________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(
५२७ )
ठोट
ठेक-स्त्री. १ मजाक, हंसी । २ छलांग ।
ठेलमठेल, ठेलाठेल-स्त्री० १ अत्यधिक भीड़। २ अधिक भीड़ ठेकरणी-वि० (स्त्री० ठेकणी) छलांग लगाने वाला ।
की खस्साखसी, धक्कमधक्का । ३ रेलमपेल । -वि० ठेकरणो (बौ)-क्रि० छलांग लगाना, कूदना ।
बहुत अधिक, पूर्ण, परिपूर्ण । ठेकागाड़ी-स्त्री० एक प्रकार का सरकारी लगान । | ठेलियो-देखो 'ठेलौ' । ठेकाळी-वि० (स्त्री० ठेकाळी) छलांग लगाने वाला। ठेळी-पु० १ कूड़े करकट का ढेर । २ घास-फूस का ढेर । ठेको-स्त्री० छलांग।
३ छोटी लाठी, डंडा । ४ डंडे से गिल्ली पर चोट करने ठेकेदार-वि०१ किसी कार्य को करने का एक मात्र अधिकारी। की क्रिया।
२ किसी कार्य का जिम्मेवार । ३ किसी कार्य का ठेका । ठेलौ-पु. १ आदमी द्वारा ठेल कर चलाई जाने वाली सामान लेने वाला । -पु० १ भवन निर्माण आदि कार्यों को एक वाहक, गाड़ी। २ छोटी बैलगाड़ी। ३ झौंका। निश्चित खर्च में पूरा करके देने वाला व्यक्ति । २ इसी | ठेस-स्त्री० चोट, आघात, धक्का । प्रकार किसी कार्य को कुछ निश्चित शर्तों पर पूरा करने | ठहरणौ (बी)-देखो 'ठहरणों' (बी)। का अनुबंध करने वाला व्यापारी।
ठारणी (बौ)-देखो 'ठंठाणी' (बौ)। ठेको-पु०१किसी कार्य का जिम्मा, उत्तरदायित्व । २ किसी कार्य है-पु. १ शास्त्र । २ आकाश । ३ शिष्य । -वि० मूर्ख ।
को करने व उसमें प्राय करने का अधिकार । ३ ऐसे कार्यो है'-स्त्री० किसी वस्तु पर चोट करने से उत्पन्न ध्वनि, ठक । के प्रति कुछ निश्चित शर्तों पर किया जाने वाला अनुबंध, अको, ठेकों-पु० १ तबला आदि के बजने की आवाज । इकरार, इजारा । ४ तबले का बायां । ५ तबले आदि | २ऐसे वाद्यों को बजाने की विशेष विधि, ताल । पर बजाई जाने वाली कोई ताल । ६ छलांग ।
३ नगाड़े पर डंके की चोट । ४ हल्का प्राघात । ठेगड़ी-पु० (स्त्री० ठेगड़ी) कुत्ता, श्वान ।
ठेरणा (बौ)-देखो 'ठहरणौ' (बी)। ठेगरण-स्त्री० सहारे की लकड़ी।
टरांग-देखो 'ठहराव'। ठेचरी-स्त्री०१ मखौल, मजाक । २ हंसी, दिल्लगी। ठराणी (बौ)-देखो 'ठहराणी' (बी)। ठेट, ठेठ-पु०१ सीमा, हद । २ छोर । ३ पार, अंत । ४ तल । 'राव-देखो 'ठहराव' । ५ प्रारंभ, शुरू।
ठो-पु० १ रक्त । २ शिर, मस्तक । -स्त्री०३ पीड़ा । ४ मूर्खता, ठेठर, ठेठरियो, ठेठरौ-पु० १ पुराना व सूखा जूता । २ पशुओं गंवारपन । के क्षुरों की कठोरता।
ठोकणी (बौ)-क्रि० १ प्रहार करना, चोट करना, मारना, ठेठी-स्त्री० कानों के अन्दर का मैल । कर्णमल । -काढ़रिणयौ
पीटना । २ लात, घूसे, डंडे आदि से मारना, पीटना । -पु० उक्त मैन निकालने का उपकरण । -वि० दण्ड-दाता,
३ चोट मारकर धंसाना, फंसाना। ४ हाथ के प्रहार से सुधारक।
ध्वनि करना । ५ जड़ना, बंद करना। ६ खट-खट करना । ठेप-स्त्री०१ टक्कर । २ चोट, प्राघात ।
७ संभोग या मैथुन करना । ८पाहार करना । ६ रिश्वत, ठेपाड़-स्त्री० एक प्रकार का वस्त्र ।
चोरी आदि का कार्य करना । ठेरणौ (बी)-देखो 'ठहरण' (बी)।
ठोकर-स्त्री० १ चलते समय किसी वस्तु से पांव टकराने की ठेळ-वि० १ निर्भय, निडर । २ प्रभावशाली। ३ देखो 'ठेळी'। क्रिया । २ इस प्रकार टकराने से पांव में लगने वाली चोट । ठेल-पु० १ टक्कर, धक्का । प्राघात, चोट । २ डालने या ।
३ रास्ते में पड़ी वस्तु जिससे चलते समय पांव टकरा झोंकने की क्रिया या भाव ।
जाय । ४ जूते पहने हुए पांव के अग्र भाग से किया जाने ठेलण-पु० बैलगाड़ी के अग्रभाग में लगाया जाने वाला लकड़ी
वाला प्रहार । ५ तेज प्रहार, चोट, धक्का । ६ जूते का अग्र का डंडा।
भाग । ७ एक सवारी की बैलगाड़ी। ८ कुश्ती का एक
दांव । ९ एक आभूषण विशेष । ठेलणी (बौ)-स्त्री० [सं० स्थलपति] १ पीछे हटाना । २ धक्का | देना, धकेलना। ३ प्रहार से दूर करना। ४ टालना, दूर
ठोकाक-वि० १ खाने का इच्छुक, खाने वाला, अधिक खाने करना । ५ आगे बढ़ाना । ६ झोंकना, डालना। ७ व्यतीत
बाला । २ इच्छुक । ३ पीटने वाला । करना, गुजारना । ८ खदेड़ देना, निकाल देना । ९ पराजित | ठोकाबाटी-स्त्री० मैथुन, संभोग । करना। १० उंडेलना, डालना। ११ मिटाना, नाश करना। ठोट, ठोठ-वि० १ मूर्ख, गंवार । २ मंद बुद्धि । ३ अपठित । १२ खूब खिलाना-पिलाना।
४ अनभिज्ञ, अज्ञ ।
For Private And Personal Use Only