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ज्वालामुखीजोग
संपणौ
----देवी-स्त्री० शारदापीठ स्थित एक देवी।-नल-स्त्री० । ज्वाळिका-स्त्री० [सं० ज्वालिका] १ अग्नि, आग । २ ज्वाला
आग की लपट। -माळिणी (नी)-स्त्री० एक तांत्रिक मुखी। ३ एक जड़ी विशेष । देवी । --मुख-पु० सुदर्शन चक्र। -मुखी-पु० वह पर्वत | ज्हांन-देखो 'जान्हौ' ।
जिसमें से आग की ज्वाला फुटती रहती हो । ज्वालादेवी। ज्हाज-देखो 'जा'ज' । ज्याळामुखी-जोग-पु० एक अशुभ योग ।
ज्होड-देखो ‘जोड'।
झ-देवनागरी वर्णमाला के 'च' वर्ग का चौथा वर्ण । | झंखरौ, झंखेरौ-पु० १ बरसाती प्रांधी, तूफान, वातचक्र । झ-स्त्री० ध्वनि विशेष ।
२ जखीरा, सामान । झंक-पु० १ संताप, उलझन । २ देखो 'झंख' ।
झंगर-पु० १ घने वृक्षों का समूह, झाड़ी। २ वन, जंगल । झंकरण (न)-पु० समुदाय, झुण्ड ।
झंगरी- स्त्री० १ कब्रिस्तान । २ कब्र । ३ देखो 'झंगर'। झकरणी (बौ)-देखो ‘झंखणौ' (बी)।
झंगार, झंगी-स्त्री० १ एक जंगली जाति । २ देखो ‘झंगर' । झंकार-स्त्री० [सं०] १ भ्रमर गुजार, भौंरे की आवाज । झगीव-पु० [सं० झांगव] ४९ क्षेत्रपालों में से २५ वां क्षेत्रपाल ।
२ किसी धातु खण्ड का 'छन्' शब्द । ३ पायल, घुघरू | झंगौ-पु० छाछ, मट्ठा ।। प्रादि की अावाज । ४ छनछनाहट, झनझनाहट । ५ तार झंजीर-देखो 'जंजीर'। वाद्यों की आवाज ।
झंझ-पु०१ सर्प, नाग । २ देखो 'झांझ' । झंकारणो (बौ)-क्रि० [सं० झंकार] १ किसी धातु खण्ड से
झंझट-पु० १ व्यर्थ का झगड़ा, बखेड़ा । २ परेशानी, आफत । छन्-छन् आवाज कराना, बजाना । २ पायल, घुघरू आदि
झंझर, झंझरा-देखो 'जांझर'। बजाना । ३ तार वाद्य बजाना, झंकृत करना। झंकारतन-पु० स्त्रियों के पैर का आभूषण, नूपुर ।
झंझरी-वि० १ ढीला-ढाला, जर्जरी भूत । २ देखो 'जांझर' । झकारी-पु० भ्रमर, भौंरा, मधुप ।
झंझा-स्त्री० [सं०] १ वर्षा के साथ प्रांधी, तूफान । २ इस तूफान झंकाळ (नौ)-पु० पत्ते विहीन या सूखा पेड़ ।
का शब्द, झन्-झन् शब्द । झंकि-पु. एक वाद्य विशेष ।
झंझावत (वात, वातू)-पु० [सं० झंझावात] १ बरसाती तूफान । झंको-वि० (स्त्री० झंकी) १ गर्द आदि से आच्छादित, धुधला।
२ बरसाती शीतल वायु। ३ वातचक्र । २ नीरस । ३ उदास, खिन्न ।
झंझेडणौ (बौ), झंझेरणौ (बौ), झंझोड़णौ (बौ),झंझोरणा(बी)झकोळणी (बी)-देखो 'झकोळणी' (बौ)।
क्रि० हिलाना, झकझोरना । छेड़ना। झंख-पु० १ धुधला दिखने का भाव या अवस्था । २ दीप शिखा |
झंडाळ-वि० १ झंडा रखने वाला। २ देखो 'झंडी' । पर पंतगों का गिरना । ३ मोहित या प्राशक्त होने का झंडी, झंडो-पु० १ किसी धातु या लकड़ी के डंडे पर बांध कर भाव । ४ चमक, प्राभा । ५ उदासी खिन्नता।
फहराया जाने वाला विविध रंगीय वस्त्र, पताका। झंखड़-पु० १ ग्रीष्मकाल की गर्म हवा, लू । २ देखो 'झंखर'। ।
२ राष्ट्रीय ध्वज । ३ देवालय पर लगी ध्वजा। शखरणी (बी)-क्रि० १ झलकना, चमकना । २ प्रकाशित या
झंनीकार--पु० ध्वनि या शब्द विशेष । रोशन होना । ३ झलक दिखना। ४ दु:खी होना, परेशान झंप-देखो 'झपा'। होना। ५ चौंकना। ६ देखना । ७ धूमिल होना, धुधला | झंपटाळ (ताळ)-पु. १ चौदह मात्रीय एक छन्द विशेष । होना । ८ शर्माना । ९ बोलना, बकना ।
२ संगीत में एक ताल । झंखर (रौ), झंखाड़-पु० १ सूखा वृक्ष या सूखी झाड़ी। झंपणौ (बी)-क्रि० १ दीपक की लौ का हिलना । २ अस्थिर २ वृद्ध, बूढ़ा । ३ झाड़ी।
। रहना । ३ आग का बुझना । ४ छलांग भरना, कूदना ।
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