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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ४०९ ) चूकरणी आवेग । -वि० १ पूर्ण, तृप्त, परितुष्ट । २ धुत्त । गंदा कराना । ३ कुचलाना, रोंदाना। ४ लुटवाना, डाका ३ मदोन्मत्त । डलवाना। चूचक (की)-पु. १ कन्या के प्रथम प्रसव के बाद विदाई के थी-स्त्री० छोटा कागज, छोटा पत्र । समय दिया जाने वाला सामान । २ देखो 'चूची'। चूची-पु१ चूथा हुआ पदार्थ । २ खाने के बाद प्रवशिष्ट बूचड़ी, चाड़ी-देखो 'चूची'। बचा भाग। -वि० १ चूंथा हुआ । २ उच्छिष्ट, अवशिष्ट । चूंचारणौ (बौ), चावणो (बो)-क्रि० १ गाड़ी आदि को ३ उलझन वाला। (कार्य) अधिक दौड़ाना । २ अधिक काम में लेना । ३ स्त्री-संभोग चूंदड़ी-स्त्री० १ दुल्हिन या सधवा स्त्रियों की चमकीदार लाल, करना। पीली प्रोढ़नी । २ रंग विशेष की साड़ी या प्रोढ़नी । चूंची-स्त्री० १ स्तन, कुच । २ स्तन का अग्र भाग, नोक, घुडी। -साफो-पु० उक्त प्रकार के रंग का साफा। ३ स्लेट पर लिखने की वर्तिका, कलम । ४ जलती हुई चूदौ (धौ)-वि० (स्त्री० चूदी) १ छोटी पाखों वाला। तीलिका । ५ प्राग । ६ कलह कराने वाली बात । २ कमजोर नजर वाला। चूंचौ-पु० १ ग्राग, पलीता। २ स्तन, कुच । चूध-स्त्री० तेज प्रकाश में होने वाली चकाचौंध । चुट-स्त्री० १ अंगुलियों से तोड़ने की क्रिया या भाव, बीनाई। धीजणी (बौ)-क्रि० चौंधिया जाना। २ फुटकर व्यय । ३ एक ही कार्य पर थोड़ा-थोड़ा व्यय । चून-पु०१ पाटा। २ चूर्ण। -वि० श्वेत, सफेद* । ४ शोषण । चूंनड़ (डी)-देखो 'चूदड़ी' । चूटणौ(बो)-क्रि०[सं० चुट] १ चुन-चुन कर अंगुलियों से तोड़ना, चूप-स्त्री० १ शौक, चाव, उत्साह । २ लगन । ३ उत्कंठा, तोड़-तोड़ कर एकत्र करना। २ चुनना, बीनना। ३ ऊपर प्रबल इच्छा । ४ स्वच्छता । ५ चतुराई, दक्षता। ६ नग, से काटकर छोटा करना, छांटना । ४ नोचना, नोच कर नगीना । ७ ऊपर के दांतों में ठीक सामने फंसा कर खाना । ५ शोषण करना । ६ व्यर्थ का खर्च कराना । पहनने का प्राभूषण । ८ चतुराई, दक्षता । ९ छोटी वस्तु चूंटारगी (बौ), टावरणी (बी)-क्रि० १ चुन-चुन कर तोड़ाना, के चटकने या तिड़कने पर, मजबूती के लिये लगाया जाने तुड़ा-तृड़ा कर एकत्र कराना। २ चुनवाना, बीनवाना। वाला तार का बंद । १० शोभा, सुन्दरता । -चाप-स्त्री० ३ कटवाना, छंटवाना । ४ नुचवाना । ५ शोषण कराना। सफाई। ६ व्यर्थ का खर्च करवाना। चपणी (बी)-क्रि० १ चूसना । २ श्वास से खींचकर पीना । चूटियों-पु. १ अंगुष्ठ व तर्जनी की नोक से चमड़ी पकड़ कर ३ स्पर्श करना, छूना। ४ देखो 'चूथरणी (बी)'। ली जाने वाली चुटकी, कचौटी, चमोटी। २ मर्म वचन । बरणी (बो)-क्रि० १ किसी का चुबन लेना, चूमना । २ स्नेह ३ एक प्रकार का चूरमा । प्रदर्शन करना । ३ पुचकारना । चुटौ-पु० १ छोटा घाम । २ छोटा डंठल । ३ मक्खन की बाणी (बी)-क्रि० १ किसी का चुबन लिराना । २ चूमने के टिकिया। लिये प्रस्तुत करना। ३ स्नेह प्रदर्शन कराना। चंडणी (बी)-क्रि० १ बनाना । २ प्राकृति या डौल तैयार| चूमरणो (बी)-देखो 'चूबरणो' (बो)। करना। माणी (बी), मावरणो (बौ)-देखो 'बागी' (बी)। चूडाळी-पु० (स्त्री० चूडाली) एक पक्षी विशेष । री-देखो 'चंवरी'। चुण-पु० १ चुग्गा, दाना । २ चूरणं । ३ प्राटा, चून । ४ जौ चूळाई-स्त्री० एक प्रकार का पत्तीवाला शाक । ___का पाटा। चूळाफळी-स्त्री० चौला नामक अनाज की फली। चूंळी-पु० चौंला नामक द्विदल अन्न । चुणौ (बी)-देखो चुग्रणी' (बी)। वाळीस-देखो ‘चमाळीम' । चूतरो-स्त्री० चबूतरी, चौंतरी। चक -स्त्री० १ भुल, त्रुटि, गलती । २ धोखा, छल, कपट । चूतरो-पु० चबूतरा, चौंतरा। ३ पड़यंत्र । ४ कमी, अभाव । मंभ्रम, गफलत, लापरवाही। चू थरणी (बी)-कि० १ किसी वस्तु को निरर्थक, मसलना इधर- ६ प्रदभुत कार्य । ७ अमलवेत या खट्टा शाक विशेष । उधर करना । २ बार-बार छूकर गंदा करना। ३ कुचलना ८ अपराध । रोंदना । ४ लूटना, डाका डालना। चूकणी (बौ)-क्रि० १ भूलना, श्रुटि या गलती करना । २ अपचू थाणी (बौ), चू थावणौ (बौ)-क्रि० किसी वस्तु को व्यर्थ । गध करना। ३ धोखा खाना, षड़यंत्र में फंसना । ४ कमी, मसलाना, इधर-उधर कराना।२ बार-बार हाथ में देकर रहना । ५ प्रमावधानी करना । ६ लक्ष्य भ्रष्ट होना । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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