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घाटा
घोटौ-पु० १ घोटने का उपकरण। २ सिल-बट्टा। ३ बड़ा व छाना । ७ बच्चों का वमन करना। मोटा डंडा । ४ गदा।
घोळवी-पु० १ मांस पकाने की एक प्रक्रिया। २ इस प्रक्रिया से घोडू-देखो 'घोडौ'।
___पका हुआ मांस। धोरण-स्त्री० [सं० धारण] १ नाक । २ बकरी के स्तनों पर घोळारणौ (बौ), घोळावरणी (बी)-क्रि० घोलने का कार्य किया जाने वाला एक लेपन ।
कराना। धोरणा, घोणी-पु० सूबर ।
घोळियौ-देखो 'घोळ' । घोदौ-पु० १ कोई नुकीली वस्तु चुभाने की क्रिया । २ धक्का । घोळी-स्त्री० न्यौछावर होने की क्रिया । ३ वाधा, अड़चन, विघ्न ।
घोल्या-स्त्री०१खरियत, कुशल । २ अस्तु । ३ देखो 'घोली' । धोनौ-पु०(स्त्री० धोनी)१बकरी । २ वृद्ध बकरी । ३ वृद्ध व्यक्ति । घोस-पु० [सं० घोष] १ शब्द, आवाज । २ गर्जना, भागे ४ नितान्त बहरा व्यक्ति ।
शब्द । ३ तालों का एक भेद । ४ शब्द-उच्चारण के ग्यारह घोबो-पु०१ पास के किसी पौधे का कटने के बाद जमीन में रहा बाह्य प्रयत्न में से एक।
अंश । २ नुकीली चीज का धक्का। ३ अांख आदि में होने घोसणा-स्त्री० [सं० घोषणा] १ सूचना, इत्तला । २ सार्वजनिक वाला शूल, पीड़ा । ४ वात-विकार की पीड़ा।
सभा में किसी नेता या अधिकारी द्वारा जारी की गई धोयणौ (बौ)-क्रि० नष्ट करना।
सूचना । ३ आदेश । ४ सरकारी कार्यवाही का प्रकाशन या धोर--वि० [सं०] १ भयंकर, डरावना। २ जबरदस्त । ३ सघन, विज्ञापन । ५ गर्जना, आवाज।
घना । ४ अत्यधिक गहरा। ५ कठिन, दुर्गम । ६ कठोर । घोसवंती-स्त्री० वीणा । ७ उग्र । -स्त्री० [अ०गोर] १ कब्र, समाधि । २ समाधि पर घोसी-पु० दूध बेचने वाली मुसलमान जाति या इस जाति का अंकित शब्द । ३ शब्द ध्वनि । ४ गर्जना, घोष। ५ प्रगाढ़ व्यक्ति । निद्रा का शब्द । ६ नगाडे की आवाज। [सं० घोर:] / प्रणा-स्त्री० [सं० घृणा] १ नफरत। २ ग्लानि । ३ दया, ७ भय, डर । ८ जहर । ९ शिव ।
कृपा। घोरणो (बी)-क्रि० १ पीटना, मारना । २ देखो 'घुरणों' (बौ)। व्रत-पु० सं० घृत] घी। -प्रातरण (न)-स्त्री० अग्नि । ३ देखो 'धुरगो' (बी)।
घ्रताची, घ्रतायची-स्त्री०१ स्वर्ग की एक अप्सरा । २ अप्सरा। धोरमधोर-देखो 'घोर' ।
घ्रति-पु० घी। घोराउंबर-पु० गहरे बादलों की घटाएँ ।
घ्रस्टी-पु० [सं० धृष्टि:] सूअर । घोरारध-पु० १ शोक सुचक भयंकर शब्द । २ घोर ध्वनि । घ्राण, घ्राणा-पु० [सं० घ्राण:] नाक, नासिका । २ सुगंध । ३ उल्लू की बोली।
३ सूघने की शक्ति । घोरालो (बी), घोरावरणौ (बो)-१ देखो 'धुराणी (बी)। घ्राई-पु. भयंकर प्रहार करने वाला। २ देखो 'धुरागणी (बी)।
| घ्रित (ति, ती)-पु० १ धी। २ यज्ञ । ३ अग्नि । -वि० तृप्त । भोळ-पू० १धूलो हा पदार्थ । पानी में घोल कर रखा हुप्राघ्रिताची, घ्रितेची-देखो 'घ्रताची'। पदार्थ । २ न्यौछावर । ३ धार कर दिया हुप्रा दान।
घ्रिसि (सी)-पु० भोजन । घोळणी (बी)-क्रि० १ किसी द्रव पदार्थ या पानी में कोई वस्तु मिलाना, घोलना। २ घुल जाने के लिये हिलाना।
घ्रिस्टी-पु० सूपर। ३ न्यौछावर करना, वारना। ४ जहरीले जंतनों का घोरण, ध्रोरणा-देखो 'घ्रांरण' । घटना। ५ क्रोधित होना । ६ प्रांखों में नीद या नशा | प्रोणी (नी)-पु० सुम्मर ।
व-देवनागरी वर्णमाला का अठा व्यंजन । 4ऊं-देखो 'च । चंक--देखो 'चक'। चंग-वि० सुंदर, मनोहर । चंग (डी, डो)-पु० [फा०] १ डफ। [मं० चं] २ पतंग,
गुड़ी। ३ झंडी, पताका । ४ पवित्रता, शुद्धता। १ उत्तमता, श्रेष्ठता । ६ घोड़ों की एक जाति व इस जाति का घोड़ा। ७ यवन, मुसलमान । ८ सितार पर चढ़ा हुआ स्वर । ६ स्वस्थ व्यक्ति । १० डिगंल का एक गीत । ११ देखो 'चंगी'।
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