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तखडीतुमड़ीका
( ५५३ )
तड़करण
तखडीतुमड़ीका-स्त्री. गुजराती नटों की एक शाखा ।
तगदीर-देखो 'तकदीर'। तखड़ी-वि० (स्त्री० तखड़ी) १द्र तगामी । २ तेज गति वाला। तगमो-देखो 'तुकमौ' । तखरण, तखरगइ-पु० गरम पानी से आंखों का सिकताब । | तगर-पु० [सं०] १ सुगधित लकड़ी वाला पेड़ । २ इस पेड़ तखत-पु० [फा० तख्त] १ सिंहासन, राजगद्दी । २ चौकी, पाट । की लकड़ी।
-वि० चकित, विस्मित दंग । -ताऊस-पू० शाहजहां का तगरौ-देखो 'तिगरौ'। मयूर सिंहासन । -नसीन-वि० सिंहासनारूढ़ । -पोस-पु० | तगस (सि)-पु० [सं० ताय] १ अग्नि, प्राग । २ गरुड़। तख्त या चौकी पर बिछाने की चादर । -बंदी-स्त्री० ३ देखो 'तक्षक' । तख्तों की दीवार । -रबुल-मालमीन-पु० मुसलमानों का | तगसणी (बी)-क्रि० उड़ना । एक तीर्थ स्थान ।
तगसीर, (सीरी)-देखो 'तकमीर'। तखतखी-इन्द्र।
तगस्सेस-देखो 'तक्षक'। तखति-(ती)-स्त्री० [फा० तख्त] १ छोटा तख्ता। २ लकड़ी | तगागीर-वि० तकाजा करने वाला।
की चौकी । ३ छोटे विद्यार्थियों के लिखने की काष्ठ । तगादौ-देखो 'तकाजी'। पट्टिका । ४ कंठ का एक प्राभूषण विशेष ।।
तगारी-स्त्री० १ लोह की चद्दर का बना कुण्ड या डलियानुमा तखतौ-पु० [फा० तख्त] १ बड़ा पाट, बड़ी चौकी । २ लकड़ी पात्र । २ बड़ा पात्र। __का चौकोर खण्ड, गत्ता । ३ खण्ड भाग । ४ दर्पण, आईना। तगी-स्त्री० १ सण प्रादि का रेशा । २ देखो 'तागो' । तखत्त-देखो 'तखत'।
३ देखो 'तिगी'। तखफीक-स्त्री० [सं० तख्फीफ] अभाव, कमी, न्यूनता । | तगीर, तगीरी-पु० [अ० तग्य्युर] १ निकालना क्रिया, तखभख-स्त्री० सज-धज । शृगार ।
निष्कासन । २ परिवर्तन, बदलाव, हेर-फेर । ३ क्रांति । तखमीनन-क्रि० वि० [अ० तख्मीनन] अंदाज से, अनुमान से । ४ जब्ती । -वि० १ निष्कासित, बाहर । २ जब्त । तखमीनो-पु० [अ०तरूमीनः] १ अंदाज, अनुमान । २ अनुमानित ३ परिवर्तित । व्योरा।
तगौ-पु० १ ब्राह्मण के लिए अपमान सूचक शब्द । तखिक-देखो 'तक्षक'।
२ देखो तागौ'। तखिरणा-देखो 'तत्क्षण' ।
तग्ग-देखो 'तागो'। तखिसला-देखो 'तक्ष सिला' ।
तग्गड़-१ देखो 'तक्कड़' । २ देखो 'तगड़' । तखो--देखो 'तक्षक'।
तग्य, तग्यौ-वि० [सं० तज्ञ] १ तत्त्वज्ञ, ज्ञानी । २ दर्शन शास्त्र तरुख-पु० शस्त्र का पनापन, तीखापन, तीक्ष्णता ।
का ज्ञाता, दार्शनिक । तख्यक-देखो 'तक्षक'। तगग-स्त्री० १ तीव्र गति । २ तीव्रता। -क्रि० वि० तीव्रगति | तडंग-वि० १ नंगा, वस्त्र-हीन । २ लम्बा । से, तेजी से।
तड़ गौ-पु० झुण्ड, समूह । तगड़-स्त्री० १ सोने या चांदी की पतली चद्दर । -स्त्री० तडदौ-पु०१बेंत की चोट । २ चोट की आवाज, ध्वनि ।
२ अधिक चलने या कार्य करने से होने वाली थकान । -वि० लम्बा, लम्बायमान । ३ तीव्र गति । ४ देखो तक्कड़' ।
तड़-पु. १ प्रातःकाल, सवेरा । २ वंश, कुल । ३ बेंत मारने की तगड़णी (बौ)-क्रि० हांकना, चलाना दौड़ाना।
क्रिया । ४ प्रहार या वर्षा की ध्वनि । ५ बांस । ६ वंश या तगड़ी-वि० १ स्वस्थ, तन्दुरुस्त । २ हृष्ट-पुष्ट, मोटा-ताजा।
कुल की शाखा । ७ सेना, फौज । ८ दल, पार्टी। तगण-पु० [सं०] दो गुरु एक लघु का वणिक गण ।।
-वि० समान, तुल्य । तगतगई-स्त्री० स्त्रियों के कण्ठ का आषभूण ।
तड़क-स्त्री. १ चमक-दमक । २ फटने, चिरने की क्रिया। तगतगाणी (बौ)-क्रि० १ प्रेरित करना । २ उत्तेजित करना।
३ फटने की आवाज । ४ दरार । ५ तालाब, सरोवर । ३ देखो 'तिगतिगाणी' (बौ)।
-क्रि०वि० शीघ्र, जल्दी । चट-चट । तगतागु-स्त्री० सुन्दरता ।
तड़कउ-देखो 'तड़को'। तगतो-देखो 'तखतौ'।
तड़करण-वि० फटने, चिरने, चटकने वाला । -स्त्री० फटने या तगदमा-पु० [अ० तकद म] अनुमान, अंदाज ।
चटकने की क्रिया या भाव ।
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