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दुळाणी
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( ५३० )
डुळाणौ (बौ), डुळावरणौ ( बौ) - क्रि० १ विचलित करना, स्थिरचित्त करना । २ हिलाना-डुलाना । ३ लालायित
करना । तरसाना ।
डुलारी (बौ), डुलावरणौ (बौ) - देखो 'डोलाणी' (बाँ) | डुळियौ वि० विचलित, अधीर, श्रातुर, अस्थिर ।
डंठल । २ सूखी जड़ ।
डूंगर (डी)- पु० [सं० तुरंग] पहाड़ पर्वत — जीबी - वि० पर्वत के समान दीर्घायु वाला । पर्वतों में रहने वाला । डूंगरड़ी, डुंगरि- देखो 'डूंगरी' |
डू गरियो - देखो 'डूगर' ।
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दुनीत पु०का
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दुसको (बी) दुमका (बौ), दुसकावली (बो)- क्रि० १ सुबक सुबक कर रोना, सिसकना । २ हिचकियां भरना उसकी इसकी, दुसयौ ०१ व कर रोने की क्रिया, सिसकी, बड़ियाँ बड़ी देखो 'म' सुबक हिचकी । २ रुकती हुई लम्बी सांस अवस्था में आने वाली हिचकी । इंख खळ, खळियो, डूंखळी, डूंखळो- पु० १ पौधे का सूखा
। ३ मरणासन्न
डूंगरी - स्त्री० छोटी पहाड़ी, पहाड़ की चोटी । डूंगरेची - स्त्री० ० आवड़ देवी का एक नाम । डूंगळी - पु० एक प्रकार का घास । डूंगी-वि० गहरी, पधिक गहरी पु० तबले का वाय डूंच - १ देखो 'डू चकौ' । २ देखो 'इ'ज' | चकौ पु० १ डंठल । २ पौधा कटने के बाद पीछे रहने वाला भाग २ देखो 'डाचकौ' ।
डू चरणौ (ब) - क्रि० १ ज्वार, बाजरे आदि की फसल की बालें तोड़ना । २ काटना । ३ इकट्ठा करना । ४ डाट, लगाना, रोकना । 'चियो-१ देखो ''बको २ देखो 'इ'जो' ।
हूँ चीड़, चौ-पु० १ खेत में बना मचान । २ देखो 'डू'जो' । हून- १० १ तूफान, अंधड़, तेज हवा । २ देखो 'डू 'जो' । जियो, जौ-०१ शोशी आदि के संकरे मुंह या छेद को बंद करने के लिए फंसाई जाने वाली वस्तु कार्क, डाट २ श्वास अवरोध की अवस्था, बेहोशी । ३ खाते समय गले में ग्रास अटकने से होने वाला कष्ट ।
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मी (बो) देखो ''वी' (बी) चरणौ । (a
हृचियो, डूचीड़, डूचौ- देखो 'डू'जौ' ।
ड- पु० १ तेज वायु के साथ उड़ने वाली गर्द । २ वात चक्र । डूंडळी - स्त्री० १ बिना सींग की गाय या भैंस । २ देखो 'इ'डी' | इंडि, हूंडी - स्त्री० १ नगाड़ा । २ नगाड़ा श्रादि वाद्य बजा कर गली-गली में दी जाने वाली सूचना । ३ नाव |
डुंडौ- पु० १ नाव, नौका । २ वृद्ध भैंस ।
ब. डूबड़ियो, इं बड़ो-देखो 'डूम' | डूबी देखो 'डूमी' |
श्री- पु० रहट को उल्टा घूमने से रोकने वाला उपकरण ।
डूकरण, डुकरियों, डूकरणौ - पु० कूल्हे की हड्डी जो रीढ़ से जुड़ी रहती है।
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डूकळ, डूकळियौ, डूकळौ - पु० खलिहान में पड़ा वह भूसा जिसमें थोड़ा-थोड़ा अनाज हो ।
डेरग
गली - पु० [सं०दोल: दोलिका ] एक विशिष्ट प्रकार की पालकी डूचको १ देखो 'डू चकौ' । २ देखो 'ठोलो' |
डूबरणी ( बौ) - क्रि० १ पानी आदि तरल पदार्थ में घुस जाना, चूना, पैठना। २ गहरे पानी में बूड़ कर मरना । ३ विचार मग्न या लीन होना । ४ किसी कार्य में पूर्ण मनोयोग से लगना । ५ बुरे स्थान पर चला जाना । ६ गलत हाथों में पड़ जाना । ७ बरबाद या नष्ट होना । बिगड़ना । ८ मिटना । हानि या घाटा लगना । १० ऋण या व्यवसाय का धन प्राप्त न होना । ११ सूर्य वहाँ धादि का ग्रस्त होना १२ भीगना । डूबा - स्त्री० १ वर्षा का पानी रुकने की नीची भूमि । २ गहराई, गंभीरता । ३ डूबना क्रिया या भाव। वोड़ी बाहुषा, भीगा था, लीन, मग्न, धरत वि० डूम डूम, मल मलियो ( स्त्री० डूमरण, डूमरणी) १ व्यक्ति, डोम । २ ढोली ।
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मलो पु० [सं० डम] डूमली - एक जाति व इस जाति का
मी पु० गौरवर्ण व काले मुंह का भयंकर विषैला ह डूर- पु० १ बाजरी का दाना निकलने के बाद बचा हुआ फूमदा तड़ा २ देखो' दूर' ।
डूळ - पु० बड़ी हड्डी ।
डूल - स्त्री०१ भ्रान्ति, गलतफहमी, भ्रम । २ भूमि पर लिया जाने वाला एक कर्ज - वि० चलायमान, डोलता हुआ, चलित । लाखौ (बौ), इलावरणौ (बौ) - देखो 'डोलाणी' (बी) । है ० १ धर्मराज २ धर्म ३ मृग ४ जिल्हा, वाली। डेग गढ़डियो, गड़ी गड़ी, डेगची-१ देखो 'देगड़ी। डेगड़ी, डेगड़ौ, २ देखो 'देवी' ।
डेडरण (सी) स्त्री० ढाढ़ी जाति की स्त्री ।
डेडर, डेडरड़ौ, डेडरियों, डेडरी- पु० [सं० दर्दुर] (स्त्री० डेडरी)
१ मेंढक, दादुर । २ मेंढक की तरह आवाज करने वाला एक मिट्टी का खिलौना । ३ दोहे छन्द का एक भेद । डेडी० प्राय मांस का होना।
डेकी स्त्री० घड़ियाल के टूटने पर बचा हुआ नीचे का भाग । डेरी० १ एक वाद विशेष २ देखो''।
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डेउ, हेरकियों, डेरड, डेरड़ी डेरियो डेरी-पु० १ धन, व्य २ ठहरने के लिए फैलाया हुआ सामान । ३ यात्रा में साथ