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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अष्टवर www. kobatirth.org (२५०) घंटाघर गु० स्तंभनुमा ऊंची इमारत पर स्थित बड़ी घड़ी जिसकी आवाज दूर तक सुनाई देती है। घंटारव - पु० घंटे की आवाज । । । घंटाळ. टाळ पाळी ० १ देवी दुर्गा २ एक प्रकार का मृग - वि० जिसके घंटा बंधा हो । जिसके सामने घंटा बजता हो । घंटावळि (ळी) - स्त्री० घंटिकाओं की पंक्ति । पटिक पेटीका, घंटी-स्त्री० [सं० पटिका) १ छोटा घंटा घटी । २ घुंघरू | ३ गले में लटकने वाला टेंट्वा, कौवा । घटियाळ-स्त्री० देवी का विशेषण, दुर्गा, देवी । घंटी पु० [सं० घंटा ] १ टन्टन् ध्वनि उत्पादक बड़ा यन्त्र घटा । २ दिन व रात का चौबीसवां भाग या साठ मिनट की एक अवधि ३ निर्धारित समय में बजने वाली घड़ी । घड़ी, 1 निद्रिय (बाजारू)। घंस- पु० [सं० घर्ष ] १ संहार, नाश । २ रास्ता. मागं । १. बुद्ध ६ पीछा, ३ दल, समूह | ४ फौज, सेना धंसार देखो 'धींसार' घंसि (सी) - १ देखो 'घस' । २ देखो 'घींसार' । घ- पु० [सं०] १ सुधर्म । २ हाथी । ३ शिव । ४ नरक ५ ककरण । स्त्री० ६ शची । ७ वसुमती । ८ राक्षसी । ६ घंटा । १० घर्घर शब्द । -वि० घातक । पहली स्त्री० नागर बेल । धकार - पु० 'घ' वर । arat - पु० १ होश हवास ४ व्यवस्था । परपरि देखो 'सरी' । घघ (राव, राज) पु० ऊंट घघर-स्त्री० ० एक नदी का नाम : पत्र १ छोटा लहंगा ३ छोटा घट । २ ध्यान, ख्याल | ३ चेतना । २ बच्चियों की फराक । धधियो, धध-पु० 'घ' वर । घघ्घू - पु० उल्लू ! घड़ ( उ ) - स्त्री० [सं० घट, घटा] १ सेना, फौज । २ मेघ, बादल 1 ३ करवट । ४ बड़ा घड़ा । ५ समूह, झुंड । ६ वस्तुनों की तह । ७ शरीर, तन । (छ) पु० डिगल का एक बंद (गीत) विशेष धड़क लियौ पु० छोटा घड़ा । घड़घड़, घडघड़ाट-स्त्री० १ गाड़ी या भारी वाहन के चलने की Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आवाज । २ बादलों की गर्जन । आवाज । घड़घड़ारणी (ब) - ० पड़घड़ ध्वनि होना, गर्जना । । घड़ड़ स्त्री० [धनु०] ध्वनि विशेष । घड़ण (न) - स्त्री० १ शिल्प क्रिया । ३ आभूषण घड़ौ पु० गहना प्राभूषण · घड़णी (यो) - क्रि० १ गढ़ना बनाना, रचना, पढ़ाई करना। २ कल्पना करना । ३ गप्प हांकना । ४ मारना पीटना । ५ वस्तु बेचकर पैसा बनाना । अनुधावन - वि० संहारक घसरणौ (बौ) - क्रि० १ संहार करना, नाश, करना । २ पीछा घड़ली स्त्री० [सं० घटिका] रहंट की माल का जल-पात्र करना । ३ देखो 'घसरणों (बी) । जिसमें पानी भर कर निकलता है। बड़ीयक घड़ली-देखो 'घड़ी' । घड़वंद - देखो 'घड़बंद' | ३ तोप आदि की । घड़त स्वी० १ पड़ाई, कारीगरी २ बनावट । ३ गढ़ाई का पारिश्रमिक | २ गढ़ने की क्रिया । - घड़नाव स्वी० कई घड़ों को बांधकर बनाई हुई नाव । पड़बंद पु० १ रहंट की मान की रस्सी २ सेनापति । घड़मोड़ - वि० शूरवीर, योद्धा । घड़लियो १० कुए पर काम पाने वाली 'पंजाली' में लगने वाला डंडा । २ देखो 'घड़ो' । घडवो - पु० १ गढ़ा हुआ पत्थर । २ घड़ा गागर । घड़ पड़ा देखो 'पढ़' घड़ाई - स्त्री० १ ग्राभूषण, पत्थर आदि गढ़ने की क्रिया या भाव । २ गढ़ने की मजदूरी । पहाणी (बी) क्रि० १ धाभूषणों की पढ़ाई कराना बनवाना २ पत्थर, गढ़ाने का कार्य कराना । For Private And Personal Use Only घाट (मोड़ पड़ाळ (लो)- वि० सुरवीर योद्धा । पावली (मी) देखो 'पहाणी' (यो) | aft (उ) देखो 'पढ़ी' । घडिया [स्त्री० भिती का कार्य करने वाली जाति घडियाल पु० [स० घटिकावलि ] १ देवस्थान का बड़ा घंटा । २ बड़ी घड़ी । ३ घटाघर ४ ग्राह, मकर घड़ियाली घडियौ ० १ स्वर्णकार २ पहाड़ा, गिनती। - पु० । ३ छोटा घड़ा | ४ घड़े से पानी भरने वाला व्यक्ति । ५ घड़ाई करने वाला कारीगर, शिल्पी । घड़ी स्त्री० [सं० घटिका ] १ समय सूचक यंत्र । २ समय या काल का एक विभाग । ३ अवसर मौका ४ मुहूर्त । घड़ीक- क्रि०वि० १ एक घड़ी के लगभग । २ कभी । घड़ी देखो 'घाभि घडीवक देखो 'घड़'क' ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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