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गंधार
गंड-पु० [सं०] १ कनपटी, गंडस्थल । २ हाथी का कुम्भस्थल । बाला, भ्रष्ट । ५ सड़ा हुआ, बदबूदार । -पु. ऊंट के ३ तावीज, गंडा । ४ मलद्वार, गुदा ।
बालों की बनी दरी । -पाणी-पु० शराब, मद्य । गंडक (डौ)-पु० (स्त्री० गंडकी, गंडकड़ी) कुत्ता, श्वान ।। धातु, वीर्य। गंडको-स्त्री० १ भारत की एक नदी । २ एक ताल विशेष । गंद्रप, गंद्रव-१ देखो 'गंधक' । २ देखो 'गंधरव' । ३ कुतिया।
गंध-स्त्री० [सं०] १ वास, बू । २ सुगंध । ३ बदबू । ४ पृथ्वी गडमाळ-स्त्री० [सं० गंडमाला] १ गले में ग्रंथियां होने का एक तत्त्व का गुण । ५ गंधक । ६ सुगंधित द्रव्य । ७ चंदन । रोग । २ घोड़े का एक रोग ।
-रस-पाळक-पु० भौंरा, भ्रमर । गंडसूर-पु० ग्राम शुकर, टट्टी खाने वाला सूपर।
गंधक-स्त्री० [सं०] १ एक पीला खनिज पदार्थ जो औषधि व गंडासी (सौ)-स्त्री०१ किसी वस्तु को पकड़ने का औजार ।
। बारूद बनाने के काम आता है । -वि० पीत, पीला*। संडासी । २ एक प्रकार शस्त्र । ३ झाड़ी आदि काटने का
-वटो-स्त्री० एक औषधि विशेष । उपकरण।
गंधगज-पु० [सं०] मस्त हाथी । गंडियो-देखो 'गांडू'।
गंधगात-पु० [सं०] चंदन । गंडी-स्त्री० १ दीपावली पर बनी मोर पंख की माला ।।
गधग्राही (जांण)-स्त्री० घ्राणेन्द्रिय, नासिका। (मेवात) । २ मूर्ख स्त्री । ३ देखो 'गांड' ।
गंधपत्र-पु० तमाल-पत्र । गंडूपदभव-पु० [सं०] १ शीशा नामक धातु । २ जस्ता।
गंधबह-देखो 'गंधवाह'। गंडूपदी-पु० एक कीट विशेष, गिजाई।
गंधमद, गंधमाद-पु० हाथी, गज । गडो-पु० [सं० गंडक] १ गांठ, ग्रथि । २ ताबीज के लिए |
| गंधमादन-पु० [सं०] एक प्रसिद्ध पर्वत का नाम । बांधा जाने वाला गांठदार धागा, ताबीज, गंडा ।।
गंधमायण-देखो 'गंधमादन'। ३ घोड़े की गर्दन का बंध । ४ ईख का पौधा । गतव्य-वि० [सं०] १ जानने योग्य । २ गम्य । ३ निर्धारित
गंधम्रग-पु० [सं० गंधमग] कस्तूरी मृग । . लक्ष्य।
गंधरब (व), गंधव-पु० [सं० गंधर्व] १ एक देव जाति जो गंता-वि० राहगीर, यात्री ।
गायन कार्य करते थी। २ घोड़ा । ३ गवैयों का भेद । गवक-देखो 'गंधक'।
४ कस्तूरी मृग । ५ काली कोयल । ६ एक जाति जिसकी गदगी-स्त्री० [फा०] १ मलिनता, मैलापन । २ मल, मैल। कन्यायें वेश्यावृत्ति व गायन करती हैं। --विद्या-स्त्री.
३ कूड़ा, कचरा । ४ अशुद्धता, अपवित्रता । ५ दुर्गन्ध । संगीत । -विवाह-पु० प्रेम विवाह । -वेद-पु० चार ६ भ्रष्टता।
उपवेदों में से एक। गंदणी (बी)-देखो 'गोदणी' (बी)
| गंधवती-स्त्री० एक पौराणिक नगरी। गदरप-१ देखो 'गंधरव' । २ देखो 'गंधक'।
गंधवह, (वहण)-पु० [सं० गंधवाह] १ वायु, हवा । २ नाक, गवळ-स्त्री० [सं० कंदल] १ कोंपल, किसलय । २ मूली, प्याज नासिका। ___ प्रादि की रसदार कच्ची नाल ।
गंधवाद-पु० बहत्तर कलाओं में से एक । नंबळी-वि० (स्त्री० गंदळी) १ मैला, कुचेला। २ गंदा।
| गंधवाह-पु० [सं०] १ वायु, पवन । २ नाक, नासिका। ३ अपवित्र । -पु० गंदला पानी।
-सुत-पु० भीम । हनुमान । गंदाबगळ-पु० दोनों बगल में भौंरियों वाला घोड़ा।
गंधविरोजा-पु० चीड़ वृक्ष का गोंद । गंदियो -पु० १ गेहूं की फसल के साथ होने वाला एक घास । गंधसार-पु० [सं०] चंदन । २ वर्षा ऋतु में होने वाला एक कोट । ३ देखो 'गंदी'।
| गंधसुख-पु० [सं०] भ्रमर, मधुप । गंदीवाड़ी-पु० १ गंदगी मैलापन । २ किसी स्थान पर पड़ा हुआ | गंधहर-पु० [सं०] नासिका, नाक । कूड़ा, कचरा, मल । ३ भ्रष्टाचार ।
गंधहस्ती-पु० [सं०] मदोन्मत्त हस्ती। गंदेली, गंदोली-स्त्री० एक खुशबूदार घास ।
गंधार-स्त्री० [सं० गांधार] १ सिंधु नदी के पश्चिम का प्रदेश । गंदी-वि० [फा० गंदा] (स्त्री० गंदी) १ मैला, कुचेला, गंदा । २ इस प्रदेश का निवासी । ३ सगीत में एक स्वर ।
२ मलिन, अशुद्ध । ३ घिनौना । ४ गंदे कार्य करने । ४ प्राणवायु । ५ स्वरस्थान, नासिका । ६ एक राग
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