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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गाढ़ामार www. kobatirth.org 67 ( ३२६ ) गाढामाह - पु० १ शौकीन छैन । २ प्रार्य पुत्र । ३ लोक गीतों में पति के प्रति प्रयुक्त शब्द । शादिम देखो 'वाम' । गाली गाडू, गाड़ राव, गाईल, गाई राय - वि० (स्त्री० गाढ़ीली, गाढ़राव-वि० गाढ़ेली ) १ वान गंभीर । २ वीर बहादुर । ३ शक्तिशाली बलवान । गाड़ी वि० [सं०] गाड़] (स्त्री० गाड़ी) १ जो पतला न हो, मोटा, गाढ़ा । २ जिसमें तरलता कम हो, पानी कम हो, गाढ़ा द्रव 1 ३ गहरा, घना । ४ बहुत अधिक सख्त, मजबूत, ठोस, दृढ़ । ५. जिसमें घनिष्ठता हो पनिष्ठ । ६ अत्यधिक बहुतायत में बनावट में मोटा । ८ धीर, गंभीर । जबरदस्त शक्तिशाली । १० जोशीला, जोश वाला । गीत | गाली - पु० [सं० गान] १ गायन की क्रिया । २ गाना, गाणी (बौ) - देखो 'गाणी' (बो) । गाणौ ( बौ) - क्रि० १ गायन करना 1 २ गीत भजन आदि गाना । ३ मधुर ध्वनि करना 1 ४ स्वर ताल में ध्वनि अलापना । ५ गुनगुनाना । ६ स्तुति करना । ७ वर्णन करना । गात पु० [सं० गात्र ] १ शरीर, अंग, तन । २ शरीर का अवयव । गातरियों, गात गातो-५०१ कपाट के बीच लगने वाला डंडा । २ निश्र ेरेणी में आड़ा लगने वाला डंडा । ३ देखो 'गात' । गातियौ- पु० १ जबड़ा । २ देखो 'गाती' | गातरी, गाति, गाती-स्त्री० [सं० गात्रिका] १ साधुओं का शरीर पर वस्त्र लपेटने का एक ढंग । २ उक्त ढंग से लपेटा जाने वाला वस्त्र चादर । माती-देखो 'गातरों' । गात्र देखो 'गात' । गात्रगुप्त - पु० श्रीकृष्ण का एक पुत्र । गावरण - पु० स्वर साधन की एक प्रणाली । मात्र पु० हाथी । गाथ - स्त्री० १ गाथा । २ कीर्ति । ३ दौलत, धन । ४ ५ देखो 'बात' यश । गाथा ( थी ) - स्त्री० १ स्तुति । २ काव्यात्मक कथा । ३ वृत्तान्त, हाल । ४ वह श्लोक जिसमें स्वर का नियम न हो । ५ छन्द । ६ गीत । ७ फारसियों के धर्म ग्रंथ का एक भेद । ८ एक प्रकार का श्रर्द्ध मात्रिक छन्द । ९ यशगान । गाव- पु० शब्द, वचन । गादड़ गावड़ियो, गावड़ी - पु० गीदड़, सियार । - वि० कायर, डरपोक । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गायटी गावरणौ - पु० मंजरी, कोंपल । गावरणौ (बौ) - क्रि० १ प्रकुरित होना । २ उत्पन्न होना । ३ गदराना । - । । यादरित वि० १ गद्गद् प्रसन्न २ सुडौल, पुष्ट ३ गदराया हुआ । ४ स्थूल । गादह-पु० गर्दभ गया। गावी स्त्री० १ छोटा गद्दा २ गद्देदार बिछौना ३ जीन पर । । डाला जाने वाला वस्त्र । ४ बैठक । ५ राज्य सिंहासन । ६ उत्तराधिकार में प्राप्त पद । ७ गाय, भैंस, बकरी आदि का थन । - धर-पु० राजा । उत्तराधिकारी। -नसीन १०] सिंहासनारूद। गाल - पु० रहट में लगा मोटा लट्ठा जिसके एक शिरे पर बैठ कर बैल हांके जाते हैं । गादोतरी पु० [सं०] गोवधोतर ] १ जमीदार या शासक से उब कर किसी वंश या जाति का गांव या देश त्याग | जाते समय ये गांव या प्रदेश की सरहद पर गो-शिर की पत्थर की मूर्ति खड़ी कर जाते थे । २ भूमिदान के समय उस भूमि की सीमा पर गाय व बछड़े का चित्रांकित पत्थर खड़ा करने की क्रिया । गादौ पु० १ कीचड़ । २ गधा | गाध-पु० कुत्ता, श्वान | गाधि-पु० [सं०] विश्वामित्र के पिता का नाम नंब, पुत्र, सुत, सुनंद- पु० विश्वामित्र - पुर- पु० कान्य कुब्ज । गाय पु० [सं०] विश्वामित्र गाधौतरी-देखो 'गादोतरी' | गाफल, गाफिल - वि० [अ० गाफिल ] १ बेखबर असावधान | २ लापरवाह | गाफिली- स्त्री० असावधानी, गफलत । लापरवाही । गावड़ (छ) स्त्री० [ग्रीवा, गर्दन 1 गाबरू - वि० जवान, युवा ( मेवात ) । गावलियो पानी देखो 'नामी' । गाभ - देखो 'गरभ' । गाभी - पु० १ वस्त्र, कपड़ा । २ हल्का भोजन । गाय - स्त्री० [सं० गो] १ अत्यन्त सीधा सादा व दुधारु मादा चौपाया जानवर, गऊ । २ सीधा-सादा प्राणी । । गायक ( को ) - पु० [सं० गायक] १ गाने वाला गर्वया । २ ग्राहक । For Private And Personal Use Only गायड़ - पु० गर्व, अभिमान । वि० १ गम्भीर । २ बहादुर । ३ अभिमानी, स्वाभिमानी । — गाडौ- वि० गम्भीर । - मल- पु० लोक गीतों का नायक । वीर योद्धा । (डी) देखो 'बाथ'
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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