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जुजर (बौ) - देखो 'जू'झरी' (बी) ।
'जळ-देखो 'जू' मळ' ।
जळी स्त्री० एक प्रकार की पास जिसकी बुहारी बनती है भूधार १ देखो 'बुहार' २ देवी 'जवार'
।
। |
- वि० मंद गति से काम करने वाली ।
जळी- पु० गोवर यादि में पैदा होने वाला एक मूंग-कीट
- वि० (स्त्री० जू जळी ) धीमी गति से काम करने वाला । जू जाऊ देखी ''भाऊ' |
'जार देखी भार'।
( ४७९ )
जू - देखो 'ध' । जूझरी (ब) - क्रि० [सं० युद्ध ]
१ युद्ध करना, युद्ध में जूझना ।
२ किसी महान् कार्य के करने में कठोर परिश्रम करना । ३ कोई महान कार्य करना ।
मंड, मल्ल वि० पीडा, वीर, सुभट जू
।
जूं नौ-देखो 'जूनो' (स्त्री० जूनी)
बरिक - पु० [सं० जंबूरक] छोटी, तोप ।
वाड़ी - देखो 'जी' |
उट्ट (उं) - देखो 'जूवदु" ।
जूसर (रू), जूसहरी, जूसारी- देखो 'जूसर' । जू' हर - देखो 'जौहर' |
जू पु० १ हरिभक्त हरिजन २ मित्र ३ राक्षस ४ माकाश
५ वाक्य | ६ सांप, नाग । ७ देखो 'जुना । - वि० जीर्णशी, पुराना, प्रति प्राचीन क्रि० वि०शीम जल्दी जो कि सर्व० १ जो २ देवो''।
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जड़ी देवो''।
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"
पु० १ कदम डग पैड २ पांव पैर ३ देखी 'जुगल' | जाड़ी- देखो 'जुश्री' |
प्रारउ ( रत, री) - देखो 'जुवारी' ।
जूधारीपली पु० [सं० द्यूतकरित्य] जुआ खेलने का कार्य जुई-देखो 'दुई'।
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जू झळ, जू झळाट - स्त्री० झुंझलाहट, क्रोध का प्रावेग । साऊ वि० [सं०] बौद्धिक] १ युद्ध संबंधी युद्ध का २ वीर जूड़ौ पु० १ स्त्रियों के सिर के बालों की मोटी गांठ २ एक । पशुओं के पैर बांधने की रस्सी । ४ देखो 'बुध' ४ देखो 'जोड़ी'
रस पूर्ण । ३ कठोर परिश्रम का ।
साथ बंधे दो पशु
जुझारवि० [सं० युद्धकार ] १ परोपकार के लिए युद्ध में वीर
गति प्राप्त करने वाला । २ पीर । ३ शक्तिशाली । ४ वीर योद्धा ।
जूज - १ देखो 'जुध' । २ देखो 'जुज' । जूजग्री (बी) देखो 'जुजुषी'
जूट -- देखो 'जूट' |
जूजाऊ देखी 'भाऊ' ।
जूडी ० १ ज्वार बाजरे यादि का जड़ सहित उखाड़ा हुया जुजार देखो 'जु'भार'
- पु०
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पौधा । २ उक्त पौधे की जड़ ।
जूनियर (वार), जीवार पु० [सं० पुढकार] योद्धा, सुभट,
जू (न) स्त्री० [सं० योनि] १ जन्म
२ योनि जीय योनि ।
बहादुर ।
। । ५
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३ जीवन, जिन्दगी ४ शरीर, देह [देशन] मूंज या घास की बनी छोटी रस्सी । ६ कच्चे मकान की छाजन में ऐसी रस्सी से लगाया हुआ बंध । ७ ऊंट को खिलाया जाने वाला मांस । ऊंट के पैरों का ऊपरी भाग १ ऊंट के बैठने का एक ढंग १० वाट की बुनाई जूती (बी) देखो 'जू'भी' (बी)। के मध्य के ताने । ११ मस्स्थल में होने वाला खोप जूशार देखो 'कार' | । नामक पौधा । १२ इस पौधे से बनी रस्सी ।
जूजुश्री जुजुधौ, जूजू (म्रो यौ, बौ) वि० [सं० युतायुत] (स्त्री० जूजुइ, जूजुई, जूजुत्री जूजूइ जूजूई, जूजूवी) पृथक, भिन्न, अलग - देखो 'जुध' ।
जूझ
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जूउं - देखो 'जुनी' |
जूड वि० [सं०युत] १ सहित साथ २ सम्पन्न ।
जूप्रो- पु० १ हंस । २ देखो 'जुप्रो' । ३ देखो 'जुदी' । जूड़णी (बौ) - १ देखो 'जुड़णी' (बी) । २ देखो 'जोडणी' (बौ) जूड़ाजूड़ - वि० सघन, घना |
जूठौ
जूड़ियाँ - पु० ऊंट या बकरी के बालों की बनी रस्सी ।
जड़ी स्त्री० १ तंबाखू के पत्तों का छोटा पूचाल । २ शीत लगकर श्राने वाला ज्वर ।
जूट पु० [सं०] १ समूह २ समुदाय
४ बैलों की जोड़ी । ५ जोड़ी, युग्म ।
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जूट (बौ) - देखो 'जूटणी' (बौ) । जूठ-देखो 'जुठी'।
जूठन स्त्री०बातें छोड़ा हुआ पदार्थ २ उष्टि भाग - वि० व्यवहार या काम में लिया हुआ । भुक्त जूठलौ, जूठिलु, जूठिलो ( ल्लु ) - १ देखो 'जुधिस्ठर' । २ देखी 'नूठी'
३ पटसन, वस्त्र |
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जूठी - वि० [सं० जुष् जुष्ठ ] (स्त्री० जूठी ) १ खाने से बचा हुआ, खाते-खाते छोड़ा हुवा २ व्यवहार में लाया हुधा, भोगा
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हुआ ० १ खाते समय छोड़ा हुया खाना, अवशिष्ट खाना । २ देखो 'झूठी' ।