. एक प्रकार का वृक्ष । तिलवाड़ो-देखो 'तिलवा' ।
तिवरणौ-वि० तिगुना। तिलवाय-वि० भीगा हया, तर, सराबोर ।
तिवरस-पु० [सं० त्रिवर्ष] १ तीन वर्ष की दीक्षा वाला साधु, तिलवास-पु० एक प्रकार का वस्त्र ।
। माध्वी । २ देखो "तिवरसौ'। तिलसकरांत (सकरांति, तो)-स्त्री० मकर संक्रांति का पर्व ।।
तिवरसौ, तिवरस्यौ-वि० तीन वर्ष का ।-पु० ऊंटों का एक रोग । तिलसांकळी-स्त्री० तिल डालकर पाटे की बनाई हुई मीठी
तिवरारि-देखो "त्रिपुरारि'। पपड़ी। तिलांगरिण-स्त्री० [सं० तिलाग्नि] तिल के पौधों की प्राग। तिवल (ळि, ळी)-पु० १ एक प्रकार का वाद्य । २ स्त्रियों की तिलांजळी-स्त्री० [सं० तिलांजलि मतक को पीछे तपंगा प्रादिपोषाक विशेष । ३ देखो 'त्रिवलि'।
में तिल, डाभ आदि के साथ दी जाने वाली अंजलि । तिवाप-पु० [सं० त्रिपात] मन, वचन और काया तीनों को तिलाकारी-स्त्री० मोने का मुलम्मा चढ़ाने का कार्य ।
गिराना। तिलार्टी-स्त्री० तिलों को कूट कर बनाया खाद्य पदार्थ । तिवाड़ी-पु० त्रिपाठी।
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