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गरिस्ट
( ३१८ )
गळगंठ
गरिस्ट (स्ठ)-वि० [सं० गरिष्ठ] १ अत्यन्त भारी, गुरुत्तर। गरुवत्व-पु० [सं०] १ गौरव । २ महत्त्व, बड़प्पन । ३ भारीपन .
२ पचने में कठिन । ३ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण । -पु. १ एक | बोझ। राजा। २ एक राक्षस । ३ एक तीर्थ विशेष ।
गरुवाई-स्त्री० १ बड़ाई, गौरव । २ अहंकार, गर्व । ३ भारीपन, गरी-१ देखो 'गळी' । २ देखो 'गिरी' ।
गुरुता। गरीट-देखो गरिम्ट।
गरुवी-देखो 'गरवौ' । गरीठ, गरीठौ-वि० [सं० गरिष्ठ] १ प्रबल, प्रचंड । | गहठ-वि० जबरदस्त, प्रचण्ड ।
२ शक्तिशाली। ३ भयंकर । ४ प्रभावशाली। -पृ० १ हाथी। | गहतमांन-देखो 'गरुतमांन' । २ ऊंट । ३ देखो 'गरिस्ट'।
गरूर (री)-पु० [अ० गुरू र] १ अभिमान, घमंड, गर्व । २ शेखी, गरीरण-वि० १ दीर्घ, विशाल । २ बड़ा ।
अहंवाद । -वि० १ बड़ा, दीर्घ । २ प्रचंडकाय, जबरदस्त । गरीत (च)-देखो 'गरिस्ट'।
३ भयंकर। गरीब (डो)-वि० [अ०] (स्त्री० गरीबण, णी) १ निर्धन, | गरूरौ-वि० गर्व युक्त।
कंगाल । २ दरिद्र । ३ दीन-हीन । ४ नम्र। -खांनौ- गरेडौ (डो)-पु० वृक्षों की टहनी के बीच में होने वाली ग्रंथि । पु० घर । गरीब का घर । ---गुरबी-पु० गरीब आदमी। गर-क्रि०वि० १ पास, समीप, निकट । २ देखो 'ग्रह' । -नवाज, निवाज, नेवाज -वि. दयालु, कृपालु। | गरोळणी (बी)-कि. मिलाना, मिश्रण करना। -पू० ईश्वर । --परवर-वि० गरीबों का पालन करने गरोळारणौ (बी). गरोळावली (बी)-क्रि० मिलवाना, मिश्रण वाला, ईश्वर।
करवाना। गरीबी-स्त्री० १ दरिद्रता, निर्धनता । २ दीनता, नम्रता । गरोळी-स्त्री० छिपकली। गरु-देखो 'गुरु' ।
गरोह-देखो 'गिरोह'। गरु प्रत-पु० बड़प्पन, गौरव । -वि० बड़ा, महान ।
गरौ-पु० १ झड़बेरी के पौधों का बड़ा गोला । २ ढेर, समूह । गरुडो-स्त्री० माहात्म्य. बड़प्पन, मोटाई।
३ झुड । ४ नाश, संहार । ५ साहस, हिम्मत । ६ शक्ति, गराउ, गरुग्री (वी)-वि० १ बलवान, शक्तिशाली । २ गंभीर । __ बल । ७ देखो 'गिरोह'। ३ बोझिल, भारी । ४ महान, बड़ा ।
| गलंढी-स्त्री० दुध निकालने का बर्तन (मेवात)। गरुघंटाळ-पु० धातु का बना बड़ा घंटा । -वि० अत्यन्त चतुर । गळ-पु० [सं० गल] १ गला, गर्दन, कंठ । २ स्वर, आवाज । धूर्त, चालाक।
३ वाद्ययंत्र । ४ मछली, मीन । ५ मांसपिंड । ६ फांसी। गरुड़-पु० [सं० गरुड] १ पक्षियों का राजा एक बड़ा पक्षी। ७ डाली, शाखा । -वि० मीठा, मधुर । -क्रि०वि० पास,
२ उकाव पक्षी । ३ सेना की एक ब्यूह रचना । ४ गरुड़- निकट, समीप । इर्द-गिर्द । नुभा भवन । ५ चौदहवें कल्प का नाम । ६ छप्पय छंद का | गल-देखो 'गल्ल' । ५५ वां भेद । ७ देवालयों में पूजा की घटी। ८ रंग विशेष | गळकळ-स्त्री. गाय के गले के नीचे लटकने वाला भाग। का घोड़ा। -प्रारूद-पु. श्री विष्णु । -पासण (न) | गळकट-वि० हत्यारा। -पु० चौरामी पासनों में से एक । विष्णु, ईश्वर । गळका-स्त्री. १ म्वादिष्ट पदार्थ खाने की क्रिया । २ देखो ---केतु-पु. विष्णु । ---गांम, गांमी-पु० विष्णु । 'गिळका'। ---घंटो-पु० देवालयों में पूजा का घंटा । -धज, ध्वज-पु० गळकाणी (बी), गळकावणी (बी)-क्रि० [स० गलकलितम्] विष्ण। गरुड़ की प्राकृति में बना स्तम्भ । -यक्ष-पु०१ खाना, निगलना । २ हजम करना । नृत्य की एक मुद्रा। -पति-पू० विष्णु। -पास-स्त्री. गळकोड-स्त्री० बैलगाडी के जूऐ के नीचे लटकने वाली लकड़ी शनों को बांधने का फंदा, पाम। ..पुरांण-पु. अठारह जिमके सहारे गाड़ी खड़ी की जाती है। उप पुराणो में से एक । --वाह-पु. विष्णु । - वेग
गलकोर-स्त्री० जट की बनी पतली रम्मी जो बैल के गले पर -पु० अत्यन्त तीव्र गति । -- व्यूह-पु० सेना को एक
बांधी जाती है। व्यूहरचना विशेष । गरुड़ा-स्त्री० चमारों के गुरु, एक ब्राह्मण जाति ।
गळ को-पु० ग्रास । गरुड़ो-पु. चमारों के गुरु गुरुड़ा जाति का व्यक्ति ।
गळखोड़-स्त्री० घोड़े के गले में बांधने की चमड़े की पट्टा । गरुत-पु० [सं०] पक्षी का पर, पंख ।
गळगठ, (गंठौ, गड)-पु० [सं० गलगण्ड] गले में होने वाला गरतमान--पु. [सं० गरुत्मत् गरुड़ ।
ग्रंथि रोग।
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