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श्रीमड़ी
भडो
देव
या देवी 'पाया' ।
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दीप्रव्य० [सं०] दी] तिरस्कार या घृणा सूचक ध्वनि विशेष । स्त्री० १ बच्चे का पाखाना । २ घृणित वस्तु ३ कटि मेखला । ४ जीव । ५ । ६ सार । ७ कांति । दरी
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छोरी स्त्री० [सं० [का] एक क्षुप जो पौषधि के रूप प्रयुक्त होता है ।
छीछी प्रव्य० घृणा सूचक ध्वनि। स्त्री० घृणित वस्तु ।
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डीजी (बी० [सं० तीपू] कमी, पाटा या हानि । । होना २ क्षय होना ह्रास होना, क्षीण होना ३ खीजना, कुढ़ना । ४ दुःखी होना । ५ डरना । ६ जलना, शुष्क होना । झुंझलाना ८ व्याकुल होना ।
छीजत स्त्री० [सं० क्षीष] १ कमी, घाटा । २ क्षय, ह्रास | ३ कुड़न, खोज ४ चिता फिकर घुटन डीआरपी (यो), दोजावी (ब) ० १ कमी करना, घटाना ।
२ क्षय करना । ३ खीजाना, कुढ़ाना। ४ दुःखी करना ।
पाखाना ।
ग्रीज स्त्री० १ कमी, हानि, घाटा । २ खीज, कुढ़न । ३ क्षय । छीपा - स्त्री० ४ व्याकुलता, बेचैनी ।
हरियो पु० छिछला ताल तलैया ।
खीरा-१ देखो 'क्षीण' । २ देखो 'चीण' ।
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छोरो (बी) - क्रि० १ कोसना, लूटना, झपट कर लेना । २ बलात् ले लेना । ३ अनुचित कब्जा करना । छीनवो देखो 'निवो' ।
छीनाखो (बो), छीनावणी (बो)- क्रि० १ कोसाना, लुटवाना । २ बलात् लेने के लिए प्रेरित करना । ३ अनुचित कब्जा
सागर ।
५ डराना । ६ जलाना, शुष्क करना ।
छीरप पु० [सं० क्षीरप ] बच्चा, शिशु ।
खोजी - वि० (स्त्री० छीजी) १ डाह करने वाला, कुढ़ने वाला । छोरल - पु० [सं० क्षीरल ] एक प्रकार का सर्प । २ क्रोधी ।
छीरोदधजा-स्त्री० लक्ष्मी ।
हुआ ।
छीगती कपट, धोखा, माल, धूर्तता ।
छीदरियो, छोदरी, छोवौ - पु० (स्त्री० छोदरी) १ तरल पदार्थ । २ अधिक पानी मिली वस्तु । वि० १ छिछला, पतला । २बेदार छवि विरल, बारीक ४ चौड़ा ।
हीन देखो 'शी' २ देखी 'खो' ।
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कराना ।
छीनो - वि० [सं० क्षीण] खिन्न, दुःखी, उदास । छीप-स्त्री० [सं० क्षिप्र ] शीघ्रता, जल्दी । वि० तेज,
जल्दबाज ।
छीपरी (बौ) - क्रि० स्पर्श करना, छूना ।
१ वस्त्र रंगने का कार्य करने वाली जाति । २ गुजराती नहीं की एक शाखा । छोब देखो 'वि' |
छोबरी स्त्री० १ एक पक्षी विशेष २ पतली छाछ ३ पहले व । । सफेद बादल ।
छावळी स्त्री० एक देशी खेल ।
छीपछीया स्त्री० [सं० त) छींक (जैन) छवां स्त्री० छाया छोर-पु० [सं० शीर] दूध -ज-पु० दही, चन्द्रमा, कमल, शंख । - जा - स्त्री० लक्ष्मी । समुद्र, सागर पु० क्षीर
छीरातन वि० कृश काय, पतला दुबला ।
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स्त्री० [पत्थर तोड़ने या गढ़ने की लोहे की मोटी कील, छील स्त्री० प्राभूषण विशेष टांकी ।
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छी, (i) - क्रि०वि० टूटने से कटने से । छीपोटगी-स्त्री० बारीक जूं ।
छीलर [स्त्री० १ रेजगारी, रेजगी छोरि, छीलरियउ, छोलरियो, १ बिले पानी का गड्ढा ३ बेसन का नमकीन परांठा । छोली- पु० पलाश वृक्ष, ढाक । छीव - वि० मस्त, उन्मत्त ।
छीणो-देखो 'श्रीगा' ।
छीतर - स्त्री० १ पथरीली या पहाड़ी भूमि । २ एक प्रकार का
पत्थर वि० [सं० छिबर] कपटी, धूर्त
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पीतरी स्त्री० [पतली या अधिक पानी मिला मट्ठा, छोटे छीयोल्लम-पु० निदार्थक मुख विकार (जैन) छाछ, छोटे बादल - वि० छिछली, छितराई हुई ।
छीतरौ - वि० (स्त्री० छीतरी) छिछला बिखरा हुआ, छितराया
हृद
छीलरणी ( बौ) - क्रि० १ किसी वस्तु का छिलका उतारना, छीलना । २ प्रावरण हटाना । ३ मींगी या गूदा निकालना । ४ काटना ।
- पठीशी० ० रुई धुनने की आवाज । छुमुस- स्त्री० उत्कण्ठा । (जैन)
दवि० ज्यादा (जैन)
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२ देखो''। छीलरी - पु० [सं० छिद्रल] या २ छोटा तालाब
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छु-स्त्री० १ मशक । २ जुगुप्सा । ३ तृष्णा । अव्य० कुत्ते को उत्साहित करने की ध्वनि ।
छुप्रात स्त्री० किसी को स्पर्शं करने, साथ रखने या सम्पर्क करने आदि का परहेज, अस्पृश्यता ।