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गोडियो
गोडियो- पु० १ बैलगाड़ी का एक भाग । २ रहट का एक उपकरण । ३ घुंघुरू लगे चमड़े की पट्टी । ४ देखो 'गोड' । ५ देखो 'गोडौ' ।
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गोडी-स्त्री० १ ऊंट का अगला पांव समेटकर बांधने की क्रिया । २ बंधन । ३ गोडा, घुटना । ४ चरखे के लगने वाला डंडा । ५ उद्दण्ड गाय या बैल का घुटने के साथ सींग का बंधन । ६ देखो 'गोड़ी' ।
गोडीरव-देखो 'गौरव'।
( ३४७
गो बौ- पु० विकृत तरबूज ।
।
गोडे - क्रि० वि० १ पास में, निकट । २ सामने सम्मुख ३ अधिकार में कब्जे में ।
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गोडौ - पु० १ घुटना । २ बैलगाड़ी का एक भाग ।
गोळवण ० मृतक के संबंधियों के सामने संवेदना
करने की क्रिया ।
गोतरण - स्त्री० ० कुल में जन्म लेने वाली स्त्री । गोतम (म)-०१ ग
गोढ़-देखो 'गोड' |
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बोल (ला) क्रि० वि० निकट पास समीप गोड़ गोड़ गोड़, (ई) देखो 'गो' ।
गोण - पु० १ गमन । २ गगन । ३ पृथ्वी, भूमि । ४ प्रत्यंचा । गोणिय ०१ बढ़ई हार बादि का एक समकोण बौजार जिससे दीवार नापी जाती है। २ देखी 'गुणियों' गोली - पु० [सं० गमन] १ वधू की प्रथमवार सुसराल गमन की रश्म । २ गमन ।
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प्रगट
गोत- पु० [सं० गोत्र ] १ कुल, वंश, खानदान । २ वंशगत । जाति । ३ समूह, दल । ४ लुप्त होने का भाव । ५ नाम । ६ संज्ञा । ७ गोशाला ८ वन । खेत । १० मार्ग । ११ वर्ग । १२ पर्वत, पहाड़ । -कदम पु० १ वंश के व्यक्ति की हत्या का पाप २ निकटतम कुल स्त्री के साथ संभोग, मैथुन ।
की
गोतर- देखो 'गोत्र' |
गोतराड़ - देखो 'गोतार' ।
गोहत्या स्त्री० सगोत्रीय की हत्या का पाप
२ एक मंत्रकार ऋषि
३ एक क्षत्रिय वंश । ४ वसा, चर्बी । ५ देखो 'गौतम' |
गोतमी स्त्री० [सं०] १ गौतम ऋषि की पत्नी महिष्या।
२ देखो 'गौतमी' |
गोतार पु० भावना यष्टमी, नवमी व दशमी को fear
भादवणुक्ला किया जाने वाला व्रत विशेष मतान्तर से भादव शुक्ला १३, १४ और पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत । गोतिमी-१ देखो गोतमी' । २ देखो 'गौतमी' । पोतियो मोतीबि[सं० गोत्रीय] अपना सी
)
गोतीत वि० [सं०] अदृश्य । - पु० ईश्वर, विष्णु ।
गोहरी - पु० इन्द्र |
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इन्द्रिय ज्ञान से परे हो गोबर
।
गोतोरथक - पु० [सं० गीतर्यक ] शल्य चिकित्सा की एक विधि | गोते - वि० ० समान, सदृश, तुल्य । गोती-५०१ इनकी गोता ।
२ निराशाजन्य यात्रा ।
३ चक्कर | ४ धोखा । ५ कष्ट । गोत्त-देखो 'गोत्र' । - गोवाळ = 'गोत्र-गोवाळ' । गोत्र-पु० [सं०] १ वंश, कुल
।
३ संतान | ४ वर्ग । ५
२ कुल के अनुसार जाति । कुटुम्ब । ६ समूह, झुण्ड । गवाळ, गोवाळ - वि० शरक्षक. गोत्र
७ पहाड़, पर्वत । रक्षक
सुता स्त्री० पार्वती, गोरी ।
गोत्रज-पु० [सं०] १ एक ही गोत्र में उत्पन्न व्यक्ति २ शिवा
जित । ३ पत्थर ।
गोत्रभिदी ( भेदी ) - पु० [सं०] १ इन्द्र । २ वज्र ।
गोहर पु० [सं०] बज्र
गोधन
योत्रा [स्त्री० [सं०] पृथ्वी
गोत्राचार - पु० विवाहादि अवसरों पर किया जाने वाला कुल का
उच्चारण ।
गोत्री - वि० वंशज । स्वजातीय । गोवरपी- देखो 'गोस्तनी' ।
गो-पु० [सं०] गोस्तन ] हरीसा के छोर पर लगी काष्ठ की किल्ली । गोथली-देखो 'कोळी'
गोदंती - स्त्री [सं०] १ एक प्रकार की मणि या मूल्यवान पत्थर । २ हरताल । वि० १ कच्चा । २ वेल |
गोदत्री० [सं०] १ अंक, गोदी, उत्संग फोड़ | २ ग्रांचल । ३ सुखप्रद स्थान ।
गोवड़-पु० साधुत्रों का एक सम्प्रदाय व इस सम्प्रदाय का साधु । गोदसी स्त्री० सुई या कोई नुकीला चौजार ।
गोदसी (यो) त्रि० १सुईया की
माना, पड़ना, गड़ाना। २ छेड-छाड़ या तंग करना । ३ अनिच्छित कार्य करने के लिए बार-बार कहना ।
गोपु० [सं०] गोदान ] गाय का दान
गोदाम- पु० बड़ा कोठा या आगार ।
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गोदा, गोदावरी-स्त्री० [सं०] गोदावरी नदी गोवि (दी)- देखो 'गोद'
।
गोवी-देखो 'गोधौ' ।
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गोध- ध- पु० [सं०] १ मनुष्य । २ नर । ३ बबूल की फली । गोधन - पु० [सं०] १ गउम्रों के रूप में सम्पत्ति । २ गायों का झुण्ड समूह ।