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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra रा गुरगावी स्त्री० एक प्रकार गुरड़- पु० १ रंग विशेष का 'गुराहो' । गुरदेखो गुड़ा देखा। गुरड़ास का देशी जूता । घोड़ा । २ (न) देखो 'गमन' www.kobatirth.org ( गुरडोदगार - पु० सांभर का सींग । गुरखी-१ देखो 'गुणणी' । २ देखो 'गुरांणी' । गुरभाई पु० एक ही गुरु के शिष्य " ३३८ गराबी देखो 'गोरायी । देखो 'गरुड़' ३ देखी गुरिज-पु० [सं० गुरूर्ज] १ हाथी । २ गदा । ३ गुरज । गुरुपु० [सं०] [१] दीक्षा देने वाला प्राचार्य, मंत्रदाता २ शिक्षक, अध्यापक ३ माता-पिता । ४ वृद्ध । ५ शासक, अध्यक्ष । ६ देवाचार्य, वृहस्पति । ७ नये सिद्धान्त का प्रचारक, प्रवर्तक ८ पुष्य नक्षत्र । ९ ग्रह । १० दो मात्राएँ । ११ यज्ञोपवीत संस्कार कराने वाला । १२ गायत्री मन्त्र का शिक्षक । १३ गलितयादि की वह प्रणाली जिससे हल निकाला जाता है। 1 १४ ब्रह्मा । १५ विष्णु । १६ शिव । १७ ब्राह्मणों की एक जाति जो चमारों के विवाह आदि का कार्य करवाती है । १८ तीन की संख्या । - वि० १ भारी वजनी २ महान । ३ दीर्घ । + ४ श्रेष्ठ । ५ क्लिष्ट | ६ प्रचण्ड 1 ७ सम्मानित | ८ गरिष्ठ ९ प्रिय । १० अहंकारी । कुंडळी स्त्री० ज्योतिष के अनुसार एक चक्र कुळ- पु० शिक्षा देने का स्थान । विद्यालय । -गंधरव - पु० इंद्रजाल के छः भेदों में से एक गम-पु० गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान, उपदेश, गुरु शिक्षा, तत्त्वज्ञान, रहस्य । -घंटाळ - वि० महान धूर्त, निपट मुर्ख । इन वि० गुरुघाती । - जन पु० गुरु, मातापिता आदि । दक्षिणा, दखरणा, दखिरणा दछणा स्त्री० शिक्षा के बदले गुरु को दी जाने वाली भेंट चैवत। पु० पुष्य नक्षत्र -द्वारी- पु० गुरु गृह पूनम स्त्री० भाषाढ़ मास की पूर्णिमा -मंतर मंत्र- पु० गुरु द्वारा दी जाने वाली शिक्षा, गायत्री मंत्र । -मुख-वि० याद कंठस्थ । मुखी - स्त्री० १ पंजाबी भाषा । २ इस भाषा की लिपि । ३ कंठस्थ । ४ आत्मज्ञानी । -वार, वासर-पु० बृहस्पतिवार । - संथा - स्त्री० गुरु से प्राप्त शिक्षा, ज्ञान । गुरुप्रत - वि० महान, बड़ा । गुरदेखी 'गरुड' | गुरड़ौ - पु० १ गरु । २ एक रंग विशेष का घोड़ा । ३ देखो 'गुरंड' । ४ देखो 'गरुड़ी' | गुरज-पु० [फा० गर्ज ] १ गदा जैसा शस्त्र । २ सोंटा । ३ कोट या शहर की प्राचीर की बुर्ज । गुरजरगकत्तौ पु० एक प्रकार का कुत्ता । गुरजदार, गुरजबरदार पु० गुजं रखने वाला योद्धा या मिचाई। गुरजमार- पु० गुर्ज धारी मुसलमान फकीर । गुरजर- पु० [सं० गुर्जर ] १ गुजरात प्रान्त । वंश । ३ एक जाति या वर्ग । २ एक राजपूत गुरजरी - स्त्री० [सं० गुर्जरी ] १ गुजरात प्रान्त की स्त्री । २ गुजर जाति की स्त्री । ३ एक रागिनी । गुरजी- वि० [फा० गुर्ज] १ जार्जिया नामक देश का कुत्ता । २ इस देश का निवासी ३ सेवक, नौकर । गुरज्ज - देखो 'गुरज' | गुर-१ देखो 'गुरड़' २ देखो''। गुरडि-१ देखो 'गरुट' २ देखो 'गुढी'। गुरडी - स्त्री० १ गुड्डी. ऐंठन । २ कपट, छल । गुरहु-१ देखो 'गरुड' । २ देखो 'गरड' | गुरली (बी) क्रि० [सं० पुरम् १ कोध में गुर्राना । २ गर्जना । ३ जोर की आवाज करना । गुरव देखी 'गउरउ' । गुरवादित्य- ५० सूर्य और बृहस्पति एक ही राशि में आने की दशा । गुरवार - देखो 'गुरुवार' । गुरसा स्त्री० श्यामा चिड़िया । गुरांजणी - स्त्री० [सं० गड अंजनी ] आँख की पलक पर होने पर होने वाली कुंसी । गुरांणी स्वी० गुरुवरनी। गुरांसा - पु० [सं० गुरु ] १ गुरुजी । २ जैन यति । गुराड़, (डौ ) - पु० ( स्त्री० गुराडी) श्रग्रेज, गौरा । गुराब (बी) स्त्री० १ छोटी तोप २ पोड़े या ऊंट से खींची जाने वाली तोप ३ एक प्रकार की नाव, नौका । गुरुवत्री० [सं०] गिलोय गुरुड- देखो 'गरुड' Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only -- गुरुदत्त पु० दत्तात्रेय । गुरुम पु० [सं० गुरुभ्र ] १ पुष्य नक्षत्र । २ मीन राशि । ३ धन राशि | गुरु-देखो 'गुरु' | गुरूप-पु० दल, झुण्ड, समूह, संघ । गुलंबर - पु० द्वार पर त्रिभुजाकार बना प्रांतरिक ताखा । गुळ-पु० गुड़ । गुल-पु० [फा०] गुलाब का पुष्य २ चिह्न, वाय ३ पुष्प, फुल । ४ दीपक की बत्ती का जला हुआ अंश । ५ चिलम की बाबू की राख । ६ किसी चीज पर बना भिन्न रंग का कोई गोल निशान । वि० बंद । लुप्त ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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