SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 386
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चटपटाणो चढ़ाऊपरी चटपटाणो, (बी)-क्रि० १ शीघ्रता करना, जल्दी मचाना । चठ्ठी-पु० खुशी, उत्साह । २ आतुर होना । ३ घबराना । चडणी (बो)-देखो 'चढ़णी' (बी)। चटपटी-स्त्री. १ शीघ्रता, उतावली, त्वरा । २ बेचैनी । चडतव-पु० समुद्र, सागर । ३ अातुरता। ४ घबराहट । चडमा-वि० १ चढ़ने योग्य । २ उन्नत । ३ सवारी योग्य । चटपटौ-वि० (स्त्री० चटपटी) तेज मसालेदार, चरपरा । चडवा-स्त्री० वस्त्रों की बंधाई करने वाली जाति । चटळ-वि० [सं० चटुल] चंचल, चपल । चडबौ-पु. इस जाति का व्यक्ति । चटसाळ, (साळा)-स्त्री० पाठशाला, विद्यालय । चडाचड-स्त्री० १ लड़ाई । २ अाक्रमण, हमला । ३ चढ़ने चटालट-स्त्री०१ टक्कर, भिड़त । २ युद्ध । ३ गुत्थमगुत्था । उतरने की क्रिया। घटाई-स्त्री० १ घास-तृण आदि को बुनकर बनाया हुया चडारणी (बो)-देखो 'चढ़ाणी' (बी)। बिछावन, प्रासन । २ आभूषण विशेष । चडापौ-देखो 'चढ़ापौ' । चटाक-क्रि० वि० चट से, शीघ्र, तुरंत । चडावणो (बी)-देखो 'चढ़ारणो' (बो)। चटाको-पु० चट की आवाज, चटको। धडावी-देखो 'चढ़ापौ'। चटाचट-क्रि० वि० १ फटाफट, शीघ्र, तुरंत । २ चटपटी। चड़-देखो 'चाड'। चटारणी, (बो)-क्रि० १ चाटने के लिए प्रेरित करना, देना। | चरण-स्त्री०१ चढ़ने की क्रिया या भाव । २ उप्रति । २ अवलेह आदि पदार्थ अंगुली पर लेकर किसी के मुंह में ३ विकास । --सितबारण-पु० इन्द्र । देना । ३ रिश्वत देना । ४ नाजायज ढंग से किसी को कुछ | चढ़रणो (बी)-क्रि० [सं० उच्चलन] १ नीचे से ऊपर या ऊंचाई खिलाना या सहायता देना। पर जाना । ऊपर चढ़ना । २ ऊपर उठना । ३ बढ़ना, चटापड़, चटापट, (टी)-देखो 'चटपटी'। विकसित होना । ४ उन्नति करना । ५ आगे बढ़ना । चटावरण-पु० चाटने योग्य पदार्थ । ६ सिकुड़ना, तंग होना । ७ उड़कर छा जाना । चटावरणी, (बौ)-देखो 'चटाणो' (बी)। ८ आवेष्टित होना, आवरण युक्त होना । ९ अाक्रमण के चटियो-देखो 'चिटियो। लिए तैयार होना, लड़ाई के लिए तैयार होना । १० सवारी चटी-स्त्री० १ लड़ाई, मुठभेड । २ कुश्ती । ३ चिड़िया ।। करना । ११ बाजार भावों का बढ़ना, तेजी माना। -वाळ-वि० लड़ने वाला, झगड़ालु । १२ नदी का पानी बढ़ना, वृद्धि होना । १३ किसी की चटु-पु० [सं०] १ प्रिय वचन । २ चापलूसी भरे शब्द । ३ पेट। शरण लेना, आश्रय लेना । १४ प्रस्थान करना, रवाना ४ कनिष्ठा अंगुली। ४ देखो 'चट्ट' । होना । १५ वाद्यों में खिचाव दिया जाना स्वर से अधिक चटुड़ी-स्त्री० कनिष्ठा अंगुली। बढ़ना। १६ नैवेद्य आदि देव मूर्ति या मंदिर में अर्पित चीड़ो-देखो 'चट्ट' । होना, भेंट होना, समपित किया जाना । १७ अंकित होना, चटल-वि० धूर्त । -पु. शीघ्रता का भाव । लिखा जाना । १८ निश्चित तिथि या अवधि से अधिक घटोकड़ो, चटोरौ-देखो 'चट्टो'। (स्त्री० चटोकड़ी, चटोरी) समय होना । १६ देय होना, बाकी निकलना । २० ऋण चट्ट-स्त्री० १ चोटी । २ विद्यार्थी । ३ देखो 'चट' । आदि बढ़ना । २१ अावेश या जोश पाना । २२ पकने के -साळ='चाळ'। के लिए पांच पर रखा जाना । २३ रोगन प्रादि का लेपन चट्टारण-स्त्री० प्रस्तरखण्ड, शिलाखण्ड । होना । २४ पसंद पाना, अच्छा लगना । २५ सामूहिक चट्टी-स्त्री० १ पड़ावस्थल । २ मंजिल । ३ देखो 'चटी'। प्रयारण करना । २६ नशे का प्रभाव होना । २७ लदना, ४ देखो 'चट्टो'। माल लादा जाना। चट्ट, चट्टी-वि० (स्त्री० चट्टी) १ स्वादिष्ट भोजन खाने का लोभी, माल मलीदा खाने वाला, स्वादू । २ रसलोलुप, चढ़ती-वि० (स्त्री० चढ़ती) १ अधिक । २ उन्नत, बढ़कर । लोभी। ३ चोटो. चोटी, शिखा । -क्रि०वि० वृद्धि या उन्नति की पोर । चठठ-स्त्री० बोझा लदी गाड़ी से चलते समय होने वाला चढ़ा-देखो 'चडमों। चटचट शब्द। चढ़ाई-स्त्री. १ चढ़ाई, चढ़ने की क्रिया । २ भूमि या रास्ते की चठठरणी (बौ)-देखो 'चटणी ' (बी)। ऊंचाई। ३ अाक्रमण या हमले का प्रयाण । ४ चढ़ावा । चठठाक (ख)- खो 'चठठ'। ५ उन्नति । चठमट्टी-दि० कृपण, कजूस । बड़ाऊपरी-स्त्री० प्रतिम्पर्धा । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy