________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अड़ाव
प्रचागळ
अड़ाव (बौ)-१०१ विधन, बाधा । २ प्रतिबंध रोक । ३ रोक, २ अद्भुत या विचित्र वस्तु, कार्य या घटना। मनाही । ४ परहेज । ५ आवश्यकता, जरूरत । ६ गरज ।
अच-पु० [सं० अच्] १ स्वर वर्ण। २ देखो 'पाच' । ७ परती छोड़ा हुआ खेत । ८ देखो 'अड़णौ'।
अचकन-पु० [सं० कञ्चुक प्रा० अंचुक] लंबा अंगा, चोगा। अड़ाव पो (बौ)-देखो 'अड़ावौं' (बौ)।
अचगळ, अचगळी, अचग्गळ, अचग्गळी-देखो 'अचागळ' । अड़ि, अड़ी-स्त्री० १ अत्यन्त आवश्यकता, सख्त जरूरत । | प्रचड़, अचड-वि० १ श्रेष्ठ उत्तम । २ महान, बड़ा ।
२ जिद्द, हठ, दुराग्रह । ३ दिक्कत, परेशानी । ४ बाधा, | ३ अचल, स्थिर ।-स्त्री०१ उत्तम कार्य । कीति, यश । रोक । ५ मौका । ६ लड़ाई, झगड़ा। ७ दंगा, फिसाद ।
प्रचरणौ, (बौ)-क्रि० [सं०पाचमनम्] १ आचमन करना । ८ विरोध, शत्रुता । -खंभ-वि० शक्तिशाली, बलवान ।
२ खाना, भोजन करना । हृष्ट-पुष्ट, तगड़ा । अडिग, अटल, अचल । -जंत-वि०
अचपड़ा-पु. ब. व. चेचक से मिलता-जुलता एक रोग । मजबूत, दृढ़ । सावधान, तैयार ।-जोध-वि०-योद्धा, वीर,
अचपळाई-स्त्री० १ चंचलता, चपलता, २ शैतानी, उद्दण्डता । महावीर । -यल, यल्ल याल-वि० अभिमानी, घमण्डी।
अचपळ, अचपळउ, अचपळो अचप्पळ, प्रचप्पळउ, अचप्पळी अड़ियल, अकड़ । उद्दण्ड । जिद्दो, हठी, वीर, बहादुर ।
-वि० [सं० चपल] (स्त्री अचपळी) १ नटखट, चंचल, रुक-रुक कर चलने वाला । —लौ-पु० अस्त-व्यस्त या
चपल । २ उद्दण्ड, बदमाश । ३ उत्पाती, उपद्रवी । बिखरा हुया सामान । योद्धा, वीर । देखो, 'अड़ियल' ।।
अचमन-देखो 'पाचमन' । अड़ोसल, अडोसाल, अडोसालौ देखो 'अड़सल' ।
अचर-वि० [सं०] १ न चलने वाला, स्थिर, ठहरा हुमा । अड़ औ-देखो 'अड़ सौ'।
२ जड़ । ३ स्थावर ।-पु. १ ऊंट का एक रोग । अड़ ड-पु० खेत में स्वतः उगने वाली कंटीली झाड़ियां । २ उक्त
२ देखो 'अप्सरा' । झाडियों को काटने की क्रिया ।-वि०१ जोरदार, जबरदस्त । | अचरज अचरज्ज. अचरिज. प्रचरिज्ज-० [सं० प्राश्चर्य] २ श्रेष्ठ, उत्तम । ३ अत्यधिक ।
आश्चर्य, विस्मय। अडू वौ, अड़े सौ-पु० [सं० बाटरूप] १ एक प्रकार का वृक्ष । २ एक पौधा विशेष जिसकी पत्तियां औषधि के काम
अचरजणौ (बौ)-क्रि० आश्चर्य युक्त होना, चकित होना। आती हैं।
प्रचरियौ-बचरियो-पु० १ मिश्रण। २ सूर्य पूजा के दिन प्रसूता अड़े गड़े, अड़गडे-वि० समान, सदृश । क्रि० वि० पास-पास,
के लिये बनाया जाने वाला विभिन्न सब्जियों का मिश्रण । लगभग, करीब ।
अचळ,अचळल-वि० [सं० प्रचल] १ जो चलायमान न हो,स्थिर । अड़े च, अड़े ज-१ प्रति बंध, परहेज । २ देखो 'अड़चण' ।
२ गमन शक्ति हीन । ३ अडिग, अटल । ४ दृढ़, पक्का। अडेल, अड़े ल-देखो 'अड़ियल' ।
-पु० [सं० अचलः] १ पर्वत, पहाड़ । २ सूर्य । अड़ोई-स्त्री० गौ-चारक ग्वाले को दिया जाने वाला भोजन ।
३ इन्द्रासन । ४ ध्रुव । ५ सुमेरू पर्वत । ६ यश, कीर्ति । अड़ोस-पड़ोस-देखो 'पाडोस-पाड़ोस' ।
७ श्रेष्ठ व उत्तम कार्य । ८ ब्रह्म, ईश्वर । ६ जैनियों के अड़ोसी-पड़ोसी-देखो 'पाड़ोसी-पड़ोसी'।
प्रथम तीर्थ कर । १० सात को संख्या ।-कीला-स्त्री० अचंक-देखो 'अचाणक' ।
पृथ्वी, धरती। अचंचळ-वि० [सं० अ+चंचल] १ धीर, गंभीर । २ शान्त । अचळा-स्त्री० [सं० अचला] पृथ्वी, धरती । ३ स्थिर ।
अचळेस, अचळेसर, अचळेसुर, प्रचळेसुरय -पु० [सं० अचलेश्वर] अचंट-पु० रुपया ।--वि० सीधा-सादा, सरल ।
१ शिव, महादेव । २ अाबू पर्वत का शिव मन्दिर । अचंड-वि० [सं०] १ जो उग्र न हो, शान्त ।
अचल्लणौ-वि० पीछे न हटने वाला। २ सुशील, सीधा-सादा ।
अचवन-देखों 'आचमन'। अचंडी-स्त्री० [सं०] १ सीधी गौ । २ शान्त स्त्री । अचांचक, अचारण, अवांणक, अचारणचक, अचारणचूकौ, अचंब, अचंभ-देखो 'अचंभौ' ।
अचारणजक, अचारणी, अचान, अचानक, अचाक-क्रि० वि० अचंभरणी, (बौ)-कि० चकित होना, दंग रहना ।
अकस्मात, यकायक, अचानक, सहसा एक दम । अचंभम, प्रचंभव-देखो 'अचंभौ' ।
प्रचागळ, अचागळी-वि० [सं० प्रतिकर्ण] १ नटखट, चंचल अचंभित-वि० [सं० स्तंभित] चकित, विस्मित, स्तंभित । चपल । २ उद्दण्ड, बदमाश । ३ तेज, फुर्तीला । ४ प्रचण्ड, प्रचंभौ, अचंभ्रम-पु० [प्रा० अच्चभूप्र] १ आश्चर्य, विस्मय ।। भयंकर । ५ वीर बहादुर । [सं० अच्छ] ६ यशस्वी,
For Private And Personal Use Only