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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra तावीज तावीज - पु० [अ० तवीज ] १ तंत्र-मंत्र लिखित कागज, गंडा २ सोने, चांदी प्रादि धातु की छोटी डिबिया जिसमें उक्त गंडा डाल कर बांधा या पहना जाता है । तावीती पु० १ एक प्रकार का प्राभूषण तावुरि, तावुरी- पु० वृष राशि | तावं - क्रि० वि० विषय में संबंध में । तावी देखो 'तवी' । २ देखो 'तावीज' तास - स्त्री० [अ०] पता १ पतले गत्ते पर छपे हुए खेलने के बावन २ एक प्रकार का जरदोजी कपड़ा [अ० । । तासीर ] ३ प्रभाव, असर। [सं० त्रास ] ४ कष्ट, पीड़ा, । | संताप ५ भय प्रातंक ६ मोहा। सर्व० www.kobatirth.org [सं० तस्य ] उस, वह । - क्रि०वि० इस प्रकार, इस तरह । तासक- देखो 'तासळी' । ( ५७९ ) तासकारी वि० [सं० त्रास-कारी] नाश करने वाला, मिटाने वाला । २ सताने वाला । ३ असर या प्रभाव डालने वाला | तासतु, तासतो पु० [० तास ] एक प्रकार का जरदोजी वस्त्र । तासनां स्त्री० [सं० त्रास ] पीड़ा, कष्ट, संताप | तासळी स्त्री० शालीनुमा छोटा पात्र तश्तरी रकावी । मासळी - पु० फांसी या पीतल का चौडे मुंह का बड़ा कटोरा तासि - वि० [सं० त्रासिन] जीम्रो और जीने दो वाली भावना रखने वाला । सह स्वी० १ तेज गर्मी उष्णता २ देखो 'तांह' । तेरा तेरे तुम्हारे ताहम प्रव्य० [फा०] तो भी, तिस पर भी । ताहरइ सर्व० तेरे । ० तारहउ - देखो 'ताहरी' । ताहरां ताहरित्र व तब ताहरु (रु, रू, रू) - देखो 'ताहरी' । ताहरे (रं) - क्रि० वि० तब, तदुपरांत । ताहरो - सर्व ० ( स्त्री० ताहरी) तेरा । ताही सर्व० उस, वह । - क्रि० वि० तहां । ताहे क्रि० वि० तब । तासिय वि० [सं० त्रासित] कष्ट प्राप्त, संतप्त । तासियाळी तासियो - वि० [सं० तृषित] १ प्यासा, तृषातुर । २ लोभी । पु० दो दिन प्यासा व तीसरे दिन पानी पीने वाला पशु । तिवाळ (ळी) - देखो 'तंवळाटी' । क्रि० । - । गुण । तासीर स्त्री० [०] [१] असर प्रभाव २ ख ३ शारीरिक सिंह डि० वि० वहां उसमें तिहा- क्रि० वि० यहां प्रकृति | तासीसा पु० एक इन्दविशेष सासु सर्व० उस उसको। * तासु तासौ पु० [० तास १ चमड़े से मंडा एक वाद्य विशेष । २ कांसी का बना एक भींझा । ३ तांबे आदि मिश्र धातु का बना बड़ा कटोरा । ४ प्रभाव कमी । ५ प्यासा पशु । ६ जल संकट । तितिष्ठ, तितिडि, डिलिटिका, तितिडीका स्त्री० [सं०] इमली । तितिखित्र, तितिथियौ - वि० १ पतला-दुबला, क्षीण काय । २ तुनक मिजाज तिदुकतीरथ पु० [सं० विदुरुतीर्थ] मंडल के अंतर्गत एक तीर्थं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तिरुय पु० [सं० तिदुक १ ग्यारहवें तीर्थंकर का चैत्य वृक्ष । ] २ एक प्रकार का वृक्ष । हिंदू पु० तेंदू का पेड़ । तिमी स्वी० १ तीन पायों की मेज २ छोटी तिपाई ३ तीन पायों का किसी पात्र के लिये बनाया गया आधार । तिय सर्व० ० उस । तिपाळी (स) देखो 'त'यळीस' । तिपाळी- पु० ४३ वां वर्ष तिवासी देखो 'झ्यासी' | तिंवरी - पु० एक छोटा जीव, भिंगुर । लिंबार पु० त्यौहार पर्व मांगलिक दिवस - तिवारी स्त्री० स्वीहार का भोजन वा धन्न जो मेहत्तर बादि को दिया जाता है । तिउरण तिवारीक मरजादीक पु० पौशाक एवं शस्त्रादि से सज्जित होकर दरबार में जाने की एक प्रथा । तिही क्रि० वि० से तैसे - उसने , तिहु, तिहु (हू, हू) - वि० तीन, तीनों । ति - सर्व ० १ उस वह । २ देखो 'तीन' । ३ देखो'ती' । तिन - देखो 'तिय' । ० तिम्रतर- वि० तिहत्तर, सत्तर व तीन । तिम्रतरी पु० तिहत्तर का वर्ष For Private And Personal Use Only तिनसिं० [सं० त्रिवेंद्र] इन्द्र तिचार - देखो 'तयार' । तिम्राळ-वि० तंयाळीस । तिइंदिया- पु० तीन इंद्रिय जीव । तिक्खा स्त्री० [सं० तितिक्षा ] १ क्षमा । २ सहिष्णुता । तिल ( उ ) वि० [सं० त्रिगुण] १ तिगुणा । २ देखो 'त्रिगुण' ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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