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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जारग । ४६७ ) जाळिका जारंग-वि० हजम करने वाला। १६ कर्मबंधन । १७ मोतियों का गुच्छा । १८ पाखंड । जार-वि० [सं०] १ परस्त्री गामी । २ प्राशिक, प्रेमी । १९ अांख की पुतली पर की झिल्ली । २० प्याज की परत ३ व्यभिचारी। -पु० १ रूस के सम्राट की उपाधि । की भीतरी झिल्ली। २१ नींबू की जड़ में होने वाला एक २ ध्वंस, संहार । -करम-पु० व्यभिचार, परस्त्रीगमन । एक रोग। २२ चासनी या बगार की परिपक्वावस्था । ---ज-वि० पर पुरुष या यार की संतान । २३ देखो 'झाळ'। जारजजोग-प०सं० जारजयोग मलित योनि जाळउर-पु० [सं० ज्वालापुर] जालौर नगर का प्राचीन नाम । का एक योग । जाळक-वि० जलाने वाला। जाळकार-वि० जाल रचने वाला, जाली, षड़यंत्रकारी, जारटौ-देखो 'जार'। पाखंडी। -स्त्री० मकड़ी। जारठ-वि० वृद्ध, बूढ़ा। जाळकिरच-स्त्री० परतला मिली वह पेटी जिसके साथ तलवार जारण-पु० [सं०] १ जलाने या भस्म करने की क्रिया या | भी हो। भाव । २ पारे का ग्यारहवां संस्कार। ३ नाश, ध्वंस। | जाळकोसी-स्त्री० किसी वस्तु में बने छोटे-छोटे छेदों का समूह । जारणी-वि० (स्त्री० जारणी) १ मारने वाला, संहार करने जालग-पु० [सं० जालक द्विन्द्रिय जीव समूह (जैन)। वाला। २ नाश करने वाला । ३ जलाने वाला । जाळजीवी-पु० [सं० जालजीवी] मछुपा, धीवर । ४ पचाने वाला। जाळण-वि० [सं० ज्वलन] जलाने वाला । -स्त्री० अग्नि । जारणी (बो)-क्रि० [सं० जू] १ जलाना, भस्म करना । जाळणी-पु० जालीदार झरोखा। २ पचाना, हजम करना । ३ मारना, संहार करना । जाळणी (बी)-देखो 'जळाणी' (बी) । ४ सहन करना। ५ शांत करना। जाळदार-वि. १ जिसमें जाली लगी हों । २ कपटी, षड़यंत्रजारत, जारता-स्त्री० [अ० जियारत] तीर्थयात्रा। कारी, धोखेबाज। जाळपादेवी-स्त्री० एक देवी विशेष । जारदबी (वी)-स्त्री० [सं०] ज्योतिष में मध्य मार्ग की एक जाळप्राया-पु० [सं० जालप्राया] कवच । वीथी। जाळव-पु० बलराम द्वारा मारा गया एक दैत्य । जारां-क्रि० वि० जब। जारिणी-स्त्री० [सं०] छिनाल औरत, व्यभिचारिणी स्त्री। जालबउरणी (बो)-देखो 'झालणौ' (बो)। दुश्चरित्रा। जाळवणी (बौ)-क्रि० १ जलाना । २ सुरक्षित रखना, जारिसि (सी)-वि० [सं० यादृश] जैसे (जैन)। संभालना। जारी-क्रि० वि० [अ०] बहता हुआ, चलता हुअा। -स्त्री० | जाळसाज-वि० धोखेबाज, षड़यंत्रकारी । १ बदमाशी, बईमानी। २ व्यभिचार, पर स्त्री गमन ।। जाळसाजी-स्त्री. धोखाधड़ी। धूर्तता । षड़यंत्र, कुचक्र । ३ देखो 'झारी' । जाळा (जाला)-स्त्री० [सं० ज्वाला] १ अग्नि, आग । २ अग्नि जारोबकस (बगस)-पु० [फा० जारूबकश] झाड़ लगाने वाला, की लपट, लो। भंगी। जालाउ-पु० [सं० जालायुष] एक प्रकार का द्विन्द्रियजीव । जालंग-पु० बकरी के बालों से बना मोटा वस्त्र । जाळानळ-स्त्री० [सं० ज्वालानल] अग्नि, प्राग । जाळंधरा-स्त्री० एक देवी विशेष । जाळंधरी, जाळंधरीविद्या-स्त्री०१ माया, इन्द्रजाल । २ एक जाळाहळ-पु० [सं० ज्वालन] १ ज्वाला, अग्नि । २ एक प्रकार प्रकार की विद्या। का घोड़ा। ३ जलाशय, तालाब । जाळधरीनाथ, जाळं धी-देखो 'जळधरनाथ' । जाळि-१ देखो 'जाळी' । २ देखो 'जाळ' । जाळ-पु० [सं० जाल] १ एक प्रकार का बड़ा वृक्ष । २ एक जाळिक-पु० [स० जालिक] १ मछुवा, कवट । २ जाल बनान प्रकार की बंदूक । ३ डोरी या तारों का बना फंदा, जाल। । वाला। ३ जाल बिछ वाला। ३ जाल बिछाने वाला । ४ बाजीगर । ५ मकड़ी। ४ मकड़ी का जाल, जाली । ५ षड़यंत्र । ६ किसी बात ६ चिड़ी मार, बहेलिया । ७ गुण्डा, बदमाश । का ताना-माना । ७ मछली पकड़ने का फंदा । ८ रोशन जाळिका-स्त्री० [सं० जालिका] १ जाली, फंदा । २ मकड़ी। दान । ९ कवच । १० खिड़की। ११ माया । १२ भ्रम । ३ समूह । ४ कपट, छल । ५ एक जाति विशेष । १३ जादू । १४ झुण्ड, समूह । १५ सांसारिक प्रपंच ।। ६ जौंक । ७ कवच । ८ लोहा । ९ घूघट । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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